पिछले डेढ़ माह में गोल्ड के रेट में हुई 4500 रुपए प्रति ग्राम की बढ़ोत्तरी इस समय मार्केट में गोल्ड 58000 प्रति दस ग्राम रेट पर बिक रहा अचानक दाम बढऩे से मंडी में ग्राहकों की संख्या हुई आधी इस समय केवल मजबूरी में फंसे लोग ही मंडी में खरीदारी कर रहे

वाराणसी (ब्यूरो)सराफा मार्केट में पीली धातु की चमक फिकी हो गयी है। वजह इंटरनेशनल मार्केट में लगातार गोल्ड का रेट बढऩा बताया जा रहा है। एक दिसंबर को सोना का रेट 53,500 रुपए प्रति दस ग्राम था जो आज की डेट में बढ़कर 58 हजार रुपए प्रति दस ग्राम हो गया है। डेढ महीने के अंदर गोल्ड के रेट में करीब 4,500 रुपए प्रति दस ग्राम के उछाल ने उन लोगों के सामने संकट खड़ा कर दिया है जिनको इस सीजन में अपनी बिटियां की शादी करनी है.

50 परसेंट गिरा कारोबार

गोल्ड की बढ़ती कीमतों ने सराफा मार्केट की रंगत फिकी कर दी है। मंडियों में जहां बायरों की भीड़ लगी रहती थी, वहां इस समय ग्राहकों के इंतजार में ही कारोबारियों का दिन बीत रहा है। खरीदारी तो दूर लोग ज्वेलरी मेकिंग के लिए आर्डर भी देने नहीं आ रहे हैं। इसका असर इस सेक्टर से जुड़े अन्य लोगों पर भी पड़ रहा है.

गोल्ड का रेट बढऩा शुरू

फिलहाल सराफा मार्केट के कारोबारियों की मानें तो एक दिसंबर सेे गोल्ड के रेट में लगातार बढ़ाव जारी है। लोगों का अनुमान था कि नए वर्ष की शुरुआत में गोल्ड का दाम नीचे आएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि और बढ़ता गया। इतना अधिक दाम बढ़ गया है कि लोग खरीदारी करने से कतरा रहे हैं। सराफा मंडी में गोल्ड आज की डेट में 58 हजार रुपए प्रति दस ग्राम हो गया.

लगन पर डिपेंड बाजार

कोरोना काल में करीब दो साल तक सराफा मार्केट का बुरा हाल रहा। इसके चलते प्रदेश के करीब दस लाख से अधिक कारीगरों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। इस वर्ष के शादियों के सीजन में भी अगर सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी नहीं हुई तो कारीगर के साथ-साथ कई छोटे दुकानदारों का रोजगार बंद हो जाएगा। लगन का सीजन भी शुरू हो गया हैं, वहीं लोग मजबूरी में खरीदारी कर रहे हैं जिनके यहां बेटी की शादी हैं।

कारीगरों के आगे संकट

सराफा मंडी रेशम कटरा, रानीकुंआ, ठठेरीबाजार, सुडिय़ा में करीब पांच सौ से अधिक सोने व चांदी की थोक दुकानें है। इन प्रतिष्ठानों से करीब दस हजार से अधिक कारीगर जुड़े हैं। इन प्रतिष्ठानों में अंगूठी चैन, झुमका, नथियां, करधनी, पायल, मांगटीका, ब्रेसलेट के आर्डर मिलते हैं तो सराफा कारोबारी इन्हीं कारीगरों से बनवाते हैं। जब से गोल्ड का रेट बढ़ा है आर्डर करीब दस परसेंट ही मिला है। आर्डर कम मिलने से कई कारीगरों के आगे कि रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

काशी का बाजार बड़ा

बनारस की सराफा मंडी में पूर्वांचल के जिलों के साथ ही बिहार से भी ग्राहक आते हैं। वे यहां की मंडियों से सोना-चांदी की खरीदारी करते हैं। जब से सोने व चांदी का भाव चढ़ा है, ग्राहकों की संख्या घट गई है। कोरोना की महामारी के बाद जेवर की खरीदारी में करीब 50 परसेंट की कमी आयी है।

इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड रेेट तय होता है। पर डे गोल्ड का रेट बढ़ रहा है। दाम बढऩे की वजह से लोगों ने मार्केट से दूरी बना ली है.

सत्यनारायण सेठ, उप्र स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष

डॉलर का दाम बढऩे की वजह से रुपया टूट रहा है। इसका भी असर मार्केट पर पड़ रहा है। वहीं लोग मजबूरी में खरीदारी कर रहे हैं जिनके यहां बेटी की शादी है.

शैलेष वर्मा, सत्यनारायण सेठ, उप्र स्वर्णकार संघ के महामंत्री

जेवर के आर्डर में करीब 50 परसेंट की गिरावट आयी है। इसके चलते कई कारीगर बैठे हुए हैं। उनके पास कोई काम नहीं है। पेट पालने के लिए माला-फूल बेच रहे हैं.

किशोर सेठ, जिला महामंत्री, उप्र स्वर्णकार संघ

Posted By: Inextlive