शहर के घाट वाले निचले इलाकों में नेटवर्क प्राब्लम से नहीं हो पा रही मीटर रीडिंग बूस्टर मैथेड की मदद से मीटर की रीडिंग लेकर विभाग कर रहा एवरेज बिलिंग का प्रयास

वाराणसी (ब्यूरो)बिजली विभाग की तरफ से शहर के दोनों सर्किल में लगाए गए स्मार्ट मीटर में से करीब 36 हजार मीटर पूअर नेट सिग्नल के चलते फेल हो गए हैं। इसके चलते यूनिट न आने से करीब दो करोड़ रुपये की बिलिंग फंस गई है। महकमे के अफसर तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। बूस्टर से नेट स्पीड बढ़ाकर मौजूदा रीडिंग के आधार पर पुराने कंज्यूम का एवरेज निकाला जा रहा है। जल्द ही टेक्निकल टीम हायर कर समस्या के समाधान की बात कही जा रही है.

कितनी यूनिट बिजली खपत

शहर के बड़े अपार्टमेंट और होटल के साथ ही गंगा और वरुणा के तटीय इलाकों में 36 हजार बिजली के स्मार्ट मीटर लगाये गए है। बताया जा रहा है कि इन एरिया में समतल धरातलीय इलाके के समान नेटवर्क नही मिल रहा है, जिसके कारण सिग्नल नहीं मिल पाने से मीटर यूनिट को रीड नही कर पा रहे .मीटर रीडर को तत्काल पता ही नहीं लगता कि कंज्यूमर ने कितनी बिजली का यूज किया है.

टेक्निकल टीम करेंगे हॉयर

हाल ही बिजली विभाग के आडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि शहर के निचले इलाको और घाटों के किनारे लगे स्मार्ट मीटर सही तरीके से कार्य नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण बिजली विभाग की बिलिंग लटक गई है.ऐसे में अधिकारियों ने दावा है कि एक-दो माह के अंदर इस समस्या के निराकरण के लिए मीटिंग कर टेक्निकल लेवल की टीम को हायर किया जाएगा, ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके.

दो करोड़ फंसने का अनुमान

इस खामी की वजह से बिजली विभाग का करीब दो करोड़ रुपया फंस गया है। इस बारे में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सही यूनिट रीड नहीं होने के कारण रेवेन्यू फंस रहा है। सर्किल प्रथम को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सर्किल प्रथम के सभी बिजली घरों के ट्रांसफार्मरों से सप्लाई होने वाली बिजली और कुल रेवेन्यू के कैलकुलेशन के बाद विभाग ने पाया कि अब तक तीन माह के अंदर करीब दो करोड़ की बिलिंग लटक गई है.

क्या तरीका अपनाया

इन इलाको में सिग्नल के कारण स्मार्ट मीटर फेल होने पर बिजली विभाग बूस्टर मैथड भी अपना रहा है। सभी निचली इलाको में लगे स्मार्ट मीटर की पहचान विभाग के लाइनमैन और रीडर से कराई गई है। मीटर रीडर और लाइनमैन विभाग के सिस्टम के साथ बूस्टर साफ्टवेयर लेकर जाते हैं और मीटर में लगाकर यूनिट को रीड करते हैं। उस समय जो रीडिंग आती है, जिसको आधार मानते हुए एवरेज बिलिंग की कर भुगतान का प्रयास किया जाता है.

तटवर्ती इलाको के मीटर में सिग्नल सही तरीके से नहीं मिल पाने के कारण यूनिट रीडिंग में समस्या आ रही है। टेक्निकल कंपनी हायर की जा रही है। समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इन इलाको में दूसरे मीटर लगवाए जाएंगे.

अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता,सर्किल प्रथम

Posted By: Inextlive