बाबा के आंगन से काशी दर्शन
वाराणसी (ब्यूरो)। सावन महीने में श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन की विशेष मान्यता है। यही वजह है कि विश्वनाथ धाम में हाजिरी लगाने की होड़ मची है। साथ ही देश के कोने-कोने से शिवभक्त काशी आने का प्रोग्राम भी बना रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में ही बाबा के दर्शन-पूजन के साथ रहने, खाने, गंगा आरती, सारनाथ समेत पूरा बनारस घूमने और एयरपोर्ट, रेलवे, बस स्टैंड से पिक और ड्राप की व्यवस्था उपलब्ध है। गंगा में सैर के लिए नाव, बजड़ा और क्रूज भी मिलेगा। साथ ही प्रयागराज, विंध्याचल और सीतामढ़ी के भ्रमण की सुविधा मिलेगी। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने डेढ़ साल पहले नव्य-भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम देश को समर्पित किया था। लोकार्पण के बाद धाम की भव्यता और नवीनता को देखने के लिए रिकार्ड भीड़ उमड़ी थी। जैसे-जैसे समय का चक्र आगे बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से सुविधाएं भी जुड़ती जा रही हैं.
दर्शनार्थियों के लिए दो तरह के रूममंदिर प्रशासन की ओर से नवनिर्मित श्री भीमाशंकर गेस्ट हाउस भी स्टार्ट हो गया है, जिसमें दर्शनार्थियों के ठहरने की व्यवस्था है। दो तरह के रूम उपलब्ध हैं, जिसमें पहला डीलक्स और दूसरा डॉरमेटरी है। वन नाइट एसी डीलक्स का किराया 4000 और 500 रुपये में डॉरमेटरी। डीलक्स रूप में बेड, अटैच बाथरूम, रनिंग गर्म व ठंडा पानी, 42 इंच टीवी, काफी-चाय मेकर, लॉकर सेफ उपलब्ध रहेगा। इसी तरह डॉरमेटरी में टीवी, कॉमन बाथरूम, आलमारी की सुविधा रहेगी। गेस्ट हाउस में दर्शनार्थियों को थ्री स्टार होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही.
खाना व शॉपिंग साथ-साथ धाम परिसर में फूड कोर्ट भी है, जहां उचित दर पर बिना प्याज और लेहसून का शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा। व्रत के आइटम भी उपलब्ध है। इसके अलावा धाम के अंदर दुकानें भी हैं, जहां शॉपिंग की जा सकती है। दुकानों पर महिलाओं के लिए साड़ी से लेकर श्रृंगार के हर सामान उपलब्ध है। पूजा-सामग्री भी मिलती है. गंगा आरती के साथ काशी भ्रमणगेस्ट हाउस में स्टे करने वाले श्रद्धालुओं की डिमांड पर नौका विहार के साथ सुबह-शाम गंगा आरती भी कराई जाएगी। इसके लिए कम से आठ लोगों का ग्रुप होना चाहिए। ग्रुप से तीन हजार रुपये लिया जाएगा। यानी प्रति यात्री 375 रुपये पड़ेगा। डिमांड पर ही श्रद्धालुओं को काशी भ्रमण भी कराया जाएगा, जिसमें सारनाथ, बीएचयू, नमो घाट आदि फेसम प्लेस शामिल हैं। साथ ही प्रयागराज स्थित संगम स्नान, विंध्यासिनी धाम और सीतामढ़ी का सैर कराया जाएगा। इसके लिए श्रद्धालुओं को अतिरिक्त पैसा देना होगा.
पिक और ड्राप की सुविधा गेस्ट हाउस में रुकने वाले श्रद्धालुओं के लिए पिक और ड्राप की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके लिए बुकिंग के दौरान जानकारी देनी जरूरी है। पिक और ड्राप की सुविधा बाबतपुर एयरपोर्ट, कैंट रेलवे स्टेशन, बनारस रेलवे स्टेशन, कैंट रोडवेज बस अड्डा तक मिलेगी। इसके लिए भी अतिरिक्त चार्ज देना होगा, जो टूर पैकेज के अनुसार तय होगा. काशी में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना ही टूरिज्म डिपार्टमेंट का लक्ष्य है। मंदिर की प्रशासन के सहयोग से श्री काशी विश्वनाथ धाम के गेस्ट हाउस में ठहरने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के साथ रहने, खाने, घूमने और गंगा आरती की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन सुविधाओं का उचित दर है. ए कृष्ण मोहन, सदस्य, नेशनल टूरिज्म एडवाइजरी काउंसिल एक नजर में सुविधाएं -सुपर डीलक्स रूम 4000 रुपये -डॉरमेटरी बेड 500 रुपये -आठ श्रद्धालुओं के लिए गंगा आरती 3000 -एयरपोर्ट, रेलवे, बस स्टैंड से पिक और ड्राप -गंगा में सैर के लिए नाव, बजड़ा और क्रूज -सारनाथ, प्रयागराज, विंध्याचल और सीतामढ़ी का भ्रमण एक क्लिक पर मिलेगी वाराणसी के इतिहास व भूगोल की जानकारीस्मार्ट सिटी काशी के नाम पर एक वेबसाइट बना रही है। इसमें आपको काशी की विकास यात्रा देखने को मिलेगी। एक क्लिक करते हुए वाराणसी के इतिहास व भूगोल आपके सामने होगा। इसमें भूत-भविष्य व वर्तमान तीनों देखने को मिलेगा। इसके अलावा काशी की संस्कृति, मार्केट, बाजार, शाङ्क्षपग माल, ऐतिहासिक इमारतें की फोटो, गूगल मैप भी अपलोड होगा। यही नहीं, वाराणसी में होटल, लाज, धर्मशालाओं की सूची फोन नंबर, कमरों की संख्या, किराया, लोकेशन सहित अन्य जानकारी भी मिलेगी। देश विदेश के काशी आने के लिए हवाई मार्ग, सड़क, रेलवे व जल मार्ग का विस्तृत विवरण भी अपलोड किया जाएगा।
विभूतियों को समझने का मौका इस वेबसाइट में काशी की महान विभूतियों में संत कबीर दास, रानी लक्ष्मीबाई, पं। मदन मोहन मानवीय, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, भारतेंदु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद, प्रेमचंद, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, आचार्य रामचंद्र शुक्ल जैसी शाख्सियत को भी देखने व समझने का मौका मिलेगा। बीएचयू, काशी विद्यापीठ, संस्कृत विश्वविद्यालय की झलक भी देखने को मिलेगी। काशी की वेबसाइट देश-विदेशी पर्यटकों के अलावा शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी बनाया जाएगा.