300 व्हीकल्स के ऑनर लापता
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी से अन्य शहरों को जोडऩे के लिए कैंट, मंडुवाडीह, वाराणसी सिटी और काशी रेलवे स्टेशन हैं। इन स्टेशनों से हर दिन हजारों लोग ट्रेन से सफर के लिए चढ़ते और उतरते हैं। इसमें कुछ यात्री अपने वाहन स्टेशनों के बाहर पार्किंग में खड़े कर ट्रेन पकड़ते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इन पार्किंग स्थलों की पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। इन पार्किंग में तीन सौ से अधिक ऐसे वाहन हैं, जो कोरोना काल से खड़े हैं। काफी इंतजार के बाद भी वाहनों को लेने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं। इसमें कुछ ऐसे भी वाहन हैं, जो चोरी के भी हैं। हालांकि पार्किंग संचालकों ने रेलवे को पत्र लिखकर इन वाहनों को मालिकों तक पहुंचाने के लिए पत्र भी लिखा है, लेकिन रेलवे की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया।
खड़े होते 1500 वाहनवाराणसी के रेलवे स्टेशनों से हर दिन 150 से अधिक टे्रनें आती-जाती हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए इन स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा दी गई है। इन चारों स्टेशनों के बाहर पार्किंग में करीब 1500 वाहनों के खड़े होने की क्षमता है। पार्किंग में वाहनों को खड़े करने वाले अधिकांश लोग रोज सुबह आते हैं और शाम को लेकर चले जाते हैं। लेकिन तीन सौ से अधिक वाहन ऐसे हैं, जिन्हें लेने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं।
कोई भी गंभीर नहीं ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट और जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर वाराणसी में फरवरी से लेकर अगस्त तक तमाम देशों से बड़ी हस्तियां आएंगी। इनकी सुरक्षा को लेकर तमाम योजनाएं बनाई जा रही हैं। ऐसे में रेलवे पार्किंग में तीन सौ से अधिक वाहन ऐसे सामने आए, जो काफी समय से खड़े हुए हैं। संबंधित वाहनों के मालिक अभी तक सामने नहीं आए हैं। ऐसे में इन लावारिस वाहनों के निस्तारण को लेकर संबंधित व्यक्ति और विभाग गंभीर नहीं है। पार्किंग संचालक कहते हैं कि लावारिस वाहनों की जानकारी रेलवे और जीआरपी को दी गई है, लेकिन रेलवे और जीआरपी ने ऐसी किसी जानकारी से साफ इनकार किया है। जीआरपी इंस्पेक्टर ने बताया कि पार्किंग में लावारिस वाहन नहीं हैं। कुछ वाहन माल-मुकदमा के हैं। वाहनों की संख्या भी मालखाना इंचार्ज को ही होगी। पार्किंग शुल्क 25 हजारकैंट रेलवे स्टेशन के फ्लेटफार्म-9 की तरफ वाली पार्किंग की पड़ताल में कई लावारिस वाहन मिले। एक चौकाने वाली जानकारी भी सामने आई। पार्किंग संचालक ने बताया कि दो-तीन वाहन ऐसे हैं, जिस पर पार्किंग शुल्क 25 हजार रुपये से अधिक हो गया है। मालिक होने के बाद भी वाहन लावारिस स्थिति में खड़े हैं। कैंट रेलवे स्टेशन के एक नंबर गेट वाली पार्किंग में खड़े वाहनों पर पौधे उग आए हैं.
चोरी के वाहन मिल चुके रेलवे स्टेशनों की पार्किंग चोरों के लिए वाहन खड़े करने की सबसे सुरक्षित जगह भी मानी जाती है। पिछले कुछ सालों में वाराणसी पुलिस ने एक-दो ऐसे गैंग का भी खुलासा किया है, जो शहर में वाहन चुरा कर रेलवे की पार्किंग में खड़े कर देते थे। पार्किंग संचालकों ने स्वीकार भी किया है कि लावारिश वाहनों में कुछ चोरी के हो सकते हैं. कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर पार्किंग में खड़े लावारिस वाहनों की मौखिक जानकारी दी गई है। अगर इस बारे में पार्किंग संचालकों की ओर से लिखित जानकारी दी जाएगी तो इसके निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी. गौरव दीक्षित, डायरेक्टर, कैंट रेलवे स्टेशन