यह कैसी संभव जनसुनवाई, आम जनता ने ही दूरी बनाई
वाराणसी (ब्यूरो)। 40 लाख आबादी के बीच नगर निगम जनसुनवाई में नौ महीने में महज 537 मामले ही आए। कितनी हैरान करने वाली बात है। वजह सतही तौर पर मामलों का निस्तारण होना बताया जा रहा है। इसलिए जनता ने खुद ही समस्याओं से जूझना सीख लिया है। कई बार चक्कर लगानेे के बाद समस्याओं को सुनने के बाद गंभीरता से न लेना आम पब्लिक को इसका काफी दर्द है। संभव जनसुनवाई प्रत्येक मंगलवार को सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक लगता है। इसमें खुद नगर आयुक्त आम पब्लिक की समस्याओं से रूबरू होते हैं। उनकी गैरहाजिरी में अपर नगर आयुक्त समस्याओं को सुनते हैं। सवाल यह उठता है कि सप्ताह में एक दिन में दो घंटे की जनसुनवाई में समस्याओं की झड़ी लग जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता। जबकि शहर में समस्याओं को अंबार लगा हुआ है.
बिजली, पानी, खोदाई की समस्या आमशहर में बिजली, पानी, खोदाई की समस्याओं का अंबार है। इसके अलावा बंदरों का आतंक, सीवर ओवरफ्लो, नगर निगम में जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट, दाखिल खारिज समेत कई समस्याएं खड़ी हैं। समस्याओं को लेकर पहुंचने पर इतना लेट-लतीफी किया जाता है कि आम पब्लिक का मन खिन्न हो गया है। इसलिए वह अपनी समस्याओं को लेकर जाना कम कर दिए हैं। खोदाई, अतिक्रमण की समस्या तो आम बात है.
मामलों की सतही तौर पर सुनवाई सप्ताह में चार घंटे की संभव जनसुनवाई में समस्याओं का जहां अंबार लग जाना चाहिए वहीं महज 10 से 15 ही मामले आते हैं। फरियादियों के मामले को सुना जरूर जाता है, लेकिन समस्याओं का निस्तारण कब होगा यह फरियादियों को भी पता नहीं रहता। बस समस्याओं को सुनने के बाद संबंधित डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाता है। फिर क्या इसके बाद फरियादी चक्कर लगाता रहता है, लेकिन समस्याएं जस की तस रहती हैं। अंत में परेशान होकर वह विभाग जाना बंद कर देता है. 7 जून को संभव जनसुनवाई की शुरुआत आम पब्लिक की समस्याओं का दूर करने के लिए 7 जून 2022 को संभव जनसुनवाई की शुरुआत की गई थी। शुरुआत में समस्याओं से संबंधित मामले काफी आते रहे लेकिन इन मामलों के निस्तारण में सुस्त प्रणाली को लेकर शहर के अधिकतर लोगों ने दूरी बना ली है। यानी खुद ही अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन विभाग के पास नहीं आते। यही वजह है कि 9 महीने में अब तक 537 मामले ही आए। फिलहाल इस आंकड़े को लेकर पता चलता है कि आम जनता की समस्याओं को लेकर नगर निगम कितना गंभीर है.जनसुनवाई में कोर्ट के भी मामले
नगर निगम के अफसरों का कहना है कि संभव जनसुनवाई में फरियादी कोर्ट के भी मामले को लेकर चले आते हैं। इसमें नगर निगम के अफसर वापस कर देते हंै। नगर निगम से संबंधित समस्याओं को ही फोकस किया जाता है। शहर में कई ऐसे मामले हैं जो कोर्ट में चल रहे हैं। इनमें दाखिल-खारिज से लेकर मकान को कब्जा से लेकर अतिक्रमण कर निर्माण समेत कई ऐसे मामले हैं जिन्हें लोग लेकर विभाग में चले आते हैं. संभव जनसुनवाई में ज्यादातर मामले कोर्ट के भी आते हैं। इसलिए फरियादियों को उचित परामर्श देकर उन्हें संंबंधित विभाग के पास भेज दिया जाता है। सीवर, पानी, बिजली और अतिक्रमण की समस्या रहती हैं तो उसका निस्तारण किया जाता है. दुष्यंत मौर्या, अपर नगर आयुक्त