अवधेश हत्याकांड में फैसले को लेकर पुलिस-प्रशासन का होमवर्क शुरू
वाराणसी के चर्चित अवधेश हत्याकांड पर 5 जून को फैसला आएगा। इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद आरोपी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर फैसला आ सकता है। इस फैसले को लेकर पुलिस और प्रशासन ने होमवर्क शुरू कर दिया है। जिला एवं सत्र न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर और एडीजी जोन को फैसले की तारीख की सूचना दी है। साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर मुस्तैदी का आदेश भी दिया है।
31 साल पहले हुई थी हत्या31 साल पहले वाराणसी में पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या में हुई थी। एलआईयू और एसआईओ (विशेष शाखा) ने केस जुड़े सभी लोगों का विवरण जुटा लिया है। इसके अलावा बनारस में मुख्तार के करीबियों की सूची भी तैयार कर ली है, इसे एक-दो दिन में इंटेलीजेंस लखनऊ को भेज दिया जाएगा। पुलिस की सूची में शामिल लोगों की फैसले के 48 घंटे पहले से निगरानी शुरू होगी। वहीं मिश्रित आबादी क्षेत्र में थानों की पुलिस टीमें सक्रिय रहेगी.
बनारस में मुख्तार को पहली सजा के आसारपूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को अब तक चार केस में सजा मिल चुकी है। इसमें लखनऊ और गाजीपुर के मुकदमे शामिल हैं। वहीं पांचवें केस में पांच जून को कोर्ट सजा सुना सकती है। मुख्तार के खिलाफ अब तक बनारस में कोई सजा नहीं हुई। यहां सबसे पुराने मुकदमों में शामिल अवधेश राय केस में 31 साल बाद फैसला आ रहा है.
फैसले से पहले मुख्तार को हमले का डर मुख्तार के वकील की ओर से न्यायालय में प्रार्थनापत्र देकर हमले की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि उन पर जेल में हमला हो सकता है, कई लोग इसकी कोशिश में लगे हैं। मुख्तार ने अवधेश राय हत्याकांड के पहले बैरक में कुछ लोगों के बैरक में बिना आमद दर्ज किए घुसने पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन लोगों पर दस्तावेज लेकर जाने का आरोप भी लगाया है। न्यायालय से उन दिनों के सीसीटीवी फुटेज मंगाकर निगरानी करने की अपील की। जज ने डीजीसी से मामले की रिपोर्ट मंगाकर प्रस्तुत करने की बात कही है। मुख्तार के खिलाफ पांचवें केस में कई दिलचस्प पहलू शामिल हैं। मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था। उस दौरान वह विधायक नहीं थे, जब केस में फैसला आ रहा तब भी वह विधायक नहीं है.