हरहुआ पुलिस चौकी प्रभारी पर मारपीट का आरोप काम नहीं आ रही पुलिस की कम्युनिटी पुलिसिंग की सीख


वाराणसी (ब्यूरो)हरहुआ वाजिदपुर में पशु आश्रय केंद्र चलाने वाली चंदूआ छित्तूपुर निवासी हिमांशी पाठक अपने दाई सीता देवी के मारपीट मामले में एक सप्ताह पूर्व हरहुआ पुलिस चौकी पर अपने सहकर्मी के साथ केस दर्ज कराने गई थीं। आरोप है कि चौकी प्रभारी शिवानंद सिसौदिया ने केस दर्ज न करते हुए मारपीट व अपशब्द कहकर भगा दिया। अभद्रता के ऐसे मामले अक्सर सामने आते हैं, लेकिन पुलिसिया खौफ और फर्जी मुकदमे से बचने के लिए शिकायतकर्ता मौन हो जाता है। अभी कुछ दिन पहले शिवपुर में इंस्पेक्टर की दादागीरी से नाराज पब्लिक ने प्रदर्शन किया था। रंगभरी एकादशी पर विश्वनाथ धाम में एडीसीपी (सुरक्षा) वीरेंद्र कुमार ने करवेज के लिए पहुंचे पत्रकारों से काफी अभद्रता की थी। पुलिसकर्मियों के दुव्र्यवहार की लगातार शिकायत मिलने पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने वर्दी की छवि धूमिल करने वाले 122 पुलिसकर्मियों को नोटिस देकर सुधार की अपेक्षा की गई थी।

अच्छे व्यवहार पर जोर

वाराणसी में बतौर पुलिस कमिश्नर का चार्ज लेने के बाद सबसे पहले आईपीएस मोहित अग्रवाल ने पब्लिक-पुलिस के बीच बेहतर कम्युनिकेशन पर जोर दिया। साथ ही थाना और पुलिस चौकी पर आने वाले फरियादियों से अच्छा व्यवहार का पाठ पढ़ाया, लेकिन मुजफ्फरनगर में 18 मार्च को वाराणसी के शिक्षक धर्मेंद्र की सिपाही ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसका पुलिस कमिश्नरेट प्रशासन ने संज्ञान लिया और महकमे वर्दी की छवि धूमिल करने वाले 122 कर्मियों की पहचान की थी।

बर्खास्तगी की चेतावनी

वर्दी की छवि धूमिल करने वाले 122 पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी की गई है। पद और नाम से जारी नोटिस में अलग-अलग पुलिसकर्मियों को उनकी कमियां बताते हुए सुधार की अपेक्षा की गई है। यह भी बताया गया है कि गोपनीय टीम आपकी बदस्तूर निगरानी कर रही है। गोपनीय टीम बहुत जल्द ही दूसरी रिपोर्ट जारी करेगी, जिसमें सुधार न होने क्रमवार शुरू हुई कार्रवाई बर्खास्तगी तक पहुंचेगी। फॉलोवर से इंस्पेक्टर तक की बदस्तूर निगरानी से पुलिस कर्मचारियों ने अपने आचरण और व्यवहार पर स्वत: मंथन करना शुरू कर दिया है।

पुलिसकर्मियों पर ये आरोप

- शराब, गैरहाजिर और दुव्र्यवहार में 7 एसआई, 11 मुख्य आरक्षी और 11 आरक्षी.

- भ्रष्टाचार में 1 इंस्पेक्टर, 7 एसआई, 4 मुख्य आरक्षी और 18 आरक्षी।

- आदतन गैरहाजिर में 1 इंस्पेक्टर, 1 एसआई, 12 मुख्य आरक्षी, 43 आरक्षी और 2 चतुर्थश्रेणी के कर्मचारी.

- जनता से दुव्र्यवहार करने वाले 2 मुख्य आरक्षी और 2 आरक्षी

कठघरे में इतने पुलिसकर्मी

-02 इंस्पेक्टर

-15 दरोगा

-29 मुख्य आरक्षी

-73 आरक्षी

-03 फॉलोवर (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी)

इंस्पेक्टर की दबंगई से नहीं लगा एबीसी केबल

शिवपुर क्षेत्र के विश्वनाथपुरी कालोनी नवलपुर में बिजली विभाग की ओर से विद्युत पोल गाडऩे के तीन महीने बाद भी एबीसी केबल नहीं दौड़ पा रहा है। केबल नहीं दौडऩे की वजह विभागीय प्रक्रिया नहीं है, बल्कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की दबंगई है। पुलिस इंस्पेक्टर की दबंगई से नाराज कालोनीवासियों ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर विरोध करने के साथ ज्वाइंट सीपी डा। के एजिलरसन से शिकायत की। उन्होंने शिवपुर थाना प्रभारी को तत्काल मौके पर जाकर जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

एक ही थाने के 2 दरोगा और 1 इंस्पेक्टर हुए थे निलंबित

तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की एकमात्र महिला थाना प्रभारी चेतगंज को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया था। उनकी करतूत में शामिल थाने के सीनियर एसआई और चौकी प्रभारी पर कार्रवाई हुई थी। पिशाच मोचन निवासी मुकेश साहू उर्फ बल्लू ने 112 नंबर पर शिकायत की थी। मुकेश के अनुसार, पिशाचमोचन इलाके में उन्होंने 70 लाख रुपए में जमीन का सट्टा कराया था। आरोप है कि थाना इंचार्ज संध्या सिंह ने विरोधी पक्ष से पैसा लेकर पीडि़त की जमीन पर कब्जा करवा रही हैं। वहीं जब मौके पर डायल-112 की पुलिस आई तो उन्हें इंस्पेक्टर संध्या सिंह ने डांटकर भगा दिया। महिला थानेदार की इस करतूत में लहुराबीर चौकी इंचार्ज अमित सिंह भी उनका सहयोग कर रहे थे। इसके साथ ही चेतगंज थाने के एसएसआई ओम प्रकाश सिंह ने भी इस मामले में मुकेश का कोई सहयोग नहीं किया। उलटा मुकेश को ही चेतगंज थाने पर घंटों बैठाया गया और उन्हीं के पैसे से बना गेट भी उठाकर जबरन कब्जा कराई गई जमीन में लगा दिया गया। मुकेश द्वारा की गई शिकायत के आधार पर पुलिस कमिश्नर ने एसीपी चेतगंज से जांच कराई तो पुलिसकर्मियों का कारनामा खुलकर सामने आ गया।

मंगल से मारपीट करने वाला दरोगा को हटाया

पीएम के हाथों सम्मानित हो चुके स्वच्छता दूत डोमरी निवासी ट्रॉली चालक मंगल केवट से बदसलूकी करने वाले कालभैरव चौकी इंचार्ज सुरेंद्र यादव को लाइन हाजिर किया गया था। मामले की जांच एसीपी कोतवाली को सौंपी गई थी।

हरहुआ चौकी इंचार्ज के मामले की जांच चल रही है। हालांकि, पुलिस कमिश्नरेट ने पहले ही 122 पुलिसकर्मियों को सुधार का मौका दिया है। सुधार न होने तक इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां नहीं दी जाएंगी। यह स्पष्ट होने पर कि अमुक पुलिसकर्मी नहीं सुधरेगा तो उसके बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

मोहित अग्रवाल, पुलिस आयुक्त

Posted By: Inextlive