इंटरनेट मीडिया पर सफाईकर्मी के प्रसारित वीडियो से खुली पोल विभागीय कागजों पर गांव-गांव रोस्टर से चल रहा स्वच्छता अभियान प्रत्येक सरकारी कार्यालयों आवासों पर है सफाईकर्मियों की तैनाती

वाराणसी (ब्यूरो)लखनऊ में सड़क पर जिला पंचायत राज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव का कुत्ता टहलाते सफाईकर्मियों के इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो से प्रशासनिक महकमें में खलबली मची हुई है। इस प्रसारित वीडियो ने जिला पंचायती राज कार्यालय की कारस्तानी की पोल खोलकर रख दी है.

होली से ही लखनऊ में

होली से डीपीआरओ के लखनऊ स्थित निज आवास पर तैनात सफाईकर्मी का मऊ से पेरोल यानि प्रतिमाह वेतन निकलता रहा। जबकि सफाईकर्मियों की तैनात बडऱांव व दोहरीघाट विकास खंड के गांव में है। ऐसे में बिना प्रधान व ग्राम सचिव के हस्ताक्षर से आखिर पेरोल कैसे निकल रहा था। इधर सच्चाई यह है कि जिला मुख्यालय, तहसील व ब्लाक मुख्यालयों से लगायत लगभग सभी सरकारी आवासों पर भी सफाईकर्मियों की तैनाती है। उधर कागजों में सप्ताहवार गांवों का रोस्टर तैयार कर स्वच्छता मिशन की अलख जगाई जाती है।

गांवों में है तैनाती

ग्राम पंचायतों की साफ-सफाई के लिए राजस्व गांववार सफाईकर्मी तैनात हैं। इन कर्मियों द्वारा पूरे एक माह गांव की साफ-सफाई किए जाने के बाद ग्राम प्रधान पेरोल बनाते हैं। ग्राम सचिव व प्रधान के संयु1त हस्ताक्षर के बाद पेरोल के आधार पर सफाईकर्मियों का वेतन निकलता है। इधर दो दिन से इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहे वीडियो में जनपद के बडऱांव व दोहरीघाट ब्लाक के सफाईकर्मी तीन माह से डीपीआरओ के लखनऊ स्थित आवास पर तैनात हैं। लखनऊ में ड्यूटी करने के बावजूद जिला पंचायत राज कार्यालय उसका प्रतिमाह का वेतन देता रहा।

कार्यालय से आवास तक तैनात

पूर्ववर्ती बसपा सरकार में गांवों को स्वच्छ रखने के लिए मोटी तनख्वाह पर सफाईकर्मियों की नियु1ित हुई। यूं तो जिला पंचायत राज विभाग द्वारा सफाईकर्मियों को प्रत्येक राजस्व गांव में तैनात किया है पर अधिकतर गांवों की सच्चाई है कि केवल पेरोल बनाने के लिए इनकी तैनाती गांव में है, जबकि कर्मियों की ड्यूटी कलेक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील व ब्लाक कार्यालयों पर लगी है। आलम यह है कि एक-एक कार्यालयों में कई की संख्या में इनको अन्य कामों के लिए लगाया गया है। इसके साथ अधिकारियों के वाहन चलाने से लेकर उनके निजी आवासों पर भी इन्हें तैनात किया गया है।

निज आवास पर भी तैनात

लखनऊ के वृंदावन सेक्टर 20 स्थित डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद यादव के निजी आवास पर मऊ से लेकर उन्नाव जनपद के कई सफाईकर्मी तैनात हैं। इसका पर्दाफाश बडऱांव ब्लाक के सफाईकर्मी ने किया। बताया कि उन्नाव से स्थानांतरित होकर जनपद में आने के बाद भी उन्नाव के कर्मी निजी आवास पर कार्यरत हैं। कार्यालय, मऊ आवास से लेकर लखनऊ आवास तक एक दर्जन कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।

मेरे ग्राम पंचायत में दो राजस्व गांव हैं। एक सफाईकर्मी को कई माह से साहब के कार्यालय पर तैनात किया गया है। मैंने इस दौरान एक भी पेरोल नहीं बनाई, इसके बावजूद उसको वेतन मिल रहा है तो यह विभागीय कारस्तानी है। कर्मी के लिए मैंने फोन पर डीपीआरओ से शिकायत भी की थी पर सुनवाई नहीं हुई.

मनोज साहनी, प्रधान पूनापार, बडरांव

सफाईकर्मी कहां तैनात है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। वह प्रतिमाह पेरोल लाकर देता था, इसके आधार पर उसका वेतन निर्गत होता था। अब वह पेरोल कैसे लाता था, कैसे बनवाता था, यह मुझे पता नहीं.

रजनीकांत नायक, एडीओ पंचायत बडरांव

मामला बेहद गंभीर है। डीपीआरओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।

अरुण कुमार, जिलाधिकारी मऊ

Posted By: Inextlive