पत्नी के ट्विटर पर शिकायत के बाद हरकत में आए रेलवे के अफसर गुवाहाटी से सवार हुए थे असम रेजीमेंट में तैनात अनूप छेत्री धीना में मिला था शव जीआरपी ने जवान के शव का लावारिश के रूप में कर दिया अंतिम संस्कार

वाराणसी (ब्यूरो)भारतीय रेल की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी ऐसी लापरवाही हो सकती है, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सेना का एक जवान राजधानी एक्सप्रेस में सवार होता है और रास्तें किन्हीं कारणवश उसकी मौत हो जाती है। उधर, पत्नी स्टेशनों का चक्कर काटती रहती है कि कहीं तो उसके पति के बारे में कोई जानकारी मिल जाए, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चलता। अंत में थक-हारकर वह रेलवे मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर मामले की शिकायत करती है। मंत्रालय से फटकार के बाद अफसर हरकत में आते हैं तो पता चलता है कि पत्नी जिन स्टेशनों के चक्कर काटती रही, उन्हीं में से किसी एक स्टेशन पर उसके पति की लाश रेलवे लाइन पर मिली थी। जीआरपी ने तीन दिन इंतजार के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया। सोमवार को धीना स्टेशन पर स्थित जीआरपी थाना में मिले बैग के कपड़ों से शिनाख्त करने के बाद पत्नी दहाड़े मारकर चिल्लाने लगी.

18 को हुए सवार

दार्जङ्क्षलग, न्यू चमता निवासी अनूप छेत्री सेना में असम रेजीमेंट में तैनात थे। पत्नी रीना छेत्री के अनुसार अंतिम बार जब उसकी बात 18 जनवरी को पति से हुई तो उन्होंने बताया था कि कानपुर में हैं। इसके बाद उन्होंने मोबाइल पर बताया कि 12424 डाउन डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से आ रहे हैं और ट्रेन कानपुर से चल चुकी है। उन्होंने कहा था कि अगले दिन सुबह तक घर पहुंच जाएंगे.

घर नहीं पहुंचे

19 जनवरी को शाम तक जब अनूप घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। स्टेशन पर पता किया तो वहां से कोई जानकारी नहीं मिल सकी। हाल ये रहा कि पत्नी परिवार वालों के साथ पति की फोटो लेकर कानपुर से गुवाहाटी तक पडऩे वाले सभी स्टेशनों की चक्कर लगा आई, लेकिन पति का कहीं पता नहीं चला.

सीसीटीवी फुटेज भी देखी

एक सप्ताह पहले पत्नी रीना छेत्री पीडीडीयू जंक्शन भी पहुंची थी। तब अफसरों के कहने पर उसने घंटों बैठकर सीसीटीवी फुटेज देखा, लेकिन उसमें उसके पति कहीं नजर नहीं आए। इसके बाद वह निराश होकर रोती हुई चली गई थी.

ट्विटर पर शिकायत

पति की तलाश में जुटी रीना जब हर तरफ से निराश हो गई तो उसने रेलवे मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर शिकायत दर्ज कराई। मंत्रालय से जब महत्वपूर्ण ट्रेन का हवाला देते हुए अफसरों को फटकार लगाई गई तो वे हरकत में आए।

गठित की गई टीम

रेलवे बोर्ड ने मामले की गंभीरता को समझा और तत्काल टीम गठित की गई। इसके बाद टीम में शामिल अफसरों ने दानापुर से लेकर प्रयागराज मंडल में समन्वय स्थापित कर जांच शुरू कराई। तब अफसरों को जानकारी हुई कि बीते 19 जनवरी को धीना रेलवे स्टेशन के पास 721/23-25 के बीच एक शव मिला था। उसे कब्जे में लेकर तीन दिन इंतजार किया गया। इसके बाद लावारिश के रूप में अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पत्नी को बुलवाया

इसके बाद रेल अफसरों ने सोमवार को पत्नी और परिवार के लोगों को धीना रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने में बुलाया। वहां पति के बैग को देखते ही रीना सुबकने लगी। उसने बैग की तलाशी के बाद बताया कि यह बैग उसके पति अनूप का ही है। तब उसे बताया कि यह बैग 19 को स्टेशन के पास मिले शव के पास बरामद हुआ था। सुनते ही रीना दहाड़े मारकर रोने लगी कि उसे अंतिम समय में पति का चेहरा देखना भी नसीब नहीं हो सका.

वाराणसी (ब्यूरो)भारतीय रेल की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनों में भी ऐसी लापरवाही हो सकती है, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सेना का एक जवान राजधानी एक्सप्रेस में सवार होता है और रास्तें किन्हीं कारणवश उसकी मौत हो जाती है। उधर, पत्नी स्टेशनों का चक्कर काटती रहती है कि कहीं तो उसके पति के बारे में कोई जानकारी मिल जाए, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चलता। अंत में थक-हारकर वह रेलवे मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर मामले की शिकायत करती है। मंत्रालय से फटकार के बाद अफसर हरकत में आते हैं तो पता चलता है कि पत्नी जिन स्टेशनों के चक्कर काटती रही, उन्हीं में से किसी एक स्टेशन पर उसके पति की लाश रेलवे लाइन पर मिली थी। जीआरपी ने तीन दिन इंतजार के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया। सोमवार को धीना स्टेशन पर स्थित जीआरपी थाना में मिले बैग के कपड़ों से शिनाख्त करने के बाद पत्नी दहाड़े मारकर चिल्लाने लगी.

18 को हुए सवार

दार्जङ्क्षलग, न्यू चमता निवासी अनूप छेत्री सेना में असम रेजीमेंट में तैनात थे। पत्नी रीना छेत्री के अनुसार अंतिम बार जब उसकी बात 18 जनवरी को पति से हुई तो उन्होंने बताया था कि कानपुर में हैं। इसके बाद उन्होंने मोबाइल पर बताया कि 12424 डाउन डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से आ रहे हैं और ट्रेन कानपुर से चल चुकी है। उन्होंने कहा था कि अगले दिन सुबह तक घर पहुंच जाएंगे.

घर नहीं पहुंचे

19 जनवरी को शाम तक जब अनूप घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। स्टेशन पर पता किया तो वहां से कोई जानकारी नहीं मिल सकी। हाल ये रहा कि पत्नी परिवार वालों के साथ पति की फोटो लेकर कानपुर से गुवाहाटी तक पडऩे वाले सभी स्टेशनों की चक्कर लगा आई, लेकिन पति का कहीं पता नहीं चला.

सीसीटीवी फुटेज भी देखी

एक सप्ताह पहले पत्नी रीना छेत्री पीडीडीयू जंक्शन भी पहुंची थी। तब अफसरों के कहने पर उसने घंटों बैठकर सीसीटीवी फुटेज देखा, लेकिन उसमें उसके पति कहीं नजर नहीं आए। इसके बाद वह निराश होकर रोती हुई चली गई थी.

ट्विटर पर शिकायत

पति की तलाश में जुटी रीना जब हर तरफ से निराश हो गई तो उसने रेलवे मंत्रालय के ट्विटर हैंडल पर शिकायत दर्ज कराई। मंत्रालय से जब महत्वपूर्ण ट्रेन का हवाला देते हुए अफसरों को फटकार लगाई गई तो वे हरकत में आए।

गठित की गई टीम

रेलवे बोर्ड ने मामले की गंभीरता को समझा और तत्काल टीम गठित की गई। इसके बाद टीम में शामिल अफसरों ने दानापुर से लेकर प्रयागराज मंडल में समन्वय स्थापित कर जांच शुरू कराई। तब अफसरों को जानकारी हुई कि बीते 19 जनवरी को धीना रेलवे स्टेशन के पास 721/23-25 के बीच एक शव मिला था। उसे कब्जे में लेकर तीन दिन इंतजार किया गया। इसके बाद लावारिश के रूप में अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पत्नी को बुलवाया

इसके बाद रेल अफसरों ने सोमवार को पत्नी और परिवार के लोगों को धीना रेलवे स्टेशन स्थित जीआरपी थाने में बुलाया। वहां पति के बैग को देखते ही रीना सुबकने लगी। उसने बैग की तलाशी के बाद बताया कि यह बैग उसके पति अनूप का ही है। तब उसे बताया कि यह बैग 19 को स्टेशन के पास मिले शव के पास बरामद हुआ था। सुनते ही रीना दहाड़े मारकर रोने लगी कि उसे अंतिम समय में पति का चेहरा देखना भी नसीब नहीं हो सका.

Posted By: Inextlive