जौनपुर प्रयागराज में सड़क हादसे में चाची-भतीजे व दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत की मनहूस खबर आते ही सोमवार सुबह चौकी खुर्द गांव का हर व्य1ित स्तब्ध रह गया. स्वजन के करुण-क्रंदन से गांव का माहौल गमगीन रहा. वनवासी बस्ती के घरों में चूल्हे नहीं जले.

वाराणसी (ब्यूरो)जौनपुर प्रयागराज में सड़क हादसे में चाची-भतीजे व दो बच्चों समेत पांच लोगों की मौत की मनहूस खबर आते ही सोमवार सुबह चौकी खुर्द गांव का हर व्य1ित स्तब्ध रह गया। स्वजन के करुण-क्रंदन से गांव का माहौल गमगीन रहा। वनवासी बस्ती के घरों में चूल्हे नहीं जले।

शादी में शामिल होने गया गांव निवासी बल्ली वनवासी का 25 वर्षीय पुत्र विकास कुमार रिश्ते में चाचा लगने वाले नमकीन वनवासी की 34 वर्षीय पत्नी जनता देवी, उसके सात वर्षीय पुत्र दीवाना, आठ माह की पुत्री लक्ष्मी व 60 वर्षीय नानी सोमारी को एक ही बाइक पर बैठाकर रविवार को बुढिय़ा का इनारा में रिश्तेदार के यहां शादी में शामिल होने गया था। विकास रिश्तेदारी से प्रयागराज के हंडिया गई बरात से लौटने के बाद सोमवार सुबह सभी को लेकर घर लौट रहा था। करीब साढ़े नौ बजे सरायममरेज के रस्तीपुर में पेट्रोल पंप के सामने से आ रहे डंपर की चपेट में आकर कुचल जाने से पांचों की मौत हो गई। यह खबर आते ही चौकी खुर्द के कई लोग दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। मृतकों के स्वजन को ढांढ़स बंधाने के लिए पहुंचने वाले ग्रामीणों व सगे-संबंधियों की भी आंखें नम हो गईं।

मेंहदी छूटने से पहले सीता के माथे से उजड़ गया सिंदूर

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : शादी के दौरान सीता के हाथों में रची गई मेंहदी छूटी नहीं और उसके मांग से सिंदूर उजड़ गया। पति विकास की मौत से वह बेसुध हो गई। विदाई से एक दिन पहले पहुंची मनहूस खबर ने उसे झकझोर दिया। परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करते हुए वह बिलखती रही.जौनपुर के मीरगंज क्षेत्र के चौकी खुर्द निवासी विकास पहले गांव के आसपास ही मजदूरी करता था। मगर बाद में वह मुंबई चला गया और एक प्राइवेट कंपनी में काम करने लगा था। इसी दौरान परिवार वालों ने उसकी सगाई की। करीब 15 दिन पहले वह अपने गांव आया था। इसके बाद एक सप्ताह पहले भदोही जिले मोढ़ गांव में बारात ले जाकर वहां सीता से शादी की थी। विवाह के बाद उसकी पत्नी सीता अपने ससुराल आई और फिर मायके चली गई। मंगलवार को विकास और उसके घरवाले सीता की विदाई कराने के लिए जाने वाले थे, मगर इससे पहले ही दर्दनाक हादसा हो गया। इससे सीता का परिवार बसने से पहले ही बिखर गया। रिश्तेदारों ने बताया कि विकास के पिता बल्ली भी छोटा-मोटा काम करके परिवार का खर्च चलाते हैं। उसके दो बेटों में विकास छोटा था। बेटे की मौत से मां सरोजा देवी समेत अन्य लोग बिलखते रहे। उधर, मछलीशहर में पुलिया निर्माण में काम करने वाले नमकीन की पत्नी जयंती और उसके दोनों बच्चों की भी हादसे में मौत हो गई। सरायममरेज पहुंचा नमकीन घटनास्थल को देखकर सुधबुध खो बैठा। पत्नी व बच्चों की लाश देख उसके आंख से आंसू बहते रहे। वह बहुत कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। वहीं, पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद बल्ली, नमकीन समेत दूसरे रिश्तेदार भी गम में डूबे रहे।

बाइक पर पांच सवारी, जान पर पड़ी भारी

दर्दनाक हादसा देने के बाद आसपास के लोगों का कहना था कि एक बाइक पर पांच सवारी, उनकी जान पर भारी पड़ गया। बाइक चलाने वाले विकास ने हेलमेट भी नहीं पहन रखा था। वह क्या सोचकर मासूम बच्चों और दो महिलाओं को अपनी बाइक पर बैठाकर चला रहा था, यह समझ से परे है। उधर, घटनास्थल पर खून और इधर-उधर पड़े शवों को देख तमाम राहगीर विचलित हो गए। कुछ का कहना रहा कि नियम की अनदेखी करने और लापरवाही के चलते मासूम बच्चों समेत पांच लोगों की जान गई है।

एक साथ उठी अर्थी, दारागंज में अंत्येष्ठि

विकास, उसकी नानी, चाची और चाची के दोनों मासूम बच्चों की अर्जी सोमवार की शाम एक साथ उठी तो स्वजन, रिश्तेदारों का कलेजा मुंह को आ गया। गम में डूबे घरवाले सरायममरेज पुलिस की मदद से सभी शवों को दारागंज गंगा घाट पर ले गए। इसके बाद उनकी अंत्येष्टि कर दी।

Posted By: Inextlive