गोपाल मंदिर में धूमधाम से मनाई जाएगी जन्माष्टमी
वाराणसी (ब्यूरो)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शहरभर में हर्षोल्लास है। मार्केट में चहुंओर कान्हा के ड्रेस समेत पूजा सामग्री की खरीदारी की भीड़ है। इस दौरान मंदिरों में भी सजावट चल रहे हैैं। हम बात करीब तीन सौ वर्ष पुराने गोपाल मंदिर की कर रहे हैैं, जिसकी बहुत मान्यता हैै। बनारस में शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसको इस मंदिर के बारे में न पता हो। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के दो रूपों का दर्शन होता हैै। एक में बाल गोपाल तो दूसरे में मुकुंद लाल की छवि देखने को मिलती हैै। जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में भव्य सजावट होती हैै। यहां पर जन्माष्टमी को बड़े ही खास तरीके से मनाया जाता हैै। मंदिर के मुख्य पुजारी राम दुलारे ने बताया कि जन्माष्टमी के मौके पर विशेेष प्रकार का भोग कान्हा के लिए बनाया जाता हैै। साथ ही भगवान के प्रसाद को गुप्त तरीके से बनाया जाता हैै। अगर किसी बाहर के व्यक्ति ने वह प्रसाद देख लिया तो उस प्रसाद का भोग कृष्ण भगवान को नहीं लगता हैै.
मंदिर में ही तैयार होता है प्रसादमंदिर में शुद्धता का बहुत ध्यान रखा जाता हैै। किसी भी प्रकार का प्रसाद मंदिर के बाहर से नहीं आता हैै। पूरा प्रसाद मंदिर में ही तैयार किया जाता हैै। बाल गोपाल को चढ़ाने वाले प्रसाद के लिए मंदिर में ही गाय पाली जाती हैै और मंदिर में ही प्रसाद बनाकर भगवान कृष्ण का चढ़ाया जाता हैै। मंदिर में प्रसाद भी मंदिर के सेवक द्वारा ही तैयार किया जाता हैै। बाहर से प्रसाद बनाने की किसी भी प्रकार की सामग्री मंदिर में नहीं आती हैै। सब कुछ मंदिर के अंदर ही तैयार किया जाता हैै।
मंदिर का समय सीमित श्री गोपाल मंदिर में दर्शन का समय बहुत छोटा और सीमित हैै। प्रात: काल में मंगला, श्रंृगार, पालन और राजभोग का दर्शन होता हैै और शाम को आरती एवं शयन आरती के दौरान मंदिर के पट खोले जाते हैैं। पट खुलने के लगभग 15 मिनट के अंदर ही पट बंद कर दिये जाते हैैं। मंदिर में जन्माष्टमी के लिए भव्य आयोजन किया जाता हैै। जन्माष्टमी की रात को सभी मिल कर नृत्य करते हैैं और कृष्ण भगवान के भजन आदि गाते हैैं। भगवान का जन्म होने के बाद भक्तों पर दही उड़ाया जाता हैै और फिर प्रसाद वितरण होता हैै। इस खास प्रकार के प्रसाद को लेने के लिए भीड़ उमड़ आती हैै। जन्माष्टमी के दिन तो मंदिर में पैर रखने की जगह भी नहीं बचती हैै.कृष्ण भगवान का भव्य श्रंृगार
श्री गोपाल मंदिर में वैसे तो रोज ही कृष्ण भगवान को बहुत सुंदर श्रंृगार करके सजाया जाता हैै पर जन्माष्टमी के मौके पर उनका विशेष श्रंृगार होता हैै। कान्हा को भव्य तरीके से सजाया जाता हैै। कपड़ों से लेकर गहने सभी बहुत ही सुंदर होते हैैं। हर किसी की नजरें बस भगवान कृष्ण के ऊपर ही होती हैै। साथ ही मंदिर को जन्माष्टमी के मौके पर खूब सुंदर सजाया जाता हैै। लोगों का मानना हैै कि भगवान नारायण का यहां वास हैै। जन्माष्टमी के दिन अनगिनत लोग आरती में शामिल होते हैैं और भक्ति भाव से भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैैं. हर बार की तरह इस बार भी मंदिर में ही प्रसाद तैयार किया जाएगा। रात को सभी साथ मिलकर नृत्य आदि करते हैैं और भक्ति-भाव से बाल गोपाल की आरती करते हैैं. राम दुलारे, मुख्य पुजारी, श्री गोपाल मंदिर