कुसम्ही कला ग्राम पंचायत के खिलवा गांव में रविवार रात माता-पिता व बड़े बेटे की नृशंस तरीके से गला काटकर हत्या कर दी गई. नाबालिग छोटा बेटा घर से बाहर होने के कारण बच गया. शक है कि हत्याकांड के पीछे छोटे बेटे का गांव की किशोरी के साथ प्रेम प्रसंग कारण हो सकता है

गाजीपुर : कुसम्ही कला ग्राम पंचायत के खिलवा गांव में रविवार रात माता-पिता व बड़े बेटे की नृशंस तरीके से गला काटकर हत्या कर दी गई। नाबालिग छोटा बेटा घर से बाहर होने के कारण बच गया। शक है कि हत्याकांड के पीछे छोटे बेटे का गांव की किशोरी के साथ प्रेम प्रसंग कारण हो सकता है। हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग लेकर सुबह ग्रामीणों और महिलाओं ने सड़क पर जाम लगा दिया। मृतक मुंशी बिंद के भाई रामप्रकाश ने गांव के ही राधे सहित चार अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस किशोरी समेत चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। दंपती के छोटे बेटे के बार-बार बदलते बयान से वह भी संदेह के दायरे में है। हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पांच टीमों को लगाया है।

गांव में एक तिलकोत्सव कार्यक्रम में नृत्य का कार्यक्रम था। उसे देखने के लिए मुंशी बिंद, उनका बड़ा पुत्र राम आशीष व छोटा बेटा आशीष गए थे। रात करीब सवा 11 बजे नृत्य के दौरान कुछ युवकों का आपस में झगड़ा हो गया तो नृत्य कार्यक्रम बंद हो गया। मुंशी दोनों बेटे के साथ घर आ गए। दोनों बेटे कमरे में सोने चले गए, जबकि मुंशी व पत्नी देवंती बाहर झोपड़ी में पंखा लगाकर सो रहे थे। करीब 15 मिनट बाद छोटा बेटा फिर नृत्य देखने चला गया। कुछ देर बाद वह यह देखने के लिए लौटा कि माता-पिता जगे तो नहीं हैं। सबको सोता देख वह पुन: नृत्य देखने चला गया। रात करीब पौने एक बजे घर आया तो पिता को चारपाई से नीचे देखकर सन्न रह गया। सिर उठाया तो खून से लथपथ देखकर चीखते हुए भागा। माता-पिता का गला रेतने के साथ ही बड़े बेटे राम आशीष को धारधार हथियार से बड़ी बेरहमी से काटा गया था। फोरेंसिक टीम ने जांच-पड़ताल की। सूचना पाकर एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया व डीआइजी डा। ओम प्रकाश सिंह भी मौके पर पहुंचे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि मुंशी के नाबालिग छोटे बेटा का गांव की किशोरी से प्रेम प्रसंग था। दोनों शादी करना चाहते थे। इसे लेकर कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन लड़के के मां-पिता व भाई शादी के पक्ष में नहीं थे। लड़की पक्ष शादी को राजी था। पंचायत में तय हुआ कि दोनों परिवार अपने बच्चों को संभालेंगे और उन्हें मिलने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद भी दोनों मिलते रहे।

घटना की गुत्थी सुलझाने के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। मामले में गांव के राधे व उसके साथियों के खिलाफ तहरीर मिली है। जल्द ही हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा।

-पीयूष मार्डिया, एडीजी वाराणसी

डीजे की तेज आवाज में दब गई मां-बाप व बेटे की चीख

गाजीपुर: कुसम्ही कला के खिलवा गांव में मुंशी बिंद, उसके पुत्र राम आशीष व पत्नी देवंती की चीख डीजे की तेज आवाज में दब गई। बाप-बेटे हत्यारों से संघर्ष करने के साथ ही चीखकर मदद की गुहार लगा रहे थे, मगर उनकी पुकार ग्रामीणों के कानों तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में वे लड़ते-लड़ते दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिए। वैसे ग्रामीणों का मानना है कि अगर डीजे नहीं बज रहा होता तो शायद आवाज लोगों तक जरूर पहुंची होती और इतनी बड़ी घटना घटित नहीं होती।

पिता-पुत्र व मां की हत्या पूरे प्लान के तहत की गई है। हत्यारे पहले से ही जानते थे कि गांव में रविवार को तिलकोत्सव और नृत्य का कार्यक्रम है। रात के पहर डीजे वगैरह जरूर बजेगा। इसी का फायदा उठाते हुए हत्यारे संभवत: इस दिन को चुने, ताकि वह अपने मंसूबे में कामयाब भी हो जाएं और इसकी किसी को भनक भी नहीं लग सके। वैसे ग्रामीणों का कहना है कि हत्यारे मुंशी के घर की हर गतिविधि से वाकिफ थे।

जल रही होती लाइट तो इतना साहस नहीं कर पाते हत्यारे

तिलकोत्सव में नृत्य कार्यक्रम देखने के बाद मुंशी अपने दोनों पुत्रों संग घर लौटे। पानी वगैरह पीने के बाद जब दोनों पुत्र कमरे के अंदर चले गए तो दरवाजे पर लगी लाइट उन्होंने बुझा दी। अगर लाइट जलती तो नृत्य देखकर अपने घरों को लौट रहे लोगों को जरूर इसकी भनक लग जाती। गांव के मुख्य मार्ग के ठीक सामने मुंशी का घर था। रास्ते से आते-जाते उनका घर साफ दिखता था।

पिता-पुत्र ने जान बचाने के लिए किया था संघर्ष, चारपाई से उठ भी नहीं पाई थी मां देवंती

गाजीपुर: कुसम्ही कला के खिलवा गांव में ट्रिपल मर्डर से समूचा जिला थर्रा गया। हत्या किसने और क्यों की, यह पुलिस जांच में ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल हत्या का कारण छोटे बेटे का गांव की किशोरी से प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है। हत्या इतनी निर्दयता पूर्वक की गई है कि उसे सुनने मात्र से कलेजा कांप जा रहा है। घटनास्थल पर पड़े खून, चारपाई से नीचे गिरा पिता का शव, कमरे के बाहर खून से लथपथ औंधे मुंह गिरा पुत्र राम आशीष को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि हत्यारों का बाप-बेटों से खूब संघर्ष हुआ था। हालांकि चारपाई पर सोई मां देवंती तो उठ भी नहीं पाई थी।

बाप-बेटे व मां के साथ हुई बर्बरता को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि घटना को अंजाम किसी पेशेवर अपराधियों ने दिया है। धारदार हथियार से तीनों के गले को ही निशाना बनाया गया। पिता की गर्दन के निशान को देखकर ऐसा लग रहा था कि कुल्हाड़ी से वार किया गया है, जबकि मां देवंती व पुत्र रामआशीष की गर्दन को धारदार हथियार से काटा गया था। रामआशीष की गर्दन का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा कट गया था। जमीन पर कई जगह खून के छींटे पड़े थे तो चारपाई पर लगा बिस्तर खून से भीग गया था।

फोरेंसिक टीम ने एकत्र किया नमूना

खिलवा गांव में ट्रिपल मर्डर की घटना के बाद रात के पहर फोरेंसिक टीम पहुंची और करीब दो घंटे तक नमूना एकत्र की। घटनास्थल व आसपास की जगहों को भी बारीकियों से टीम के सदस्यों ने देखा। पुलिस सूत्रों की माने तो टीम को पैरों के निशान वगैरह भी मिले।

ग्राम प्रधान को देखकर भड़की महिलाएं, पुलिस ने किया बीच-बचाव

गाजीपुर : रात के पहर पंचनामा भरकर शव पुलिस को सिपुर्द किए जाने को लेकर महिलाएं ग्राम प्रधान रामकिशुन बिंद पर काफी नाराज दिखीं। बनगावां मोड़ पर रास्ता जाम के दौरान ग्राम प्रधान उन्हें समझाने पहुंचे तो महिलाओं ने गाली-गलौज के साथ ही उन्हें मारने के लिए दौड़ा लिया। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर किसी तरह उन्हें हटाया।

दंपती व बेटे की हत्या के बाद पुलिस रात करीब दो बजे पहुंच गई। ग्राम प्रधान को बुलाया गया और पंचनामा भरकर शव को पुलिस लेकर चली गई। सुबह महिलाएं पहुंची और शवों को दिखाने के साथ ही हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने लगी। पुलिसकर्मियों ने उनकी बात को अनसुना किया, जिस पर भड़क गई और नंदगंज-कुसम्हीकला मार्ग पर बनगावां मोड़ पर जाम लगा दिया। इससे करीब एक घंटा तक आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। सीओ भुड़कुड़ा बलिराम, दुल्ल्हपुर थानाध्यक्ष कृष्णप्रताप सिंह व नंदगंज थानाध्यक्ष महिलाओं को काफी समझाने का प्रयास किए लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थी। हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों ने अंतिम दर्शन करवाने का भरोसा दिया, तब जाकर करीब दस बजे जाम समाप्त हुआ।

आशीष पर लुटाते थे प्यार, माता-पिता व भाई को तरेरते थे आंखें

गाजीपुर : कुसम्हीकला के खिलवा गांव निवासी मुंशी, उनके पुत्र रामआशीष व पत्नी देवंती को नामजद आरोपित व उसके घर वाले तनिक भी पसंद नहीं करते थे। जबकि छोटे बेटे आशीष के ऊपर खूब प्यार लुटाते थे। आशीष की मानें तो कुछ दिन पूर्व वह अपने मौसी के घर गया। इसकी जानकारी जब नामजद आरोपित व उसके घरवालों को हुई तो फोन कर बुलाए और दावत दिए। सुबह कुछ रुपये देकर उसे गुजरात कमाने के लिए भेज दिए। सहेड़ी स्टेशन पर बकायदा ट्रेन पर बैठाए। वह गुजरात जा रहा था कि इसकी भनक घरवालों को लग गई। फोन कर आशीष को वाराणसी में रोक लिए और वहां से उसे लेकर घर आए।

घटना से खौफजदा रहे ग्रामीण, गांव में पसरा सन्नाटा

खिलवा गांव में ट्रिपल मर्डर की घटना के बाद महिलाएं, बच्चे व पुरुष खौफजदा दिखे। हर कोई अपने-अपने घरों में बैठकर घटना के बारे में बात करता दिखा। वहीं गांव की ज्यादातर गलियां सूनी पड़ी थी।

नहीं खुली चट्टी की ज्यादातर दुकानें

खिलवा गांव में ट्रिपल मर्डर के चलते बनगावां चट्टी की ज्यादातर दुकानें नहीं खुली। एक-दो दुकान खोले भी लेकिन महिलाएं रास्ता जाम करने पहुंची तो वह भी बंद कर घर चले गए।

छावनी में तब्दील रहा गांव व चट्टी

मां-बेटे व पिता की हत्या के बाद पीएसी, के अलावा नंदगंज, सैदपुर, शादियाबाद, दुल्लहपुर, बिरनो, जंगीपुर, करंडा व रामपुर पुलिस गांव व चट्टी पर दिन भर जमी रही। भारी मात्रा में पुलिस बल देखकर आने-जाने वाले लोग डरे-सहमे दिखे।

गला रेतने से हुई थी तीनों की मौत, शरीर पर नहीं थे कोई चोट के निशान

नंदगंज (गाजीपुर) : खिलवा गांव निवासी पति-पत्नी व बेटे की मौत धारदार हथियार से गला रेते जाने से हुई थी। जबकि शरीर के किसी भी हिस्से पर चोट के निशान नहीं थे। इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हुआ। पोस्टमार्टम डा। अंगद यादव डा। अजय कुमार ने किया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई।

शायद खेत के रास्ते से आए थे हत्यारे

पति-पत्नी व बेटा की हत्या के बाद जांच-पड़ताल में यह बात सामने आई कि हत्यारे खेत के रास्ते से होकर गए थे। जगह-जगह खेत में चरी टूटी पड़ी थी। जबकि पैरों के निशान भी थे। इससे आशंका व्य1त की जा रही है कि इसी रास्ते से आकर हत्यारों ने घटना को अंजाम दिया।

Posted By: Inextlive