Ghazipur news: बिना आर्म्ड केबल के लगा रहे स्मार्ट मीटर, 49.68 लाख का गबन
गाजीपुर : बिजली उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से निर्बाध आपूर्ति करने, ओवर लोड, लो-वोल्टेज व गलत बिलिंग से मु1ित दिलाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। नियम को ताख पर रखकर बिना आर्म्ड केबल लगाए ही स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। अब नगर क्षेत्र में 8918 व जंगीपुर में 200 स्मार्ट मीटर लगा दिया है। इस मीटर लगाने में किसी के यहां भी आर्म्ड केबल नहीं लगाया गया है। अब तक लगाए गए मीटर का आंकड़ा निकाला जाए तो कम से कम 10 मीटर भी केबल माना जाए तो अब तक कंपनी ने 49.68 लाख का गबन कर दिया है। चार किलोवाट तक के कनेक्शन पर कम से कम 16 एमएम आर्म्ड केबल लगाया जाएगा जिसकी कीमत लगभग 54 रुपये प्रति मीटर है.जनपद में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य जीएमआर कंपनी को दिया गया है। इसने अपने कार्य को खंडवार अलग-अलग कंपनियों इन्वेंटिव साफ्टवेयर सेल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड व एसएस इंफोलाइन प्राइवेट लिमिटेड को दे रखा है। यह कंपनियां बिना आर्म्ड केबल के ही स्मार्ट मीटर धड़ल्ले से लगा रही है। यही नहीं, एसएस इंफोलाइन प्राइवेट लिमिटेड ने जंगीपुर के अरसदपुर में ललिया देवी के यहां खंभे से आ रही एक ही केबल पर दो मीटर लगा दिया। एक केबल को दो भागों में बांटकर एक घरेलू व एक कामर्शियल कनेक्शन दे दिया गया है। जो नियम के विरुद्ध है.----
किसी उपभोक्ता को नहीं दे रहे मीटर प्रयोग की जानकारी कंपनी को मीटर लगाते समय उपभो1ता को मीटर प्रयोग के लिए उसकी बुकलेट उपभोक्ताओं को देना है। इसी के साथ उपभोक्ताओं को मीटर की पूरी जानकारी भी देनी है। कंपनी के मीटर लगाने वाले उपभोक्ता के पास जाकर केवल यहीं कह रहे हैं कि आपका नाम सर्वे रिपोर्ट में आया है और स्मार्ट मीटर लगवाना जरूरी है। उपभो1ता मीटर लगवा ले रहा है। बिना आर्म्ड केबल के मीटर लगाने के बाद उपभोक्ता द्वारा बिजली चोरी की पूरी संभावना बनी रहेगी.---- बिना आर्म्ड केबल के कनेक्शन पर जेई हो चुके हैं निलंबित आर्म्ड केबल के बिना सितंबर महीने में कनेक्शन दिए जाने पर नगर के जूनियर इंजीनियर कुलदीप नैय्यर को प्रबंध निदेशक ने निलंबित कर दिया था। फिर वही लापरवाही स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर की जा रही है.--------------अभी मैंने यहां पर ज्वाइन किया है। इस मामले की जांच कराता हूं। यदि कहीं भी बिना आर्म्ड केबल के मीटर लगाया जा रहा है तो इनका भुगतान नहीं किया जाएगा और इसी के साथ उच्च स्तर पर पत्राचार कर कंपनी को हटा दिया जाएगा.-प्रवीण कुमार, अधीक्षण अभियंता