आइआइटी-बीएचयू स्टार्टअप को दिलाएगा बाजार
-संस्थान में बनेगा इन्क्यूबेशन सेंटर, एचडीएफसी बैंक 2021 में एक साल के लिए करेगा 50 लाख रुपये की मदद
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हो रही खोजों और अनुसंधानों को बाजार और सामान्य लोगों तक पहुंचाने में मदद करेगा आइआइटी-बीएचयू में स्टार्टअप और युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक इनक्यूबेशन सेंटर आइ-डीएपीटी-हब फाउंडेशन खोला जाएगा। यह इनक्यूबेशन सेंटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हो रही खोजों और अनुसंधानों को बाजार और सामान्य लोगों तक पहुंचाने का काम करेगा। साथ ही नए आविष्कार करने वाले छात्रों को व्यवसाय के लिए बेहतर माहौल मुहैया कराने में मदद मिलेगी। इसे लेकर शुक्रवार को संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और एचडीएफसी बैंक के सर्कल आफिसर मनीष टंडन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।इसके तहत इनक्यूबेशन सेंटर को चलाने के लिए एचडीएफसी बैंक 2021 में एक साल के लिए आइआइटी-बीएचयू को 50 लाख रुपये की मदद देगा। वहीं, संस्थान इस धनराशि को आइ-डीएपीटी-हब फाउंडेशन के माध्यम से स्टार्ट-अप्स की फं¨डग, मानिट¨रग प्रोग्राम और छात्रों को बाजार से जोड़ेगा।
बेहतर उद्यमी बनाने की पहलसंस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि आइ-डीएपीटी-हब फाउंडेशन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के राष्ट्रीय मिशन कार्यक्रम के तहत आता है। इसके माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचार वाले विचारों को पोषित कर बनारस व देशभर के युवाओं को दुनिया के बेहतर उद्यमी के रूप में तैयार करना है। इस पहल की मदद से आइआइटी बीएचयू देश के आर्थिक और सामाजिक कल्याण में भी योगदान दे सकेगा। उन्होंने बताया कि एचडीएफसी कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत स्टार्टअप और इनक्यूबेशन सेंटर को मदद कर रहा है। इसी के तहत वह आइआइटी में आइ-डीएपीटी-हब फाउंडेशन की सहायता भी करेगा। स्टार्ट-अप के पूल में एचडीएफसी बैंक या आइ-डीएपीटी-हब फाउंडेशन द्वारा चुने गए स्टार्ट-अप्स शामिल होंगे। एमओयू पर हस्ताक्षर करने के दौरान संस्थान के अनुसंधान और विकास के डीन प्रोफेसर राजीव प्रकाश, संकाय मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर राजेश त्यागी और एचडीएफसी बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।
ये होता है इनक्यूबेशन सेंटर स्टार्टअप को विकसित करने में मदद करने वाले संस्थानों को इनक्यूबेशन सेंटर कहते हैं। ये संस्थान स्टार्टअप के प्रारंभिक चरण में संजीवनी की तरह होते हैं। ये व्यापारिक एवं तकनीक सुविधाओं, सलाह, शुरुआती फंडिंग, नेटवर्क, लैब की सुविधा, कंसलटेंसी आदि मुहैया कराते हैं।