वाराणसी को दहलाने वाले आतंकी वलीउल्लाह को आजीवन कारावास
वाराणसी (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश को 16 साल पहले दहलाने की तैयारी करने वाले आतंकी वलीउल्लाह को एनआइए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसने सात मार्च 2006 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर, कैंट रेलवे स्टेशन और दशाश्वमेध घाट पर बम विस्फोट किया था। सीरियल बम धमाके में संकट मोचन मंदिर में सात और रेलवे कैंट में 11 लोगों की जान चली गई थी। लखनऊ में आतंकी वलीउल्लाह को आरडीएक्स, डेटोनेटर व पिस्टल समेत अन्य सामग्री के साथ पकड़ा गया था। कोर्ट ने दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। विशेष न्यायालय ने बुधवार को आतंकी वलीउल्ला को विस्फोटक बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया था.
2006 में हुआ था गिरफ्तारलखनऊ पुलिस ने वलीउल्लाह को पांच अप्रैल, 2006 को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि वलीउल्लाह प्रदेश को दहलाने की तैयारी में था। वह साथियों के साथ अलग-अलग इलाकों में बम विस्फोट करने की साजिश रच चुका था। साजिश के तहत तीन मार्च 2006 की रात में वलीउल्लाह प्रयागराज, फूलपुर गया था। वहां उसने साथी बांग्लादेशी आतंकियों के रुकने की व्यवस्था की थी। साथियों के साथ अगले दिन वाराणसी में बम विस्फोट की योजना बनाई और इलाके भी चिन्हित किए। आतंकी वलीउल्लाह ने वाराणसी में संकट मोचन मंदिर, रेलवे कैंट और दशाश्वमेध घाट पर सात मार्च 2006 को बम विस्फोट किए थे.
मिले थे एके-47 व आरडीएक्स गिरफ्तारी के समय पुलिस को वलीउल्लाह के पास से एके-47 और आरडीएक्स मिले थे। वलीउल्लाह पर मार्च, 2006 में संकट मोचन मंदिर में हुए धमाके की साजिश रचने और आतंकी संगठन हूजी को पनाह देने का आरोप था। वाराणसी के वकीलों ने वलीउल्लाह का केस लडऩे से मना कर दिया था। इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केस गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। वहां वलीउल्लाह को छह जून, 2022 को वाराणसी के संकट मोचन मंदिर समेत अन्य इलाकों में विस्फोट करने के मामले में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद वलीउल्लाह की तरफ से एनआइए कोर्ट में अपील की गई थी, जिसने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.