अब जंक्शन का लोड काशी करेगा हल्का
वाराणसी (ब्यूरो)। कैंट रेलवे स्टेशन को देश का मॉडल बनने की कवायद चल रही है। रोपवे से जोडऩे के बाद अब इसका लोड कम करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसका लोड काशी स्टेशन पर शिफ्ट किया जाएगा। मुंबई और हावड़ा रूट की सभी ट्रेनें अब यहां ठहरेंगी। नमो घाट और राजघाट पुल समेत अन्य पर्यटक स्थल होने के कारण यह कार्य किया जा रहा है। अभी पीडीडीयू नगर से आने वाली हावड़ा और मुंबई रूट की अधिकतर टे्रेनें यहां से गुजरती हैं, लेकिन ठहरती नहीं है। इसके पहले दिल्ली रूट की ट्रेनों को बनारस स्टेशन पर शिफ्ट किया गया है। काशी स्टेशन को भव्य और दिव्य बनाने की दिशा में चार एकड़ में 350 करोड़ रुपये से यात्री सुविधाएं विकसित होनी हैं।
यात्री सुरक्षा के लिए बेहतर होगी जीआरपी चौकीफिलहाल काशी स्टेशन पर एक ही प्रवेश द्वार है, लेकिन अब दूसरा भी बनाया जा रहा है। फूड प्लाजा, रिटायरिंग रूम, वातानुकूलित लाउंस, यात्री हाल बनाने के साथ ही प्लेटफार्मों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। पहले और दूसरे प्रवेश द्वार के बीच फुट ओवरब्रिज का निर्माण होना है। टिकट काउंटर, आरक्षण केंद्र के साथ ही यात्री सुरक्षा भी चौक चौबंद होगी। अत्याधुनिक सीसी कैमरे बढ़ाने के अलावा जीआरपी चौकी बेहतर होगी.
रोडमैप किया तैयाररेलवे ने प्लेटफार्म पर पार्सल की वजह से यात्रियों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने का रोडमैप तैयार किया है। पार्सल टे्रनों को भीड़भाड़ वाले यात्री स्टेशन की बजाय लोहता और व्यास नगर में पार्सल उतारे और चढ़ाए जाएंगे। व्यास नगर और लोहता में गुड्स रखने के लिए शेड तैयार किया जाएगा। पार्सल और गुड्स टे्रनें सीधे इन स्टेशनों पर भेजी जाएंगी। रेलवे ने श्रम उपलब्धता और संपर्क को ध्यान में रखकर किया है। व्यास नगर स्टेशन की रिमॉडलिंग भी कराई जाएगी। गुड्स वार्ड में जाने वाली लाइन का दोहरीकरण होगा.
क्रॉसिंग के पास बनेंगे अंडरपास रेलवे क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे शिवपुर और लोहता में पडऩे वाले क्रॉसिंग पर अंडरपास का प्रस्ताव तैयार है। मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू होगा। इसके बनने से सड़क जाम से मुक्ति मिलेगी। टे्रन आने पर फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना होगा. लोका रनिंग स्टाफ का नया ठिकानाकैंट स्टेशन के डीजल लॉबी में रनिंग स्टाफ का नया ठिकाना माल गोदाम रोड पर बनकर तैयार है। अधिकारियों का कहना है कि लोको रनिंग स्टाफ को टे्रन संचालन से पहले डीजल लॉबी साइन इन और साइन ऑफ करने जाना होता था। इसमें काफी समय लगता था। समय बचाने और स्टाफ की सुविधा के लिए बदलाव किया जा रहा है.
कैंट रेलवे स्टेशन का लोड कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है। काशी स्टेशन पर यात्री सुविधाएं विकसित होने के बाद लंबी दूरी की टे्रनें वहां ठहरेंगी। फिलहाल कुछ ही ट्रेनें यहां ठहरती हैं। हालांकि अंतिम निर्माण रेलवे बोर्ड ही लेगा. गौरव दीक्षित, डायरेक्टर, कैंट स्टेशन