गलती उनकी भुगत रहे स्टूडेंट्स
-काशी विद्यापीठ में एग्जाम फॉर्म के अग्रसारण में लापरवाही आयी सामने, स्टूडेंट्स का रिजल्ट फंसा, साल बर्बाद
VARANASI: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से एफिलिएटेड कॉलेज की लापरवाही के चलते स्टूडेंट्स का रिजल्ट अटक गया है। दरअसल कई प्राइवेट परीक्षार्थियों ने जानकारी के अभाव में प्रैक्टिकल सब्जेक्ट से एग्जाम फॉर्म भर दिया था। नियमानुसार प्राइवेट पढ़ाई करने वालों को प्रैक्टिकल सब्जेक्ट सेलेक्ट करने का परमिशन नहीं है। इसके बावजूद एफिलिएटेड कॉलेजेज ने आंख मूंद कर फॉर्मो को अग्रसारित कर दिया। लिहाजा इन स्टूडेंट्स ने ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर का एग्जाम भी दे दिया है। अब नियम विरुद्ध होने के कारण यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इन स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोक दिया है। साल हुआ चौपटयूनिवर्सिटी की एडमिशन नियमावली के तहत प्रैक्टिकल सब्जेक्ट से सिर्फ रेगुलर स्टूडेंट ही स्टडी कर सकते हैं। प्राइवेट स्टूडेंट्स के लिए ये सब्जेक्ट्स नहीं होते। ऐसे में उनका एक साल बर्बाद होना तय है। वहीं प्राइवेट परीक्षार्थियों का कहना है कि इस संबंध में यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर कोई स्पष्ट निर्देश न होने के कारण यह चूक हो गई। उनका कहना है कि फॉर्मो की जांच कर अग्रसारण करने की जिम्मेदारी संबंधित कॉलेजेज की होती है। इसके लिए एग्जाम फीस के अलावा ख्00 रुपये अग्रसारण शुल्क भी निर्धारित किया गया है। इसके बावजूद बिना देखे कॉलेजेज ने फॉर्म का अग्रसारण कर दिया। ऐसे में फॉर्म अग्रसारित करने वाले कॉलेजेज के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।