बस से काशी दर्शन, हेलीकॉप्टर से जाएं अयोध्या
वाराणसी (ब्यूरो)। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में पर्यटकों को लुभाने के लिए आये दिन कुछ नया हो रहा है। काशी आने वाले पर्यटकों को अब एक और नई सौगात मिलने जा रही है। काशी आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु चंद मिनटों में काशी से प्रयागराज, चित्रकूट, नैमिषारण्य, अयोध्या, मथुरा और कुशीनगर जा सकेंगे। इसके लिए काशी से एक साथ छह हेलीकॉप्टर उड़ेंगे। इसके अलावा बाबतपुर एयरपोर्ट से श्रीनगर, धर्मशाला और लेह की कनेक्टिंग फ्लाइट एक सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच उड़ान भरेगी। इसी तरह रोडवेज की सिटी बसें भी श्रद्धालुओं को काशी दर्शन कराएंगी। इस दौरान नाश्ता और भोजन भी मिलेगा। इसके लिए सात सौ रुपये किराया देना होगा। टिकट के लिए रोडवेज की वेबसाइट पर आनलाइन बुकिंग करनी होगी.
कराएंगे धार्मिक यात्राकेंद्र के साथ प्रदेश की सरकार भी वाराणसी पर मेहरबान है। काशी से पर्यटकों को कम समय में प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की सैर कराने की योजना पर शासन से स्वीकृति मिल गई है। बहुत जल्द ही काशी आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु अब प्रयागराज, चित्रकूट, नैमिषारण्य, अयोध्या, मथुरा और कुशीनगर का हवाई सफर भी कर सकेंगे। काशी से एक साथ छह हेलिकॉप्टर उड़ेंगे। काशी से सभी धार्मिक स्थलों को हवाई मार्ग से जोडऩे की पहल पर पर्यटन विभाग ने तेजी से काम शुरू कर दिया है।
हेलीपोर्ट के लिए जमीन हेलीकॉप्टर से धार्मिक यात्रा शुरू कराने से पहले हेलीपोर्ट निर्माण के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। पर्यटन विभाग रिंग रोड और गंगा किनारे के इलाके में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए जमीन चिह्नित करने में जुट गया है। पर्यटन अधिकारियों के अनुसार हेलीपोर्ट के लिए ऐसी जमीन देखी जा रही है, जो रेल, जल और सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हो। हेलीपोर्ट पर एक साथ आठ से दस हेलिकॉप्टर खड़े हो सकेंगे। सभी जगहों के लिए पैकेज अलग-अलग होगा। जिस पर्यटक को जहां जाना होगा, वह पैकेज के आधार पर हेलिकॉप्टर से उड़ान भर सकेंगे. श्रीनगर, लेह के लिए उड़ान पर्यटकों की सुविधा के लिए लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट से श्रीनगर और लेह की कनेक्टिंग फ्लाइट एक सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच उड़ान भरेगी। हिमाचल प्रदेश की कनेक्टिंग फ्लाइट भी उड़ान भरेगी। यह फ्लाइट धर्मशाला एयरपोर्ट तक जाएगी। विमानन कंपनी ने ट्रैफिक सर्वे के बाद कई रूटों पर फ्लाइट संचालन का शेड्यूल जारी किया है। रोडवेज भी तैयाररोडवेज की सिटी बसें श्रद्धालुओं को काशी दर्शन कराएंगी। उनके लिए नाश्ता और भोजन की भी व्यवस्था रहेगी। यात्रियों को इसके लिए सात सौ रुपये किराया देना होगा। टिकट के लिए रोडवेज की वेबसाइट पर आनलाइन बुकिंग करनी होगी। रोडवेज प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। काशी दर्शन की यात्रा सुबह छह बजे कैंट बसे अड्डे से शुरू होगी। यात्री बस में सवार होकर सीधे काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे। उसके बाद संकटमोचन मंदिर व दुर्गा मंदिर जाएंगे। वहां दर्शन-पूजन के बाद उन्हें सारनाथ में बौद्ध स्थलों की सैर कराई जाएगी। शाम छह बजे यात्रा समाप्त होगी। काशी दर्शन यात्रा से मार्कंडेय महादेव व विंध्य धाम को भी जोडऩे की योजना है। इसके लिए अलग से टिकट लगेगा। रोडवेज बसें इन रूटों के प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर कराएंगी।
कचौड़ी-जलेबी का स्वाद रोडवेज की ओर से यात्रियों को नाश्ता में बनारस की मशहूर कचौड़ी और जलेबी खिलाई जाएगी। भोजन में बाटी-चोखा के अलावा दक्षिण भारतीय व्यंजनों का भी स्वाद चखेंगे। आनलाइन बुकिंग कराते समय ही पर्यटकों को अपनी डिमांड बतानी होगी। इसके लिए सात सौ रुपये किराया देना होगा. हेलीपोर्ट के लिए एक-दो जगह जमीन चिह्नित की गई है। अभी उस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। हमारी कोशिश है कि हेलीपोर्ट ऐसी जगह बनाया जाए जो रेल, सड़क और जलमार्ग से सीधे जुड़ा हो.आरके रावत, उप निदेशक, पर्यटन विभाग
बनारस आने वाले श्रद्धालुओं को काशी दर्शन कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो शासन को भेज दिया जाएगा। मंजूरी मिलते ही यह सेवा शुरू हो जाएगी। काशी दर्शन के दौरान बनारस के मशहूर व्यंजन भी श्रद्धालुओं को परोसा जाएगा. गौरव वर्मा, आरएम रोडवेज