बीते साल 15 दिसंबर को अपर सिविल जज प्रथम व एमपी-एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी उज्ज्वल उपाध्याय ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए साढ़े पांच साल कारावास और दस हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई थी


वाराणसी (ब्यूरो)वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने के मामले में मिली सजा के खिलाफ लंबित मुख्तार अंसारी की अपील पर सुनवाई मंगलवार को टल गई। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि तय की है। धमकी के मामले में बीते साल 15 दिसंबर को अपर सिविल जज प्रथम व एमपी-एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी उज्ज्वल उपाध्याय ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए साढ़े पांच साल कारावास और दस हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ मुख्तार अंसारी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की.

ट्रांसफर कर दी थी अपील

प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा ने अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगाते हुए पत्रावली विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) की कोर्ट में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया था। नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआइ जांच के लिए आवेदन किया था जिसे मंजूर कर लिया गया। इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था। इस बीच पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी ने फोन पर महावीर प्रसाद रूंगटा को पैरवी न करने की धमकी दी थी। एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

Posted By: Inextlive