पूर्व सरकार में हुई 22 नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा उजागर कोर्ट के आदेश पर आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश


वाराणसी (ब्यूरो)फर्जी दस्तावेज के आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त श्री विश्वकर्मा माध्यमिक विद्यालय रौनाखुर्द में प्रिंसिपल मीला यादव की नियुक्ति का मामला सामने आया है। इस मामले में कोर्ट ने तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव, मीला यादव, गणेश यादव समेत आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। सिर्फ एक नियुक्ति ही फर्जी नहीं है, बल्कि अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाईस्कूलों में हेड मास्टर, शिक्षक व क्लर्क के पद पर फर्जीवाड़ा कर कुल 22 लोगों की नियुक्ति की गई थी। तीन साल पहले लोकायुक्त की जांच में नियुक्ति में फर्जीवाड़ा सामने आया था। जांच समिति ने 22 शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए निरस्त करने की संस्तुति की थी। इसमें प्रधानाचार्य मीला यादव की नियुक्ति भी शामिल थी।

सतर्कता विभाग में चल रही जांच

तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव के कार्यकाल के दौरान सत्र 2015-16 व 2016-17 के दौरान जनपद के सात अशासकीय सहायता प्राप्त सात जूनियर हाईस्कूलों में हेड मास्टर, शिक्षक व क्लर्क के पद पर 24 लोगों की नियुक्ति की गई थी। इसकी शिकायत शासन से लगाकर लोकायुक्त तक से की गई थी। शासन ने जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित कर दी थी। लंबे समय तक चली जांच में 22 लोगों की नियुक्तियों में गड़बड़ी पाई गई थी। केवल दो सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां सही निकलीं। लोकायुक्त ने फर्जी 22 नियुक्तियों को रद करने और उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा था। उक्त प्रकरण की जांच सतर्कता विभाग में चल रही है।

समय दर समय मामला

- शिकायतकर्ता दिग्विजय विश्वकर्मा नामक व्यक्ति ने सात विद्यालयों में हुई नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायत लोकायुक्त से की थी।

- लोकायुक्त ने बेसिक शिक्षा निदेशक को इसकी जांच कराने का आदेश दिया था.

- निदेशक ने इसकी जांच अपर शिक्षा निदेशक सुत्ता सिंह और राज्य शैक्षिक तकनीकी संस्थान, लखनऊ की निदेशक ललिता प्रदीप को सौंपी थी।

- दो सदस्यीय टीम मामले की जांच के लिए 28 फरवरी 2020 को वाराणसी बीएसए ऑफिस आई थी।

- टीम नियुक्ति के संबंध में बीएसए ऑफिस में पूछताछ की और सारे दस्तावेज लेकर चली गई थी।

- सात विद्यालयों में हेड मास्टर, शिक्षक व क्लर्क के पद पर 22 लोगों की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और अनियमितता मिली थी। समिति ने 22 नियुक्तियों को अवैध घोषित किया था.

फर्जी दस्तावेज पर नियुक्ति में ये आठ आरोपी

- तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव

-मीला यादव, प्रधानाचार्य, श्री विश्वकर्मा माध्यमिक विद्यालय रौनाखुर्द

- गणेश यादव, पूर्व महासचिव सपा एवं प्रबंधक संस्था ग्रामसेवा मण्डल जूनियर हाईस्कूल, नईबस्ती, पांडेपुर

- काशी प्रसाद विश्वकर्मा, प्रबंधक श्री विश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय, रौना खुर्द

- राजेंद्र विश्वकर्मा, साजिशकर्ता एवं उप प्रबंधक श्री विश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय रौना खुर्द

- मनोज मिश्रा, तत्कालीन पटल सहायक बीएसए ऑफिस

- संजीव सिंह, तत्कालीन पटल सहायक, वित्त एवं लेखा विभाग

- संतोष कुशवाहा, तत्कालीन पटल सहायक, वित्त लेखा ऑफिस

इस संबंध में अभी तक मेरे पास कोई जानकारी नहीं आई है। इसके अलावा 22 फर्जी नियुक्तिों के मामले की जांच लोकायुक्त के बाद सतर्कता विभाग भी कर रहा है। इस मामले में जो भी शासन या कोर्ट से आदेश आएगा, उसी अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।

अरविंद पाठक, बीएसए वाराणसी

फर्जी दस्तावेज पर प्रधानाचार्य की नियुक्ति के मामले को लेकर कोर्ट के आदेश की कापी मेरे पास नहीं आयी है। आदेश आते ही संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

अतुल सिंह, एसएचओ चोलापुर

Posted By: Inextlive