सावन माह में 12 फीट का प्लास्टिक फ्री कांवड़ लेकर जलाभिषेक करेंगे कांवरिये क्यूआर कोड स्कैन करते ही सुविधाओं व नियमों की मिलेगी जानकारी कांवरियों के जलाभिषेक के लिए बनाए जाएंगे जिगजैग सिस्टम से बैरिकेडिंग

वाराणसी (ब्यूरो)इस बार सावन माह में होने वाली कांवड़ यात्रा डिजीटल होगी। कांवरियों की सहूलियत के लिए शहर में जगह-जगह क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, जिसे स्कैन करते ही शहर में स्थित सुविधा व नियमों की जानकारी मिल सकेगी। यही नहीं इस बार कांवरियों के लिए कांवड़ की साइज भी तय कर दी गई है। वह 12 फीट से लंबा कांवड़ लेकर नहीं चल सकेंगे, वहीं प्लास्टिक फ्री कांवड़ ही मान्य होगा। साथ ही कांवरियों को सावन माह में कोई दिक्कत न हो इसका भी काफी ध्यान दिया जाएगा। विश्वनाथ मंदिर में भी इनके लिए अलग से क्यू बनाया जाएगा, जिससे वह बाबा का आसानी से जलाभिषेक कर सकें.

4 जुलाई से सावन माह की शुरुआत

महादेव के सबसे प्रिय महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हो रही है। सावन माह के शुरू होने से पहले ही काशी केसरियामय हो जाता है। हर तरफ कांवड़ लिए गेरुआधारी ही नजर आते हैं। लाखों शिवभक्तों की भीड़ से काशी का कोना-कोना पटा रहता है। इसको देखते हुए इस बार प्रशासन ने प्लास्टिक फ्री कांवड़ लेकर यात्रा करने के लिए कांवरियों के लिए दिशा निर्देश जारी किया है.

कांवरियों के लिए क्यूआर कोड

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ की मानें तो शहर प्लास्टिक फ्री जोन बने, इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सावन माह में भी कांवरिये या फिर शिव भक्त प्लास्टिक का उपयोग न कर सकें, इसके लिए भी काफी प्रयास किया जा रहा है। कांवरिये प्लास्टिक फ्री कांवड़ लेकर ही काशी में प्रवेश कर सकेंगे। शहर में सार्वजनिक स्थलों पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसे स्कैन करते ही सारी जानकारी कांवरियों को मिल जाएगी.

मंदिर में अलग से लाइन

सावन माह में कांवरियों की सहूलियत के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अलग से कांवरियों के लिए क्यू बनाए जाएंगे। स्टील की बैरिकेडिंग जिग-जैग सिस्टम से बनाया जाएगा। कांवरियों के लिए मंदिर परिसर में जगह-जगह काउंटर भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा दवा की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी की तबीयत खराब हो तो उनको दवा दिया जा सके.

खोया-पाया काउंटर

शिवभक्तों व कांवरियों के लिए विश्वनाथ मंदिर परिसर में खोया-पाया काउंटर बनाया जाएगा। साथ ही मंदिर के बाहर भी करीब दो काउंटर बनाए जाएंगे। सामान रखने के लिए मंदिर के परिसर में काउंटर है। बुजुर्गों के लिए ह्वीलचेयर की व्यवस्था भी की जाएगी। मैदागिन से लेकर गोदौलिया तक बैरिकेडिंग की जाएगी। इसमें कांवरिए कतारबद्ध होकर बाबा का जलाभिषेक करेंगे। पूरे मंदिर परिसर में रेड कार्पेट बिछाया जाएगा.

कूलर और पंखा भी लगेगा

मंदिर परिसर में कांवरियों के लिए कूलर व पंखा भी लगाया जाएगा, ताकि उनको गर्मी में कूल का एहसास हो। गर्मी को देखते हुए मंदिर परिसर में हैंगर लगा दिया गया है, जोकि सावन माह तक रहेगा। इसी हैंगर के बीच कांवरिये बाबा का जलाभिषेक करने जाएंगे। सावन के दिनों में खासकर सोमवार के दिन काशी विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु और कांवरिया आते हैं। इसको देखते हुए विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इस बार खास इंतजाम किए हैं। एक माह तक कांवरिये प्रयागराज से गंगाजल लेकर पैदल, बाइक व दौड़ते हुए (डाक बम) काशी आकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं। उनके दर्शन के लिए खास इंतजाम किया गया है.

क्यूआर कोड से ये मिलेगी जानकारी

-कांवड़ शिविर कहां-कहां लगे हैैं

-मेडिकल सुविधा

-सुरक्षा

-मंदिर जाने का रास्ता

-कैट स्टेशन व रोडवेज से मंदिर की दूरी

कांवरिये इस बार प्लास्टिक फ्री कांवड़ लेकर चलेंगे। इसके लिए पहले ही निर्देश जारी हो चुका है। शहर के बारे व नियमों की जानकारी के लिए शहर के सार्वजनिक स्थलों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे.

सुनील वर्मा, सीईओ, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

Posted By: Inextlive