अब टूर मंहगा होगा हुजूर
- होटल, रेस्टोरेंट और यात्रा के सहित खरीदारी के लिए एक जुलाई से चुकाने होंगे एक्स्ट्रा टैक्स
- एडवांस बुकिंग ने बढ़ाई टूर ऑपरेटर्स की मुश्किलें VARANASI छुट्टियों में टूर पर निकलने के लिए अब कुछ एक्स्ट्रा जेब ढीली करनी पड़ेगी। एक जुलाई से लागू जीएसटी का टूरिज्म सेक्टर पर भी असर पड़ने वाला है। होटल और रेस्टोरेंट के साथ ही हवाई और रेल यात्रा को भी जीएसटी के स्लैब में शामिल किया गया है। इसे लेकर ऐसे टूर ऑपरेटर्स के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी है। जिन्होंने आने वाले सीजन के लिए टूरिस्ट की एडवांस बुकिंग कर ली है। फिलहाल जीएसटी को लेकर टूरिज्म सेक्टर में भी उहापोह की स्थिति बनी हुई है। म्भ् करोड़ का सलाना कारोबारटूरिज्म सेक्टर में पिछले दिनों की तुलना में गिरे ग्राफ के बावजूद बनारस में सलाना म्भ् करोड़ रूपये का कारोबार होता है। सबसे ज्यादा डोमेस्टिक टूरिस्ट म्भ् परसेंट और फ्भ् परसेंट फॉरेनर्स टूरिस्ट बनारस घूमने आते हैं। स्टे के लिए ज्यादातर होटल्स की ऑनलाइन बुकिंग कर लेते हैं। इसलिए उनके शेड्यूल में होटल्स और लॉज शामिल नहीं होता है। केवल फूडिंग और गाइडिंग और ट्रांसपोर्टेशन में ही ऑपरेटर्स की कमाई होती है। टूर डेस्टिनेशन सेलेक्ट करने से पहले टूरिस्ट के मन में चीप एण्ड बेस्ट लोकेशन का ख्याल आता है। लेकिन टूर ऑपरेटर्स की मानें तो टूर पैकेज के अलावा उसके कई पार्ट जीएसटी के स्लैब में शामिल होने से सैर करना मंहगा पड़ेगा।
एडवांस बुकिंग बनी सिरदर्द शहर के मैक्सिमम टूर ऑपरेटर्स ने अगले दो सीजन की एडवांस बुकिंग कर ली है। उन्हे भय है कि जीएसटी लागू होने के बाद एक्स्ट्रा टैक्स चुकाना पड़ेगा। क्योंकि कोई भी टूरिस्ट किसी भी सूरत में दो बार पेमेंट नहीं कर सकता। हाईलाइटर - ख्8 से फ्0 टूर ऑपरेटर्स हैं शहर में गवर्नमेंट से एप्रूफ्ड - म्भ् करोड़ है बनारस में टूरिज्म का कारोबार - म्भ् परसेंट डोमेस्टिक की टूरिस्ट - फ्भ् से ब्0 परसेंट होते हैं फॉरेनर्स आफिसियल वर्जन एडवांस बुकिंग टूर ऑपरेटर्स के लिए सिरदर्द बनी हुई है। जीएसटी लागू होने के कंडीशन में उन्हें ही एक्स्ट्रा टैक्स चुकाना पड़ेगा। इसे लेकर गाइड एसोसिएशन गंभीर है। डॉ। शैलेश त्रिपाठी, प्रेसिडेंट गर्वनमेंट एप्रूव्ड गाइड एसोसिएशन वर्जन ख् जीएसटी का असर पूरे टूरिज्म सेक्टर पर पड़ने वाला है। पहले होटल्स में स्टे करने पर सिर्फ क्ब् परसेंट का लग्जरी और सर्विस टैक्स चुकाना पड़ता था। लेकिन नये स्लैब में कैटेगरी के हिसाब से होटल्स में स्टे करना मंहगा हो जाएगा।राशिद खान, प्रेसिडेंट वाराणसी टूरिज्म गिल्ड