ज्ञानवापी: जितेंद्र सिंह की याचिका की ग्राह्यता पर 23 जून को सुनवाई
वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी परिसर स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर के मूल स्वरूप को बदलने एवं धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए दाखिल प्रार्थना पत्र को निचली अदालत द्वारा खारिज किए जाने के बाद मंगलवार को विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र ङ्क्षसह विसेन ने जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की है। जिला जज डा। अजय कृष्ण विश्वेश के अवकाश पर होने के कारण पुनरीक्षण याचिका को प्रभारी जिला जज रोहित रघुवंशी की अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा गया। अदालत ने पुनरीक्षण याचिका की ग्राह्यता (सुनवाई के लिए स्वीकार करने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई के लिए 23 जून की तिथि मुकर्रर कर दी.
पहले हो चुका निरस्तजितेंद्र ङ्क्षसह विसेन ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित काशी विश्वेश्वर मंदिर के मूल स्वरूप को पोताई व अन्य साधनों द्वारा बदलने एवं धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एमएस यासीन एवं अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की अपील करते हुए विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। 30 मई को अदालत ने प्रार्थना पत्र को यह कहकर खारिज कर दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर प्रकरण को लेकर सिविल वाद जिला न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त प्रकरण में सर्वे भी हुआ है और पक्षकारों द्वारा उपासना स्थल अधिनियम 1991 के ङ्क्षबदु को भी उठाया गया है। स्पष्ट है कि प्रकरण में सिविल न्यायालय में उठाए गए ङ्क्षबदु के परिप्रेक्ष्य में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अत: ऐसी स्थिति में प्रार्थना पत्र पोषणीय (सुनने योग्य) नहीं है। समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को ²ष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत प्रकरण दर्ज होने के स्तर पर निरस्त किया जाता है।
लंबित अर्जी पर सुनवाई 27 कोज्ञानवापी प्रकरण में अपने बयानों से ङ्क्षहदुओं की धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी एवं उनके भाई समेत अन्य के खिलाफ अदालत में लंबित प्रार्थना पत्र पर 27 जून को सुनवाई होगी। मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) के अवकाश पर होने के कारण प्रार्थना पत्र को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) नितेश कुमार सिन्हा की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उक्त प्रार्थना पत्र को संबंधित न्यायालय में ही पेश करने की बात की। इस पर सुनवाई के लिए 27 जून की तिथि मुकर्रर की गई है। वकील हरिशंकर पांडेय ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत में धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की अपील की है। सुनवाई के दौरान हरिशंकर पांडेय की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वकील आरपी शुक्ला कोर्ट में मौजूद थे.