बिना डीएल मैं ससुराल नहीं जाऊंगी
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी की युवतियों में ड्राइविंग का शौक तेजी से बढ़ रहा है। आरटीओ के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 2022 में करीब 2500 महिलाओं ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है, जो साल-दर-साल बढ़ ही रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने युवतियों में डीएल के प्रति बढ़ते क्रेज की वजह जानने की कोशिश की तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। अधिकतर लड़कियों की शादी होने वाली है, जिन्हें माता-पिता की ओर से गिफ्ट के रूप में कार मिलेगी। उसे वह खुद ड्राइव करेंगी। इसलिए वे परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस लेकर ही अपने सुसराल जाएंगी। इसके अलावा कई युवतियां मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत हैं, जो खुद कार ड्राइव कर आफिस जाना चाहती हैं।
बढ़ रहा ड्राइविंग का क्रेजबीते सालों की बात है, जब लोग महिलाओं को वाहन चलाता देखकर हैरान होते थे, लेकिन अब महिलाओं में वाहन चलाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। बदलते परिवेश के साथ ही महिलाएं भी तेजी से आत्मनिर्भर हो रही हैं। परिवहन विभाग के आंकड़े तो यही बयां करते हैं। इससे परिवहन विभाग का राजस्व भी बढ़ता है। पहले टू व्हीलर, फोर व्हीलर चलाने वाली अधिकतर युवतियां और महिलाएं लाइसेंस बनाने में रुचि नहीं लेती थीं।
10 हजार के पास लाइसेंसपरिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में दस हजार से अधिक महिलाओं के पास ड्राइविग लाइसेंस हैं। यह सभी लाइसेंस महिलाओं के पास दोपहिया और चारपहिया दोनों प्रकार के वाहन संचालन के लिए मौजूद हैं। बता दें कि हर साल महिलाएं तेजी के साथ ड्राइविग लाइसेंस बनवा रही हैं, जो बताता है कि समाज में आई जागरूकता और महिला वर्ग के नौकरी पेशे से जुडऩे के कारण उनका आत्मविश्वास इस ओर बढ़ा है। यही कारण है कि अब रोजमर्रा के कामों में हाथ बंटाने वाली महिलाएं वाहन आसानी से चला रही हैं। जिले में हर साल करीब 2500 महिलाएं डीएल बनवा रही हैं।
कार चलाने के लिए मैंने ड्राइविग लाइसेंस लिया हुआ है। बदलते दौर में महिलाएं आत्म निर्भर हो रही हैं। इसलिए महिलाओं को वाहन चलाना जरूर सीखना चाहिए। जिससे कि हर समय परिवार की मदद कर सके. सोनाली गुप्ता मेरे पापा ने मुझे कार गिफ्ट किया है। मैं खुद उसे ड्राइव करना चाहती हूं। टेस्ट में पास होने के बाद मेरा डीएल बन गया है। डीएल बनवाने के लिए महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो एक अच्छा संकेत है. मौनी अग्रवालस्कूटी के जरिए अपने परिवार के काम को खुद निपटा रही हूं। जरूरत पडऩे पर कार भी ड्राइव करती हूं। घर से बाहर निकलकर काम करने में काफी अच्छा लगता है.
स्नेहा रानी चार साल का आंकड़ा 2019 731 2020 624 2021 1235 2022 2446 डीएल को लेकर महिलाओं में रूचि बढ़ रही है। बड़ी कंपनियों में नौकरी करने वाली महिलाएं बढ़ी संख्या में डीएल बनवा रही हैं। हर साल यह आंकड़ा बढ़ भी रहा है. सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन