इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का हुआ समापन टेंपल इकोसिस्टम के लिए नवाचार की क्रांति लाने को माध्यम बना एक्सपो 250 प्रसिद्ध मंदिरों के 1098 प्रतिनिधि और प्रकांड विद्वान हुए शामिल

वाराणसी (ब्यूरो)सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन में 22 से 24 जुलाई तक चल रहे इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का सोमवार को समापन हो गया है। जिसको सफल बनाने में वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस भव्य समागम में शामिल होने दुनिया के 32 देशों और 250 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के करीब 1098 प्रतिनिधि और प्रकांड विद्वान आए थे। जिनमें ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने डिजिटल माध्यम से भक्त और भगवान के बीच की दूरी को लगभग समाप्त कर दिया। टेम्पल इकोसिस्टम में साइबर सर्विलांस और टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए वोल्कसारा की फाउंडर और सीईओ सयाली लाड ने कहा कि हम विकास और प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन साइबर युद्ध सबसे बड़ा युद्ध है जो अभी हो रहा है। इसलिए साइबर सिक्योरिटी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंदिरों का मानना है कि भक्त परिवार के सदस्य हैं और मंदिर परिसरों को इसी प्रकार संरक्षित करने की आवश्यकता है.

पेश किया समाधान

आचार्य देव ने वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) द्वारा भारतीय सनातन धर्म की परंपरा को आधुनिकता से जोड़ते हुए वर्चुअल ज्योतिष और पूजा का समाधान भक्तों के सामने पेश किया। आचार्य देव ने बताया कि भक्तों को वर्चुअल माध्यम से भक्ति से जोडऩे की प्रेरणा उन्हें कोविड काल में मिली जब मंदिरों तक भक्तों का पहुंचना मुमकिन नहीं था, पर उन्हें भगवान की जरूरत सबसे ज्यादा थी। भक्तों के साथ मंदिर के पुजारियों को भी उस समय आय की जरूरत थी। इन्ही सब महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर उन्होंने वामा (वर्चुअल एस्ट्रोलॉजी एंड मंदिर एप) की स्थापना की.

टेंपल टॉक का आयोजन

कार्यक्रम के अंतिम दिन गिरेश कुलकर्णी के अवलोकन भाषण के बाद दिन का सत्र विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे के मुख्य भाषण के साथ शुरू हुआ। इसके साथ ही सयाली लाड, संस्थापक और सीईओ, वोक्सारा ने मंदिर इकोसिस्टम में साइबर सर्विलांस और टेक्नोलॉजी पर एक विशेष सत्र का नेतृत्व किया। सेल्वम अलघप्पन, कार्यकारी निदेशक विश्राम देव ने टेम्पल इंफ्रास्ट्रक्चर पर टेम्पल टॉक का आयोजन किया गया.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उदाहरण

लाइटिंग और प्रोजेक्शन मैपिंग के लिए भी एक अनूठे समाधान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हर मंदिर सुंदर है, और इसे लाइटिंग शो द्वारा बढ़ाया व दर्शाया जा सकता है। इसे पत्थर की संरचनाओं, पेड़ों और दीवारों से लेकर किसी भी सतह पर लगाया जा सकता है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इसका एक उदाहरण है। यह उस स्थान को देखने में सुखद बनाने के लिए हमारी लाइटिंग और प्रोजेक्शन सिस्टम का उपयोग करता है.

Posted By: Inextlive