गर्मी संग मच्छरों का सितम, फॉगिंग के लिए किसका है इंतजार
वाराणसी (ब्यूरो)। फरवरी मध्य और मार्च के पहले सप्ताह से गर्मी के साथ मच्छरों का भी आंतक शुरू हो गया है। इससे बचने के लिए शहर के लोगों के द्वारा हर रोज नए प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन सभी धराशायी हो जा रहे हैं। शहर को मच्छरों से आजादी दिलाने वाला नगर निगम का स्वास्थ्य महकमा अभी सोता हुआ दिखाई दे रहा है। इस महकमे के द्वारा लोगों को मच्छरों से आजदी दिलाने के लिए अभी तक कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। अभी तक नगर निगम के द्वारा शहर के किसी भी कोने में मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग नहीं की गई है। ऐसा लगता है कि नगर निगम प्रशासन बीमारी फैलने का इंतजार कर रहा है.
आधी से ज्यादा मशीनें खराबशहर की घनी आबादी और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने शहर में फागिंग कराने के लिए 2019 में 16 मशीनें खरीदी थी। इनमें से नगर निगम प्रशासन के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इनमें से 9 मशीनें खराब हो गई हैं। इसके बाद बची हुई सात मशीनों के माध्यम से समयानुसार रोटेशन वाइज वरिष्ठतम अधिकारियों के आदेश पर फागिंग कराई जाती है। फिलहाल अभी तक कोई भी फागिंग कराने का आदेश नहीं मिला है.
100 वार्ड के सापेक्ष महज 50 मशीनें
बनारस संकरी और तंग गलियों वाला शहर है। यहां पर प्रत्येक गली में बड़ी मशीन से फागिंग करा पाना प्रशासन के लिए काफी चुनौती है, जिसको देखते हुए 50 साइकिल वाली मशीनों की खरीदारी की गई। इनके माध्यम से शहर के कई इलाकों में फागिंग का कार्य कराया जाता है। वास्तव मेें इनमें से भी आधी से ज्यादा साइकिल मशीनें कबाड़ घोषित हो गई हंै, जिनके लिए नगर निगम प्रशासन के द्वारा कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर कैसे शहर को मच्छरों के आंतक से मुक्त कराया जाए. महज 500 मीटर की फागिंग शहर के अंदर जो भी साइकिल वाली फागिंग मशीन अवलेबल है, उनसे महज 500 मीटर की दूरी तक ही फागिंग की व्यवस्था अवलेबल है। इसके बाद उन मशीनों के पेट्रोल और केमिकल खत्म हो जाते हैं, जिनके बाद वे काम करना बंद कर देते हैं। साथ ही छिड़काव करने वाले कर्मचारी साइकिल पर वापस बैठकर अपने घर चले जाते हैं, लेकिन उन्हें ठीक कराने के लिए नगर निगम के अधिकारियों की तरफ से कोई भी ध्यान नहीं दिया जाता है. गंदगी से उपज रहे हैं मच्छरमच्छरों के उपजने का सबसे प्रमुख कारण है कि अपने आसपास और पड़ोस में गंदगी का अंबार और नियमित सफाई का अभाव होना। लोगों के द्वारा भी कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया जाता है। इतना ही नहीं गंदगी के उठान के बारे में नगर निगम के अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी पीछे हैं.
समस्त फागिंग मशीनों के साथ ही सफाईकर्मियों को क्रियाशील कर दिया गया है। रोटेशन चार्ट के आधार पर फागिंग का कार्य करवाया जा रहा है। जहां कहीं से भी शिकायत मिलती है वहां पर सबसे पहले प्रमुखता के साथ फागिंग करवाई जा रही है. एनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी टेस्टिंग और इसके पश्चात नगर निगम के साथ समन्वय बनाते हुए उनके संसाधनों का प्रयोग करते हुए वैरिफाई लोकेशन पर मेडिसिन का छिड़काव कराया जा रहा है. शरतचंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी मच्छरों से लोगों को बचाव करते हुए अपनी सेहत का विशेष ख्याल करना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का विशेष प्रयोग करना चाहिए। आसपास साफ सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए. संदीप चौधरी, सीएमओ