प्रयागराज टू वाराणसी हाइवे की लेफ्ट लेन कांवरियों के लिए बुक
वाराणसी (ब्यूरो)। सावन महीने में काशी आने वाले शिव भक्तों की सहूलियत के लिए टै्रफिक पुलिस ने भी खाका बना लिया है। प्रयागराज से काशी आने वाले कांवरियों की भीड़ को देखते हुए हाइवे-2 की बाईं लेन को कांवरियों के लिए बुक कर दिया गया है। इस मार्ग पर सिर्फ कांवरियों का आना-जाना ही रहेगा। उधर, रेलवे प्रशासन ने सारी तैयारी कर ली है। रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। कैंट, बनारस और काशी स्टेशन पर जवान भी तैनात होंगे। रोडवेज भी बसों का इंतजाम कराने में जुटा है.
वाहनों की लगेगी कतारइस बार दो माह तक चलने वाले सावन मेला में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु आने की संंभावना है। कोई पैदल, कोई बाइक तो कोई चार पहिया वाहन से आएगा। बड़े वाहनों की भी कतार लगेगी। ऐसी स्थिति में शहर और आस-पास का ट्रैफिक मैनेजमेंट एक चैलेंज होगा। सड़कों पर डायवर्जन लागू करने के साथ पार्किंग और सुरक्षा इतंजाम मजबूत किए जा रहे हैं.
ये होगा ट्रैफिक प्लानशहर में भारी वाहनों को प्रवेश नहीं होगा। डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप ङ्क्षसह के अनुसार इस बार 20 पार्किंग स्थल तय किए गए हैं, जो जनपद वार वाहनों के लिए होंगे। सड़कों पर डायवर्जन का समय भीड़ के अनुसार तय किया गया है। सावन में हर रविवार शाम पांच से सोमवार रात 12 बजे तक शहर में वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। सावन माह में प्रयागराज से बनारस के बीच नेशनल हाइवे-2 की बाईं लेन कांवरियों के लिए सुरक्षित रहेगी। हर शनिवार को रात आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक बनारस में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.
धाम की ओर पैदल जाएंगे श्रद्धालु सावन में हर रविवार की रात दस बजे से सोमवार रात 12 बजे तक मैदागिन से गोदौलिया होते रामापुरा तक नो-व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा। इस मार्ग पर किसी भी तरह के वाहन नहीं जाएंगे। केवल पैदल श्रद्धालु ही चलेंगे। शहर में यहां होगी पार्किंग छोटे व मध्य श्रेणी के वाहनों के लिएबेनियाबाग मैदान, मजदा सिनेमा, क्वींस कालेज, लहुराबीर, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर, कङ्क्षटग मेमोरियल स्कूल नदेसर, नेशनल इंटर कालेज पीली कोठी, भदऊ चुंगी रेलवे मैदान, मच्छोदरी पार्क मैदान, भारत माता मंदिर परिसर, रङ्क्षवद्रपुरी। भारी वाहनों के लिए जगतपुर इंटर कालेज रोहनिया, इंडिया होटल के पास मैदान नदेसर, सेंट मेरीज कालेज के पास कैंट, वीआईपी-जिला प्रशासन, अर्ध सैनिक बल के वाहन हरिश्चंद्र डिग्री कालेज के पास, सनातन धर्म इंटर कालेज और शव वाहन टाउन हाल मैदान, हरिश्चंद्र डिग्री कालेज के पास पार्क होंगे.
जनपद वार वाहनों के लिए पार्किंग प्रयागराज की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए लहुराबीर पर क्वींस इंटर कालेज, मंडुआडीह स्थित इंडस्ट्रीयल एरिया, लहरतारा कैंसर अस्पताल स्थित स्टेडियम, भारत माता मंदिर परिसर में पार्किंग बनाया गया है। आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर रोड की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि परिसर, कङ्क्षटग मेमोरियल स्कूल नदेसर के मैदान में पार्किंग स्थल बनाया गया है. बिहार व चंदौली से आने वाले वाहनों के लिए नेशनल इंटर कालेज पीली कोठी व भदऊ चुंगी रेलवे विभाग मैदान में पार्किंग बनाई गई है. हर सोमवार व प्रमुख त्योहारों पर यातायात व्यवस्था प्रयागराज से जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर की तरफ जाने वाले वाहनों को औराई चौराहे से भदोही कस्बा होते जौनपुर की तरफ डायवर्ट किया जाएगा। गाजीपुर से प्रयागराज जाने वाले भारी वाहन औड़ीहार, केराकत, जौनपुर होते प्रयागराज जाएंगे. विशेष परिस्थितियों में बिहार से आने वाले भारी वाहनों को रामनगर-चुनार-मीरजापुर होकर प्रयागराज की तरफ भेजा जाएगा। स्टेशनों के लिए जारी किया गया अलर्ट, 300 जवान होंगे तैनात कैंट स्टेशन पर नोडल अधिकारी, बम डिस्पोजल दस्ता, फायर ब्रिगेड विभाग की भी लगेगी ड्यूटीमलमास के कारण अबकी 59 दिनों के सावन में रेल प्रशासन की सुरक्षा जिम्मेदारियां भी बढ़ेगी। श्रद्धालुओं का रेला उमडऩे की उम्मीद में जीआरपी और आरपीएफ ने सुरक्षा का खाका खींचा है। श्रद्धालु ट्रेनों से उतरकर सुरक्षित धाम के लिए रवाना हो सकें और लौटकर गंतव्य को जाते रहें, इसके लिए 300 जवान तैनात किए जाएंगे। जीआरपी के कैंट स्टेशन पर 117 जवान तैनात होंगेे। कैंट के अलावा काशी और बनारस स्टेशन के थानों पर तैनात आरपीएफ, जीआरपी के जवानों की छुट्टियां निरस्त रहेंगी। इनकी जिम्मेदारी सावन ड्यूटी के जवानों संग चाक-चौबंद ड्यूटी की होगी। आरपीएफ प्रशासन ने भी सैकड़ा जवानों की डिमांड मुख्यालय से की है.
सावन में 60 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे निगाह रखेंगे। तीसरे एफओबी के एस्केलेटर भी एक-एक कर शुरू कर रहे हैं। चार जुलाई से पहले सारे एस्केलेटर चलने लगेंगे। सुरक्षा एजेंसियों को भी भीड़ का आंकलन कर तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं. लालजी चौधरी, एडीआरएम