शहर की फलमंडी पहाडिय़ा विद्यापीठ सुंदरपुर छोटा लालपुर में आ रही है धुआंधार लीची मुजफ्फरपुर से ज्यादा बंगाल की लीची की डिमांड बंगाल की लीची के दाने होते है छोटे और ज्यादा मीठे

वाराणसी (ब्यूरो)शहर बनारस को हर प्रकार के स्वाद और सेहत का बाजार कहा जाता है। पूर्वांचल में बनारस एक ऐसा शहर है कि जहां से फल से लेकर मिठाई और तरल पदार्थों की एक लंबी लड़ी निकलती है जो कि बनारस सहित पूर्वांचल के आस पास के जिलों में अपनी खूशबू बेखरती है और इस स्वाद का आनन्द उठाने के लिए बनारस सहित आसपास के जिलो के लोगों का आना प्रतिदिन लगा रहता है.ऐसे में इस गर्मी के सीजन में एक तरफ लोग जहां तेज धूप और भीषण गर्मी से परेशान है तो वहीं बाजार में लोगों को राहत देने के लिए बिहार के मुजफ्फरपुर और बंगाल की लीची ने अपनी जगह बना ली है.पिछले एक सप्ताह से बनारस की हर फल मंडी से लेकर हर रोड पर लीची की दुकानें सजी दिखाई देने लगती हैैंं और लोगों के द्वारा लीची की खूशबू के आगे लालच वश खड़े होकर खरीदते हुए देखा जा सकता है.

डिमांड में बंगाल वाली

शहर में इस समय विश्व में मशहूर बिहार के मुजफ्फरपुर और बंगाल की लीची आ रही है। लेकिन ग्राहकों को बंगाल वाली लीची ज्यादा भा रही है। इस बारे में दुकानदारों का कहना है कि बंगाल वाली लीची दरअसल छोटे दाने की होती है और मुजफ्फरपुर की लीची से ज्यादा मीठी होती है। इतना ही नही ग्राहकों का कहना है कि मुजफ्फरपुर की लीची में बारिश के बाद मिठास आती है इसलिए बारिश के पहले तक बंगाल वाली लीची की डिमांड ज्यादा है.

आम आदमी की पहुंच से दूर

दरअसल अभी बनारस के बाजार में लीची का आना शुरू हुआ है.जिसके कारण लीची के दामों में रेट काफी हाई है.तो वहीं दूसरी तरफ दुकानदारों का कहना है कि लीची अपने राज्य में पैदा नही होती है जो भी लीची आती है वह दूसरे राज्यों से आती हैं जिसके कारण इम्पोर्ट चार्ज ज्यादा हो जाता है और जो भी लीची होती है उसमें अढ़तियों से लेकर सेठों के कमीशन फिक्स होते हैं और उसी रेट पर हम लोगों को मिलती है जिसके कारण अभी रेट हाई चल रहा है.लेकिन एक सप्ताह के बाद रेट में गिरावट देखने को मिल सकती है.

पूजा पाठ में उपयोग

अभी जो मार्केट में लीची अवलेबल है उसे एक तरफ जहां आम लोग खरीद रहे हैं अपने किचेन के फ्रूट गैलरी की शोभा बढाने के लिए, तो वहीं दूसरी तरफ आस्था में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए लीची काफी फायदेमंद साबित हो रही है। लोग पूजा पाठ में भगवान को भोग लगाने के लिए भी लीची का इस्तेमाल किया जा रहा है.तो दूसरी तरफ बनारस को पूर्वाचल का मार्केट हब कहा जाता है तो यहां से ही आसपास के जिलों के दुकानदार खूब थोक के भाव खरीददारी करके अपने अपने जिलो में बेच रहे हैैं.

एक नजर लीची के रेट पर-

लीची-रेट प्रति केजी

मुजफ्फरपुर लीची-90 रूपये

बंगाल लीची-120 रूपये

लीची की जबरदस्त खेप आ रही है.जिसको देखते हुए हम लोग अपनी दुकानों का मेल बनाने के लिए दोनों प्रकार की लीची को रख रहे है.

एकहत्तर ,दुकानदार

इस समय हम लोग अपनी दुकानों पर दोनों राज्यों की लीची को रख रहे है.लेकिन ग्राहकों को बंगाल वाली लीची ज्यादा पसंद रही है.

मुन्ना ,दुकानदार

बारिश नही होने से अभी लोगों को बिहार की लीची ज्यादा पंसद नही आ रही है। जैसे ही बारिश होगी वैसे ही इसकी डिमांड बढ़ जायेगी.

राजा दुकानदार

दोनों मेल की लीची रखी जा रही है। इस दौरान ज्यादा मात्रा में आजमगढ सोनभद्र के साथ मऊ के लोगों के द्वारा हम लोगों के दुकानों से ही लीची की खरीददारी की जा रही है.

अजय, दुकानदार

Posted By: Inextlive