Karva Chauth : बनारस में देर रात तक सुहागिनों ने की शॉपिंग
वाराणसी (ब्यूरो)। जिस दिन का महिलाओं को सालभर से इंतजार रहता है, वह घड़ी आ गई है। बुधवार को करवा चौथ है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैैं। इस बार रात 8.26 बजे चांद का दीदार होगा। इसको लेकर मंगलवार को पूरे दिन बाजारों की रौनक देखने लायक थी। देर रात तक मेहंदी लगवाने का और शॉपिंग करने का सिलसिला चलता रहा। इस बीच बाजार में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। सभी पार्लर में लाइन लगी हुई थी। महिलाएं अपना नंबर आने का इंतजार करती रहीं, वहीं पूजा की सामग्री में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे छलनी, दीपक, करवा, सींक आदि खरीदती दिखीं। इस दौरान दुकानदारों ने एक से बढ़कर एक ऑफर भी करवाचौथ के मौके पर रखे.
बाजारों में रही चहल-पहल
करवाचौथ की तैयारी को लेकर मंगलवार को बाजारों में चहल-पहल रही। निर्जला रहने वाले इस व्रत के दिन छप्पन भोग बनाने की मान्यता है। इसकी तैयारी व्रती महिलाएं जोर-शोर से करती दिखीं। करवा की सजी-सजाई थाली, सजा हुआ चालन खरीदने के प्रति व्रतियों का विशेष रुझान रहा। प्रचलन के क्रम में करवा चौथ को सोलह श्रृंगार करने के लिए साड़ी सेट, चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, नेल पालिश, आल्ता, पाउडर, लिपस्टिक, काजल आदि की खरीदारी को सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ रही.
मेहंदी के लिए लगी लंबी लाइन
मंगलवार को मार्केट में करवाचौथ के लिए मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं की लंबी लाइन लगी रही। जगह-जगह शॉपिंग माल के सामने मेहंदी लगाने का कार्यक्रम चलता रहा। वहीं बनारस के सभी पार्लर की स्थिति भी कुछ ऐसी थी.
5.36 बजे से पूजा का मुहूर्त
सभी सुहागन स्त्री के लिए करवाचौथ का व्रत काफी महत्वपूर्ण होता है। प्यार और आस्था के इस पर्व पर सुहागिन स्त्रियां पूरा दिन उपवास रखकर भगवान से अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करेंगी। ज्योतिष बब्बन तिवारी के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। शाम 5:36 बजे से लेकर 6:54 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। करवाचौथ की कथा सुनने से विवाहित महिलाओं का सुहाग बना रहता है, उनके घर में सुख, शान्ति, समृद्धि और सुख मिलता है.
छलनी से देखेंगी पति का चेहरा
करवाचौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करके रात को छलनी से चंद्रमा को देखने के बाद पति का चेहरा देखकर उनके हाथों से जल ग्रहण कर अपना व्रत पूरा करती हैं। इस व्रत में चन्द्रमा को छलनी में से देखने का अर्थ होता है कि पति-पत्नी एक दूसरे के दोष को छानकार सिर्फ गुणों को देखें क्योंकि बुराई तो हर कोई देखता है पर हमें सिर्फ बुराई नहीं अच्छाई को भी देखना है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चंद्रमा को लंबी उम्र का वरदान प्राप्त है.
पति की लंबी उम्र के लिए हम महिलाए इस व्रत को करती है। आज शुभ मुहूर्त पर पूजा करके व्रत को खोलूंगी.
सुनीता भार्गव
पति की लंबी उम्र के साथ ही सुख-शांति के लिए भी इस व्रत को विधि-विधान से पूरा करेंगे.
अंशिका मातनहेलिया