जीआई सर्वे ने किया टैक्स दोगुना
वाराणसी (ब्यूरो)। जीआई सर्वे ने काशी की जनता का गृहकर टैक्स का ग्राफ दोगुना कर दिया। आम जनता इस टैक्स को लेकर टेंशन में है। इसके समाधान के लिए नगर निगम में आपत्तियों का अंबार लग गया है। कोई भी ऐसा दिन देखने को नहीं मिल रहा है कि लोग आपत्तियां लेकर न पहुंचते हों। बढ़े हुए गृहकर वसूलने के लिए नगर निगम ने अब 1 लाख 17 हजार नोटिस जारी कर दिया है। आगे और भी नोटिस बकाएदारों को भेजा जाएगा। नोटिस को लेकर आम जनता ने पार्षदों का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया है। पार्षदों का कहना है कि अब तक छह हजार से अधिक लोगों की आपत्तियां नगर निगम में पहुंच चुकी है.
जीआई सर्वे ने किया परेशाननगर निगम ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए जीआई सर्वे तो करा दिया लेकिन इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम में प्रतिदिन नोटिस लेकर लोग पहुंच रहे हंै। कोई संतुष्ट जवाब न मिलने पर वह पार्षदों से अपनी व्यथा सुना रहे हैं, जिनके यहां नोटिसें पहुंच रहीं वह पैनिक हो जा रहे हैं। उनका कहना है कि पहले एक हजार गृहकर देते थे। अब दोगुना से भी अधिक हो गया है.
2010 से नहीं बढ़ा गृहकरनगर निगम के अधिकारियों की मानें तो गृहकर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। 2010 से घरों का जीआई सर्वे कराया गया। इसमें अपने आप ही घरों का टैक्स बढ़ गया है। 2010 से लेकर अब तक कई घरों में फ्लोर की संख्या बढ़ गई। पहले एक मंजिला था जोकि अब बढ़कर तीन मंजिला हो गया है। दस साल पहले किसी के पास एक मकान था तो अब तीन से चार मकान हो गया है। कई तो ऐसे भी चिह्नित किए गए जो दस साल पहले एक ही मकान में रहते थे। बंटवारा होने के वह मकान चार भागों में बंट गया और किराया एक ही मकान से जमा किया जा रहा है।
1 लाख 17 हजार को नोटिस सीटीओ की मानें तो जीआई सर्वे के बाद जिन घरों का टैक्स का ग्राफ बढ़ा है। उनको नोटिस भेजा जा रहा है। अब तक 1 लाख 17 हजार लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है। आगे भी और लोगों को नोटिसें भेजी जाएगी, क्योंकि सिटी में 2 लाख 84 हजार मकान हैं। जो बकाएदार बचे हैं, उनको भी जल्द ही नोटिस जारी होगा. ढाई गुना तक बढ़ गया टैक्सनोटिस लेकर पहुंचने वालों में कई ऐसे हैं जिनका गृहकर ढाई गुना बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर पहले एक हजार रुपए जमा करते थे। अब उनको ढाई हजार रुपए का नोटिस जारी हो गया है। इसको लेकर आम जनता काफी पैनिक है।
नोटिस को लेकर जनता परेशान न हो। वह अपनी आपत्ति नगर निगम में दे सकता है। बाद में इसको देखा जाएगा. शिपू गिरि, नगर आयुक्त