विजय यादव का संबंध कहीं सुबास व गोरख गैंग से तो नहीं कुख्यात माफिया को गोली मारने पर गांव में हर कोई हतप्रभ


वाराणसी (ब्यूरो)लखनऊ न्यायालय में कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोली मारने के आरोपित विजय यादव के इस कदम से सुल्तानपुर गांव का हर कोई हतप्रभ है। वहीं जरायम की दुनिया में सुबास यादव व गोरख के बाद विजय यादव को भी लेकर केराकत एक बार फिर चर्चा में आ गया है। पुलिस ने की पूछताछलखनऊ में घटना अंजाम देने वाला विजय यादव के आपराधिक संबंध को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा है कि क्षेत्र में सक्रिय दो गिरोहों से इसका संबंध तो नहीं है। इस बारे में पुलिस सहित अन्य लोग भी कयास लगा रहे हैं। लखनऊ की घटना से पूर्व उसके बारे में सिर्फ लोग यही जानते थे कि वह किसी कंपनी में मजदूर है। पुलिस ने भी काफी गंभीरता से हर पहलू पर परिजनों व ग्रामीणों से गहनता से पूछताछ की, लेकिन उसके बारे में कुछ ठोस जानकारी नहीं जुटा पाई।


किसी गैंग से तो नहीं जुड़ा

क्षेत्र में सुबास यादव व गोरख यादव का गैंग सक्रिय रहता है, जो आसपास जिले व प्रदेश के बाहर तक की घटनाओं को अंजाम देते रहते है। वहीं कुछ आपराधिक विचारधारा के लोग इन लोगों से जुड़कर क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं। ऐसे में लोगों द्वारा आशंका जाहिर की जा रही है कि कहीं विजय यादव भी तो इन्हीं लोगों से प्रेरित नहीं हुआ। हालांकि सीओ गौरव शर्मा ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। कुछ दिन जेल में रहादेवगांव थाने में विजय यादव के खिलाफ अपहरण, पास्को एक्ट व दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज है। उसी मामले में यह कुछ दिन जेल में बंद था, आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं उसी दौरान तो इसका किसी माफिया से जुड़ाव तो नहीं हुआ। बचपन से ही मनबढ़ग्रामीणों की मानें तो बचपन से ही विजय यादव मनबढ़ किस्म का था। मारपीट या गाली गलौज उसके लिए आम बात थी, लेकिन पुलिस की निगाह में आने से बचता था। अपने पट्टीदारों व पड़ोसियों को आगे बढ़ता देख उसे भी एक दिन बड़ा आदमी बनने की ललक थी। जो उसके बातों से झलकती थी। पढ़ाई-लिखाई के बाद विजय यादव पहले रोजगार के सिलसिले में मुंबई का रुख किया। जहां से कुछ न बनता देख घर लौट आया।बड़ा करने का था इरादा

कुछ बड़ा करने के इरादे से वह लखनऊ गया, घर पर वह बताया था कि पेयजल की पाइप डालने का कार्य करता है, लेकिन बुधवार को पुलिस के घर पहुंचने पर उसके द्वारा किए गए कार्य के बारे में परिवार वालों को पता चला। गांव के लोगों ने बताया कि जब वह घर आता था तो कहता था कि मैं एक साल में ही पड़ोसियों व पट्टीदारों से बड़ा घर बनवाऊंगा। बड़ा घर होगा, बड़ी गाड़ी होगी। आसपास के लोग देखकर उसे डरेंगे। आशंका है कि इन्हीं इच्छाओं को लेकर वह जरायम की दुनिया में तो कदम नहीं रखा.

Posted By: Inextlive