Varanasi news: जान लीजिए जाम के हॉट स्पॉट, यहां टेंशन बने टोटो
वाराणसी (ब्यूरो)। कमिश्नरेट पुलिस ने शहर को जाम फ्री करने का नया प्लान बनाया है। इसे तत्काल लागू भी कर दिया गया। मंडुवाडीह चौराहे पर सोमवार से शुरू हुई यू-टर्न व्यवस्था पहले दिन सफल नजर आई। पुलिस ने 20 चौराहे भी सार्वजनिक किए, जो जाम की जद मेें हैं। साथ ही सुधार की कार्ययोजना बताई तो वाराणसी की पब्लिक ने भी जरूरी फीडबैक दे डाले। किसी ने 20 चौराहों में पांडेयपुर, भोजूबीर, इंग्लिशिया लाइन को शामिल करने का सुझाव दिया, तो किसी ने इसे केवल एक कागजी कार्रवाई बताया तो किसी ने शहर से ऑटो-टोटो हटाने की मांग की।
जाम की जद में ये 20 स्थान
ककरमत्ता पुल, भिखारीपुर तिराहा, सुंदरपुर चौराहा, मालवीय चौराहा बीएचयू गेट, नगवा चौराह, सामने घाट पुल, टेंगरा मोड़, रामनगर चौराहा, सूजाबाद-पड़ाव चौराहा, राजघाट पुलिस से नमो घाट तक, रेलवे क्राङ्क्षसग आदमपुर, भदउ चुंगी रेलवे डाट पुल, गोदौलिया चौराहा, रामापुरा चौराहा, बेनियाबाग तिराहा, गुरुबाग तिराहा, रथयात्रा चौराहा, मैदागिन चौराहा, नीमा माई तिराहा भेलूपुर, कचहरी चौराहा।
और भी हैं जाम प्वाइंट
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कमिश्नरेट पुलिस की ओर से चिन्हित 20 चौराहों को छोड़कर अन्य जाम वाले प्वाइंट की पड़ताल की तो जाम की कई तस्वीर सामने आईं। इंग्लिशिया लाइन तिराहे के पास बेतरतीब तरीके से टोटो-ऑटो वाले खड़े दिखे। यूनियन और बड़ी संख्या के चलते टोटो-ऑटो वालों की मनमानी भी खूब दिखी। तिराहे के आसपास करीब 200 मीटर की परिधि में इनका ही कब्जा था। लगभग यही स्थिति पांडेयपुर, भोजूबीर, विशेश्वरगंज आदि चौराहों पर भी दिखी।
सुधार का ये है प्लान
1. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शहर में सुचारू यातायात के लिए थाने के दो सब इंस्पेक्टर व चार सिपाही की ड्यूटी चिन्हित चौराहों पर लगाई है। साथ ही एसीपी व थाना प्रभारी दिन में दो बार उस स्थान पर जाएंगे और जरूरी होने पर वहां तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देश देंगे।
2. 20 चिह्नित चौराहों से दो सौ मीटर तक नो व्हीकल जो रहेगा। यहां वाहन पार्किंग या अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
3. चौराहों के आसपास के बीस दुकानदारों व स्थानीय लोगों की ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी का गठन किया जाएगा, जो जाम लगने पर थाना प्रभारी के साथ यातायात हेल्पलाइन नंबर 7317202020 पर फोटो के साथ सूचना देंगे।
एक्स पर आए सजेशन
ञ्चष्ठद्बठ्ठद्गह्यड्ड्यड्डह्यद्ब लिखते हैं कि यह केवल एक कागजी कार्यवाही है। हकीकत से इसका कोई मतलब नहीं है। लंका से लेकर कैंट तक पूरे शहर में जाम का कारण जिला प्रशासन ट्रैफिक पुलिस है।
ञ्चञ्जड्डठ्ठद्मद्धड्डठ्ठठ्ठ लिखते हैं कि पन्ना लाल पार्क के आगे कमिश्नर आवास से लेकर नगर आयुक्त आवास हुंडई कार शोरूम तक सड़क के किनारे साइकिल पर फल की दुकानें लगी रहती हैं, यह किसके आदेश से लग रही हैं। इसके चलते अक्सर जाम और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
ञ्चस्ड्डह्लद्बह्यद्धक्र१२०२३८३७ लिखते हैं कि सुचारू यातायात लिस्ट में पांडेयपुर चौराहे को भी शामिल कर लिया जाना चाहिए। यहां पर ऑटो, ठेले और खोमचे वालों ने आधी सड़क पर कब्जा कर लिया है, जिससे अक्सर जाम लगता है।
ञ्चङ्कद्बड्ढद्धह्वह्लद्बद्वद्बह्यह्म्ड्डड्ड लिखते हैं कि जंगमबादी से मदानपुरा के बीच जाम का कारण टोटो और रिक्शा हैं। इन पर लगाम लगे। इसके अलावा मैदागिन से गोदौलिया तक रिक्शों की भरमार रहती है। इस पर अंकुश लगे।
ञ्चह्यह्वस्रद्ध_द्धद्बठ्ठस्रह्वह्यह्लड्डठ्ठद्ब लिखते हैं कि साजन तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस खड़ी होती है, लेकिन भीड़ के चलते दिखती ही नहीं है। कृपया उन्हें ऊंचा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाए, ताकि हर किसी को सिग्नल्स दिखें.
ञ्चद्भड्डद्भशस्रद्बड्ड_ह्म्ड्डद्भद्गद्ग1 लिखते हैं कि बनारस में अब नये ई-रिक्शा की बिक्री पर प्रतिबंध लगना चाहिए। जो हैं, उन्हें भी लिमिटेड किया जाना जरूरी है। जाम का सबसे बड़ा कारण यही हैं। इन पर अंकुश से काफी हद तक जाम की स्थिति खत्म हो जाएगी.