Varanasi news: एक लाख हनुमत भक्तों ने पढ़ी चौपाइयां
वाराणसी (ब्यूरो)। शनिवार को काशी के घाट हनुमान की चौपाईयों से गूंज उठा। गंगा किनारे एक साथ लाखों लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। हर उम्र हनुमान की भक्ति में लीन दिखा। इसकी साक्षी बनी मां गंगा।
हंड्रेड परसेंट वोटिंग का संकल्प
वाराणसी में शत प्रतिशत मतदान के संकल्प के साथ दशाश्वमेध घाट पर विराट हनुमान चालीसा का आयोजन हुआ। जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने काशी राज परिवार के प्रतिनिधि राजकुमारी कृष्णप्रिया, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो। नागेंद्र पांडेय, डोम राजा ओम चौधरी, शहीद मंगल पांडे के प्रपौत्र रघुनाथ पांडे और शहीद भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह की उपस्थिति में काशी की जनता को राष्ट्रहित में अधिकतम मतदान करने की शपथ दिलवाई.
चार घंटे चला आयोजन
सर्व समाज काशी के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम का संयोजन जयपुर सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने किया। लगभग चार घंटे तक चले इस भव्य समारोह में करीब एक लाख लोग शामिल हुए। लाउडस्पीकर पर धार्मिक गीत वातावरण में ऊर्जा का संचार कर रहे थे। वहीं, विख्यात कवियत्री अनामिका अंबर के जोशीले गीत और काव्यपाठ ने माहौल को देशभक्तिमय बना दिया। प्रसिद्ध हनुमान भक्त संत अमरनाथ महाराज ने जनता को सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ करवाया.
देश का भविष्य गढ़ती काशी
इस अवसर पर गोपाल शर्मा ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा मतदान मजबूत लोकतंत्र का प्रतीक है। काशी हर कालखंड में राष्ट्र जागरण का केंद्र रहा है। लोग यहां अपना भविष्य गढऩे आते हैं और काशी देश का भविष्य गढ़ती है.
सजीव झांकियां आकर्षण
गायत्री शक्ति पीठ के 11 विद्वानों ने घाट पर गायत्री महायज्ञ करवाया। काशी में अधिकतम मतदान की कामना करते हुए आहुतियां अर्पित की गईं। भगवान राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान जी और वानर सेना की स्वरूप झांकी आकर्षण का केंद्र रहीं। भोले की बारात ने जय घोष के साथ डमरू का निनाद किया। भक्ति गीतों की स्वर लहरियों पर वानर सेना ने नृत्य किया तो उपस्थित श्रद्धालु भी थिरकने लगे।
नाव में बैठ कार्यक्रम
काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में बनाए गए मंच पर राजस्थान से लाई गई हनुमान जी महाराज की 10 फीट ऊंची प्रतिमा तथा राम दरबार की साक्षी में हुए आयोजन में काशी के वासी उमड़ पड़े। राजेंद्र प्रसाद घाट से दशाश्वमेध घाट तक पैर रखने की भी जगह नहीं बची थी। घाट पर जगह नहीं बचने के कारण स्थिति यह हुई कि सूर्यास्त के समय कार्यक्रम के समापन के दौरान दशाश्वमेध घाट के सामने लगभग 50 बड़े स्टीमर और 200 छोटी नावों में भी लोग बैठे हुए थे। धर्म, शिक्षा, व्यापार, समाज सहित प्रत्येक क्षेत्र के मुख्य प्रतिनिधि कार्यक्रम में मौजूद थे। प्रमुख मंदिरों-मठों के महंत, पद्म पुरस्कार विजेता, शिक्षाविद, चिकित्सक, व्यापार जगत की हस्तियां सामूहिक हनुमान चालीसा और शत प्रतिशत मतदान संकल्प के लिए जुटीं.
बिस्मिल्ला खान के वंशज
प्रारंभ में आयोजन की शुरुआत 101 विद्वानों द्वारा सुंदरकांड के पाठ से हुई। इसके बाद भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान के पौत्र नासिर अब्बास की टीम ने शहनाई वादन की प्रस्तुति दी। गणेश वंदना के बाद अतिथियों का स्वागत और सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संयोजक गोपाल शर्मा ने सभी मंचासीन अतिथियों को दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया और स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके बाद अनामिका अंबर का काव्यपाठ हुआ.
विशिष्ट जन रहे मौजूद
सामूहिक हनुमान चालीसा के भव्य समारोह के दौरान काशी के सर्व समाज से कबीरमठ मूलगादी के महंत प्रमोद दास, गुरु रविदास जन्मस्थान न्यास के महंत आचार्य भारत भूषण, पद्मश्री शोमा घोष, चिंतामणि गणेश मंदिर के महंत चेल्ला सुब्बाराव, वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, हनुमान सेना के अध्यक्ष सुधीर सिंह, शहनाई वादक नासिर अब्बास, राजस्थान ब्राह्मण मंडल के मंत्री पं। वेदमूर्ति शास्त्री, प्रख्यात सितारवादक आचार्य देवव्रत मिश्र, मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष प्रदीप तुलस्यान, श्रीकांत मिश्र, लघु उद्योग भारती के काशी प्रांत अध्यक्ष राजेश सिंह, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय मंत्री साक्षी सिंह, हनुमान चालीसा समिति के संयोजक मार्केंडय तिवारी सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.