अगर ऐसी हैं वैन तो लगाएं बैन
वाराणसी (ब्यूरो)। अमेठी में स्कूल वैन में आग लगने की खबर बुधवार को वाराणसी में आग की तरफ फैली। उसे सुनकर पैरेंट्स का चिंतित होना स्वाभाविक है, क्योंकि अपने शहर के भी हजारों बच्चे रोज वैन से स्कूल आते-जाते हैं। इस हादसे से सबक लेकर अपने यहां कोई अभियान नहीं चला। क्या हमने कभी देखा है कि जिस वैन से हम बच्चे को भेज रहे हैं, वह कितनी सुरक्षित है और मानक पूरे कर रही है या नहीं। अमेठी की घटना तो हमने आज सुनी है। २५ जुलाई २०१६ की भदोही के उस मनहूस हादसे को याद करेंगे तो दिल दहल जाएगा। एक स्कूल से अटैच मैजिक वैन १९ बच्चों को लेकर जा रही थी। बच्चों के मना करने के बावजूद चालक ईयर फोन लगाकर लापरवाही से वैन चला रहा था। ट्रेन आने की सूचना पर भी वह रेल लाइन पार करने लगा। इसी दौरान रेलवे लाइन पर ही ट्रेन से वैन टकरा गई और उसमें सवार नौ बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। इस मामले में दोषी ड्राइवर को १० साल की सजा सुनाई गई थी। १३ जनवरी २०१९ में भदोही में फिर बड़ा हादसा हुआ। सुबह बच्चों को लेकर जा रही एक स्कूल वैन में लगे गैस सिलेंडर में आग लग गई, फिर सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में १९ बच्चे झुलस गए थे। इनमें सीरियस १३ बच्चों को बीएचयू रेफर किया गया था। बाद में एक बच्ची ने दम तोड़ दिया था। ड्राइवर वैन का दरवाजा लॉक छोड़कर ही फरार हो गया था। ग्रामीणों ने वैन का गेट तोड़़ बच्चों को बाहर निकाला था.
भूसे की तरह वैन में ठूंसे जाते हैं बच्चे बनारस की सड़कों पर पाबंदी के बावजूद वैन और मैजिक बच्चों को भूसे की तरह ठूंस-ठूंसकर भरकर फर्राटा भर रही हैं। जब बुधवार को दैनिक जागरण आइनेक्स्ट की टीम ने कई जगह पड़ताल की तो बच्चों का यह सफर अनसेफ नजर आया। वैन में क्षमता से बहुत अधिक २० से २२ बच्चों को बैठाया गया था। भीषण गर्मी में बच्चे पसीने से तर-बतर थे। हवा लेने के लिए कई बच्चे बार-बार अपने चेहरे को वाहन से बाहर निकाल रहे थे। इस वाहन के इर्द-गिर्द से तेज रफ्तार गाडिय़ां भी निकल रही थीं। यह सब बड़ा लालपुर, मंडुआडीह, पहडिय़ा, मैदागिन आदि में देखने को मिला। अब सवाल उठता है कि इस तरह के वैन के सफर पर बैन कौन लगाएगा.वैन में क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठा सकते। यदि यह हो रहा है तो गलत है। उडऩ दस्ते को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। आरटीओ में सिर्फ १२ सीटर से ज्यादा के वाहन ही रजिस्टर्ड हैं.
-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ केस-१ : ड्राइवर ने लगा रखा था ईयर फोन, वैन से उतरते ही मासूम को कुचला २४नवंबर २०१८ को रोहनिया के राजा तालाब में स्कूल से पढ़कर बच्चा घर लौटा। वैन से उतरकर घर की दरफ दौड़ा, तभी ड्राइवर ने वैन स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी। ड्राइवर ईयर फोन लगाया हुआ था। जिस वैन से बच्चा उतरा था, उसी ने मासूम को कुचल दिया। बच्चे की मौत के बाद ड्राइवर भाग गया। इस घटना की वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने बाद में स्कूल प्रबंधक को गिरफ्तार किया था. केस-२ : स्टेयरिंग छोड़कर खैनी रगड़ रहा था ड्राइवर, पलट गई वैनवाराणसी में दो साल पहले एक ड्राइवर की लापरवाही से स्कूली बच्चों से भरी वैन पलट गई थी। महगांव गरथमा के एक स्कूल वैन चालक ने अपना शौक पूरा करने के लिए स्टेयरिंग ही छोड़ दी। अचानक हाथों से खैनी रगडऩे लगा। बच्चों ने मना किया मगर नहीं माना। इसी दौरान वैन अनियंत्रित हो गई और गड्ढे में चली गई। इस हादसे में पांच बच्चे घायल हुए थे। घटना के बाद चालक मौके से फरार हो गया। आस-पास के लोगों ने बच्चों को अस्पताल भेजा था.
केस-३ : नहर में पलट गई थी स्कूल वैन, सात बच्चे हुए थे घायल १७ दिसंबर २०२१ को चोलापुर के दानगंज चौकी क्षेत्र में एक तेज़ रफ़्तार स्कूल वैन टायर फटने की वजह से सूखी नहर में पलट गई थी, जिससे सात बच्चे घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों ने घायल बच्चों और ड्राइवर को बाहर निकालकर नज़दीकी अस्पताल पहुंचाया था। केस-४ : ट्रक से टकरा गई थी १६ बच्चों से भरी वैन १५ जुलाई २०१९ को वाराणसी के निकट सैयदराजा-जमानिया मार्ग पर अमड़ा धीना मोड़ के पास १६ बच्चों से भरी एक स्कूल वैन ट्रक से भिड़ गई। संयोग रहा कि समय पर दोनों वाहनों के ब्रेक लग गए और बड़ा हादसा नहीं हुआ और बच्चे बाल-बाल बच गए। बच्चों के चीखने-चिल्लाने से आस-पास के लोग इक_ा हुए, इसके बाद घर वालों को बुलाया गया था.