कांउसलिंग से छात्रों को बनाएंगे एनर्जेटिक
वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) अपने स्टूडेंट्स की बेहतरी के लिए लगातार नए-नए प्रयोग और प्रयास करता आ रहा है। हाल ही यहां हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए हॉस्टल वार्डेन के लिए एक सेंट्रलाइज्ड ई-मेल जनरेट किया गया था, ताकि छात्रा हॉस्टल से संबंधित किसी भी शिकायत को वार्डन को दे और उसका जल्द समाधान हो सकें। इसी क्रम में अब यहां छात्रों तनाव मुक्त कर एनर्जेटिक करने के साथ उनकी बेहतरी को गति देने के लिए छात्रावास काउंसिलिंग आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। यह कार्यक्रम बीएचयू के सभी हॉस्टल में हर महीने आयोजित होंगे। इसमें परामर्श सत्र व कई तरह की गतिविधियां होंगी।
व्यक्तिगत परामर्श सत्रस्टूडेंट वेलनेस प्रकोष्ठ की ओर से शुरु किए जा रहे इस कार्यक्रम को स्टूडेंट डीन ऑफ स्टूडेंट प्रो। अनुपम कुमार नेमा के मार्गदर्शन में चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत छात्रावासों में विभिन्न विषयों जैसे मानसिक स्वास्थ्य, सेल्फ केयर, परीक्षा के तनाव से निपटने जैसे विषयों पर परामर्श सत्र व गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम की शुरुआत में व्यक्तिगत परामर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद जरुरत के मुताबिक ग्रुप एडवाइज सेशन और एक्टिविटी का आयोजन होगा। स्टूडेंट्स के लिए एडवाइज फैसिलिटीज का दायरा बढ़ाने के कुलपति प्रो। सुधीर कुमार जैन के सुझाव पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है।
मूल उद्देश्यों की प्राप्ति अनुपम कुमार नेमा ने बताया कि यह महान शिक्षाविद्, स्वतंत्रता सेनानी व समाज सुधारक भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की दूरदर्शी सोच का साकार रूप है। बीएचयू की स्थापना के उद्देश्यों में से एक है विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास। महामना की दृष्टि के अनुरूप बीएचयू निरन्तर उन्हीं मूल उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ रहा है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विश्वविद्यालय एक और नई पहल कर रहा है, जिसको नाम छात्रावास काउंसिलिंग आउटरीच कार्यक्रम दिया गया है। 16 हजार स्टूडेंट्स को फायदा विश्वविद्यालय के छात्र परामर्शदाता नित्यानंद तिवारी और विद्यार्थी मामलों के सलाहकार कमांडर (रिटायर्ड) एस। सान्याल इसमें आयोजित होनी वाली सभी एक्टिविटिज की अगुवाई करेंगे। बता दें कि विवि में कुल 79 छात्रावास हैं, जिनमें 16000 से अधिक छात्र और छात्रा रहते हैं। इस कार्यक्रम के तहत इन सभी छात्रावासों को 28 वर्गों में इस तरह बांटा गया है कि हर महीने सभी में एडवाइज एक्टिविटीज की जा सकें और अधिक से अधिक स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिल सके। बीएचयू की जिम्मेदारीकुलपति प्रो। सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक, शारीरिक, पेशेवर, भावनात्मक तथा मानसिक विकास के लिए पर्याप्त अवसर व स्थितियां उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है। इसकी क्रम में बीएचयू ने विभिन्न विद्यार्थी कल्याण पहल तथा विद्यार्थी नेतृत्व कौशल पहल आरंभ की हैं। छात्रावास काउंसिलिंग आउटरीच कार्यक्रम इसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
क्या करेंगे -शैक्षणिक, शारीरिक, पेशेवर, भावनात्मक तथा मानसिक विकास के लिए काउंसलिंग होगी। -कोई छात्र डिप्रेशन या किसी चीज को लेकर परेशान है तो उसे दूर कर छात्र में ऊर्जा का संचार किया जाएगा। -हर माह सभी हॉस्टल में जाएगी एक्सपर्ट की टीम -अधिक से अधिक स्टूडेंट्स को लाभ देना का होगा प्रयास पं। मदनमोहन मालवीय जी के मूल उद््देश्यों की दिखा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विवि की ओर से एक नई पहल की शुरुआत हो रही है। ताकि हमारे स्टूडेंट्स तनाव मुक्त रह सकें। इससे छात्रों में ऊर्जा का संचार होगा। प्रो। अनुपम कुमार नेमा, डीन ऑफ स्टूडेंट्स