वोट के लिए गिफ्ट बांटे तो खैर नहीं
वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम चुनाव के दौरान थोक में गिफ्ट आइटम खरीदना प्रत्याशियों को भारी पड़ सकता है। धन के इस्तेमाल पर सख्ती के बाद आशंका है कि वोटरों को लुभाने के लिए गिफ्ट बांटे जा सकते हैं। मार्केट में इस समय मोबाइल, गोल्ड-सिल्वर आइटम, बनारसी साड़ी, घड़ी आदि की मांग अचानक बढ़ गयी है। इसे देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है.
खुफिया तंत्र की नजर इस समय प्रत्याशियों के खर्चे, कैश की आवाजाही, शराब-मुर्गा पार्टी के साथ अब गिफ्ट बांटने पर भी नजर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इक_ा करने के लिए खुफिया तंत्र का सहारा लिया है। साथ ही बाजार के ही कुछ लोगों को मुखबिर बनाया है, जो उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे. बाजार में दिख रही है हलचलप्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए गिफ्ट आइटम की खरीदारी कर रहे हैं, जिसकी हलचल बाजार में दिखने लगी है। गोल्ड-सिल्वर, बनारसी साड़ी, घड़ी, मोबाइल जैसे गिफ्ट वोटर को बांटे जा सकते हैं। विभाग ने शहर के थोक कारोबारियों को सख्त हिदायत दी है कि कोई भी बड़े पैमाने पर इन चीजों को खरीदारीता है तो तुरंत विभाग को सूचा दें।
खरीद-फरोख्त के दस्तावेज रखेंआयकर विभाग ने खरीद-बिक्री के सारे कागजात रखने को निर्देशित किया है। थोक सामान खरीदने वाले का पूरा नाम, पता, माल कहां जाएगा, किस काम के लिए जाएगा, ये सभी जानकारियां रखने को कहा है। यदि कारोबारी बिना रसीद के कोई बिक्री करता है तो उसके खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मतदाताओं को लुभाने की साजिश में शामिल होने का केस भी चलाया जाएगा.
चुनाव चिह्न वाले आइटम पर भी नजर उधर, चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव चिह्न वाले आइटम की खरीद फरोख्त पर भी नजर रखने को कहा गया है। ये आइटम वोटरों के बीच वितरित किए जाते रहे हैं। इसके जरिए अपने चुनाव चिह्न का प्रचार और वोटर को गिफ्ट का लालच दिया जाता है। यह आचार संहिता के उल्लंघन में आता है। इस पर आयोग ने आयकर अधिकारियों के साथ खुफिया विभाग को भी इस पर नजर रखने को कहा है. चुनाव में धन के खर्चे पर अंकुश लगाने के लिए सभी जगह टीम तैनात कर दी गयी हैं। इसके अलावा जो लोग गिफ्ट आइटम से वोटरों को लुभाने की कोशिश करेंगे, उन पर भी नजर रखने के लिए कुछ लोगों को लगाया है। ये लोग इनकी सारी गतिविधियों के बारे में जानकारी देंगे। . कुमार संजय, प्रधान आयकर आयुकत