पूर्वांचल में लू का कहर: 24 घंटे में 35 लोगों की मौत
वाराणसी (ब्यूरो)। भीषण गर्मी के कारण बीते कुछ दिनों से बलिया में हो रही मौतों का सिलसिला बुधवार को कम तो हो गया, लेकिन बीते 24 घंटे में आजमगढ़ में जिला अस्पताल में लू लगने से 20 लोगों की मौत हो गई। 10 मरीज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं। सीएमओ डा। रीता दुबे ने लू से 20 मरीजों के निधन की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने कहा कि इनकी मौत की बड़ी वजह समय से इलाज न होना था। उधर, बलिया में मंगलवार को पांच लोगों की मृत्यु हुई लेकिन 24 घंटे में 180 मरीज भर्ती हुए। लखनऊ से बलिया आई जांच टीम के निर्देश के बाद वार्डों में व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। सोनभद्र में भी जिला अस्पताल में तीन लोगों की मौत की खबर है। उधर, मीरजापुर में छह लोगों के मौत की खबर है। इसमें तीन की अस्पताल में मौत हुई, जबकि तीन को मृत अवस्था में लाया गया था। उधर, लू की चपेट में आने से चंदौली के बबुरी थाने में तैनात उपनिरीक्षक रवींद्र ङ्क्षसह की सोमवार देर रात मौत हो गई। हालांकि, लू लगने की पुष्टि नहीं हुई है.
आजमगढ़ में 20 की मौत, 10 भर्तीभीषण गर्मी के कारण बीते कुछ दिनों से बलिया में हो रही मौतों का सिलसिला बुधवार को कम तो हो गया लेकिन बीते 24 घंटे में आजमगढ़ में जिला अस्पदाल में लू लगने से 20 लोगों की मौत हो गई। 10 मरीज अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं। सीएमओ डॉ। रीता दुबे ने लू से 20 मरीजों के निधन की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने कहा कि इनकी मौत की बड़ी वजह समय से इलाज न होना था। ज्यादातर मरीज उपचार के लिए निजी अस्पतालों में चले गए और आराम नहीं मिलने पर जिला अस्पताल लाए गए थे। मरीजों को समय से लाया जाता तो उन्हें बचाया जा सकता था।
बलिया में पांच मरीजों की मौत, 180 भर्ती भीषण गर्मी में जिला अस्पताल बलिया में 10 दिन में 100 से अधिक मौतों के बाद हालात अब धीरे-धीरे काबू में आ रहे हैं लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को दोपहर तक जिला अस्पताल में पांच मरीजों की मौत की जानकारी सामने आई जो विभिन्न बीमारियों से ग्रसित थे। गर्मी बढऩे पर उनकी हालत बिगड़ गई थी। 24 घंटे में अस्पताल में 180 मरीज भर्ती किए गए. हीट स्ट्रोक से मीरजापुर में छह की मौतगर्मी से लोगों का मरने का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटें के अंदर तीन मासूमों सहित छह लोगों की मौत मीरजापुर में हो गई। इसमें तीन की मंडलीय चिकित्सालय में मौत हुई, जबकि तीन बालक-बालिका मृत अवस्था में अस्पताल लाए गए। मरने वालों में अधिकांश लोगों को उल्टी व बुखार की शिकायत थी। अपनी आंखों के सामने दिल के टुकड़ों की जान जाते देख स्वजन बिलख पड़े.