खेलों इंडिया समय से पहले टूटी सांस, तो घट जाएंगे नंबर
वाराणसी (ब्यूरो)। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में योगासन की शुरुआत एक जून से हो रही है। इसमें देशभर की 17 यूनिवर्सिटी के 102 खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में उनके लिए समय का बड़ा महत्व होगा। हर योगासन के लिए समय निर्धारित किया गया है और इसके आधार पर अंक मिलेंगे। वहां वक्त बताने के लिए कुछ नहीं होगा इसलिए खिलाड़ी अपनी सांसों की गिनती से वक्त का निर्धारण करेगा।
तीन आधार पर अंकआइआइटी बीएचयू के रमेश श्रीनिवास स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में आयोजित प्रतियोगिता में तकनीकी सहयोग देने वाले आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स में उत्तर प्रदेश के कोच मनीष कुमार के अनुसार मुख्य रूप से तीन आधार पर टीम को अंक दिए जाएंगे। कुल 100 अंकों में से दस सूर्य नमस्कार के लिए होंगे। पांच अनिवार्य आसन के लिए 50 अंक तय किए गए हैं। चार वैकल्पिक आसन के लिए 40 अंक निर्धारित हैं। अनिवार्य आसन को खिलाड़ी को एक मिनट तक करना होगा। वैकल्पिक आसन के लिए 30 मिनट तय है। वक्त की सटीकता नहीं रखने पर अंक कटेंगे.
सांसों से तय करेंगे समयप्रदर्शन के दौरान खिलाड़ी के पास वक्त देखने का कोई जरिया नहीं होता है। इसलिए वह अपनी सांसों की गिनती के जरिए समय जान पाएगा। प्रतियोगिता के टेक्निकल सपोर्ट कर रहे पारूल शर्मा के अनुसार खिलाड़ी इसका अभ्यास करता है। एक सांस लेने में उसे लगभग चार सेंकेड लगते हैं। योगासन का खिलाड़ी अपनी सांसों को नियंत्रित करता है और छह से आठ सेंकेंड में एक सांस लेता है। इस तरह वह अपनी सांसों की गिनती से मिनट या सेंकेंड तय करके योगासन करता है।
होते हैं पांच इवेंट मनीष के अनुसार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में केवल ट्रेडिशनल योगा होता है, लेकिन विभिन्न स्तर पर योगा के पांच इवेंट होते हैं। इसमें ट्रेडिशनल के साथ रिदमिक योगा, आर्टिस्टिक योगा, रिदमिक पेयर व आर्टिस्टिक ग्रुप होता है। यह जिम्नास्ट के काफी मिलते-जुलते हैं। इसलिए मनीष के अनुसार योगा के प्रति युवाओं का खूब आकर्षण बढ़ा है। दुनिया के लगभग 50 देशों में योगा खेल के तौर पर स्थापित हुआ है.