अपने ही चुका दें कर्ज तो भर जाए शहरी सरकार का खजाना
वाराणसी (ब्यूरो)। कितनी हैरान करने वाली बात है कि नगर निगम का 20 गवर्नमेंट डिपार्टमेंट 65 करोड़ रुपए से अधिक का कर्जदार है। नगर निगम के कंधे पर शहर की सफाई से लेकर मेंटनेंस की जिम्मेदारी होती है। उसी नगर निगम के करोड़ों रुपए सरकारी डिपार्टमेंट दबाए बैठे हैं। इनमें रेलवे, बीएचयू, बीएसएनएल, सीएमओ समेत कई डिपार्टमेंट शामिल हैं। अगर गवर्नमेंट डिपार्टमेंट करोड़ों रुपए का भुगतान नगर निगम को कर दे तो नगर निगम का खजाना भर जाए। निगम इस रुपए से शहर में और विकास कार्य कराएगा ताकि आम पब्लिक को दिक्कत न हो। निगम ने जब नोटिस भेजा तो सभी डिपार्टमेंट को बकाया देने में हफरी छूट रही है.
निगम की सूची में बड़े बकाएदारनगर निगम की सूची में यह सभी सरकारी डिपार्टमेंट बड़े बकाएदार हंै। यह अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते हैं कि समय से टैक्स का भुगतान कर दें। सरकारी डिपार्टमेंट से दूसरे सरकारी डिपार्टमेंट को टैक्स लेने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। अगर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने हुए टैक्स का भुगतान करें तो शहर का कायाकल्प हो जाएगा, लेकिन यह विभाग नहीं चाहते कि आम पब्लिक को राहत मिले.
कई सालों से हैं कर्जदाररेलवे, वाराणसी विकास प्राधिकरण, सीएमओ, यूपीएसआरटीसी, बीएसएनएल, मंडी समिति, बीएचयू यह सभी नगर निगम के कई सालों से कर्जदार हैं। अगर यह हर साल थोड़ी-थोड़ी प्रापर्टी टैक्स की राशि चुकता किए होते तो नगर निगम का खजाना भर गया होता, लेकिन अपने ही लोग नगर निगम का भट्ठा बैठा रहे हंै। जबकि नगर निगम बकाया लेने के लिए कई बार इन डिपार्टमेंट को नोटिस भेज चुका है, लेकिन सभी विभाग मुंह में गोंद दबाकर बैठे हैं.
प्रापर्टी टैक्स मिले तो हो विकास कार्यनगर निगम के अफसरों का कहना है कि 20 डिपार्टमेंट पर 650364877 रुपये का प्रापर्टी टैक्स बकाया है। यह राशि मिल जाए तो नए वार्डों में सीवर, नाली, बिजली, पार्कों का सुंदरीकरण, जल निकासी की व्यवस्था, खड़ंजा, लाइटिंग का कार्य हो जाए। बकाया लेने के लिए प्रयास किया जा रहा है। नोटिस पर नोटिस भेजा जा रहा है। विभागों के कान में जू तक नहीं रेंग रहा। अफसरों का कहना है कि नगर निगम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स और वक्र्स के लिए बजट की कमी का रोना रोते हैं, लेकिन सरकारी विभागों पर ही इतना प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है कि उससे विकास के कई प्रोजेक्ट पूरे हो सकते हैं। कई वार्डों का कायाकल्प हो सकता है। जिन वार्डों में समस्या है उन्हें दूर किया जा सकता है। हालांकि बीएचयू, सीएमओ डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि बकाया टैक्स के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
सरकारी डिपार्टमेंट को पत्र भेजा गया है। उनके विभागीय अफसरों को कहा है कि जल्द से जल्द प्रापर्टी टैक्स का भुगतान करें. शिपू गिरी, नगर आयुक्त बिना देखे कैसे बता सकते हैं कि कितना टैक्स बकाया है। कोई पत्र नगर निगम भेजे तो टैक्स की देनदारी की जाए. संदीप चौधरी, सीएमओ इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। कोई टैक्स बाकी नहीं है। ड्रेनेज सिस्टम, पानी से लेकर सब कुछ बीएचयू का है. राजेश सिंह, पीआरओ, बीएचयू टैक्स की जानकारी नहीं है। फिर भी डिपार्टमेंट में पता करेंगे कि नगर निगम का कोई टैक्स बकाया है या नहीं. लालजी चौधरी, अपर रेल मंडल प्रबंधक