लैंडलार्ड के मोबाइल पर हाउस टैक्स बिल का अलर्ट
वाराणसी (ब्यूरो)। पूरे प्रदेश में इस वक्त बनारस नगर निगम हाउस टैक्स कलेक्शन के मामले में सुर्खियों में बना हुआ है। इसी कारण हाउस टैक्स कलेक्ट करने के लिए नया प्लान लेकर आया है। इसके तहत नगर निगम अपने सेनेटरी एवं टैक्स इंस्पेक्टर की मदद से लोगों के घरों तक हाउस टैक्स बिल भेजवाने के साथ उनका मोबाइल नंबर भी ले रहा है। मोबाइल नंबर उनका ही लिया जायेगा जो खुद ही भवन का मालिक हो और उसका नंबर चालू हालत में हो। नगर निगम के इस काम को अंजाम देने के लिए सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित करते उनसे डाटा कलेक्ट करने के लिए प्लान तैयार कर लिया है.
सबसे लास्ट में हो रहा है प्रॉसेसप्रदेश में बनारस को लेकर कुल 17 नगर निगम हैं। प्रदेश के 16 नगर निगमों ने मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजने वाली सुविधा को पहले ही लांच कर दिया है। बनारस नगर निगम ने अपनी फजीहत को झेलते हुए बाकी नगर निगमों से सीख लेते हुए सबसे लास्ट में इस प्रॉसेस को अपनाया है.
साफ्टवेयर पर अपलोड होगा नंबरनगर निगम प्रशासन अपनी प्लानिंग के तहत लैैंडलार्ड के नंबर को लेकर अपने साफ्टवेयर पर अपडेट करेगा। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा ने बताया कि वह सभी जोन से इस टारगेट को तीन माह के अंदर पूरा करने का प्रयास करेंगे और अपने नगर निगम के साफ्टवेयर प्रापर्टी टैक्स पर अपडेट करवाएंगे.
रिमांइडर के साथ वनवे कम्यूनिकेशन नगर निगम प्रशासन ने कहा कि वह इन नंबरों के डाटाबेस के माध्यम से लैैंडलार्ड को उनके हाउस टैक्स के हर अपडेट को एसएमएस के माध्यम से बताएगा। साथ ही उनके हाउस टैक्स के बकाये या ज्यादा बिल के होने पर उन्हें रिमाइंडर एसएमएस करेगा, जिससे वे अलर्ट हो जाएं। इस साफ्टवेयर के बारे में नगर निगम के अधिकारियों का कहना था कि इसकी मदद से सिर्फ वनवे कम्यूनिकेशन होगा। इससे टूवे कम्यूनिकेशन नहीं हो सकेगा. डोर टू डोर होगा कलेक्शन नगर निगम ने लैैंडलार्ड के नंबर को कलेक्ट करने के लिए डोर टू डोर का प्लान बनाया हुआ है। इसमें सभी जोन के सुपरवाइजर लेवल से लेकर सेनेटरी इंस्पेक्टर, टैक्स इंस्पेक्टर की मदद से इस काम को अंजाम दिया जायेगा। प्रशासन ने इसके लिए मीटिंग करते हुए सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है कि वह इसको पूरा करने के लिए डेली मीटिंग करते हुए वाच करें। कम से कम समय में नंबर को रजिस्टर्ड करवाने का प्रयास करें.पब्लिक की सुविधा के लिए यह किया जा रहा है। डाटाबेस तैयार होने के बाद साफ्टवेयर की मदद से पब्लिक को टैक्स से रिलेटेड सभी जानकारियां एसएमएस के माध्यम से सूचित की जाएंगी.
पीके मिश्रा, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी