जापान का मिला साथ, बनारस में बचेगा 9 करोड़ लीटर पानी
वाराणसी (ब्यूरो)। शहर की हर गली व चौराहे पर जल ही जीवन है का बोर्ड लगा आपको दिख जाएगा। लेकिन, शहरवासियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। जलकल विभाग की ओर से प्रति माह शहर में 22 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई हो रही है, लेकिन इसमें से 40 प्रतिशत यानी 9 करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। इस पानी को बचाने के लिए जलकल ने जापानी तकनीक का प्रयोग करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में जापान के सहयोग से जलकल ने कंप्रिहेंसिव इंप्रूवमेंट आफ सैनिटेशन एनवायरनमेंट काम भी शुरू कर दिया है। प्रथम चरण में कोनिया वार्ड में घर-घर पानी के मीटर लगाए जा रहे हैं ताकि लीकेज का पता लगाया जा सके.
जापान गया था दलजलकल के अधिकारियों का एक दल बीते माह कंप्रिहेंसिव इंप्रूवमेंट आफ सैनिटेशन एनवायरनमेंट का अध्ययन करने जापान गया था। इसके तहत बनारस में भी पर्यावरण प्रदूषण को सुधारने के लिए पानी की आपूर्ति, सीवर और पानी वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काम करने की योजना है। इस क्रम में कोनिया वार्ड में जलकल रात के समय लीकेज की समस्याओं का पता लगवाने का काम कर रहा है और इसकी मरम्मत भी करा रहा है.
रखी जा रही नजरसाथ ही घरों की सप्लाई लाइन टेस्टिंग करने के बाद लीकेज से लेकर अन्य जरूरी बंदोबस्त पर रोजाना नजर रखी जा रही है। जलकल की टीम इस बात पर ध्यान रख रही है कि एक व्यक्ति द्वारा रोजाना कितनी मात्रा में पानी का उपयोग किया जा रहा है और कितनी मात्रा में पानी को वेस्ट किया जा रहा है.
चार चरणों में लगाएंगे शहर के अंदर कुल 2 लाख 37 हजार जलकल के कंज्यूमर हंै। इन सभी कंज्यूमरों को ध्यान में रखकर प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद शहर के अंदर चार चरणों में मीटर लगाया जाएगा। इसमें पहले चरण में जलकल के द्वारा 65 हजार घरों में मीटर लगाया जाएगा। दूसरे और तीसरे चरण में 50 हजार के बराबर मीटर लगाया जाएगा। इसके बाद बचे हुए कस्टमर के यहां चौथे फेज में मीटर लगाया जाएगा. एक नजर आंकड़े पर - 2 लाख 37 हजार हैैं कुल कंज्यूमर - 22 करोड़ लीटर पानी की सप्लाई प्रतिमाह - 11 करोड़ लीटर बर्बाद पानी प्रतिमाह - 135 लीटर पानी का यूज एक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन - 75 लीटर बर्बाद पानी एक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन - 9 रु। प्रति किली पानी का प्रोडक्शन रेट - 9 पैसे प्रति लीटर पानी प्रोडक्शन रेटपानी की बर्बादी रोकने के लिए जापान के सहयोग से इस टेक्नालाजी को शहर में लागू किया जा रहा है। हम लोगो ने टीम के द्वारा मिलकर कोनिया में कार्य करना शुरू कर दिया गया है। जल्द ही इसे पूरे शहर में भी लांच करेंगे.
रघुवेन्द्र कुमार, महाप्रबंधक, जलकल