घर में सबसे बड़ी 18 वर्षीय बेटी खुशबू के मानों आंसू ही सूख गए हैं. दोनों बच्चों को देखकर पिता का कलेजा फटा जा रहा है मगर करें तो क्या करें. होनी को कौन टाल सकता है.


वाराणसी (ब्यूरो)गाजीपुर बेटा विकास खाना खाया कि नहीं। दिनभर केवल खेलते हो। कब खाओगे, नहाए कि नहीं। बिना नहाए नहीं खाना है। सुबह से ही तुम खेल रहे हो। अभी तक तुम चाय भी नहीं पी। यह बातें अब नौ वर्षीय विकास के अतीत सी हो गई। घर में सबसे बड़ी 18 वर्षीय बेटी खुशबू के मानों आंसू ही सूख गए हैं। दोनों बच्चों को देखकर पिता का कलेजा फटा जा रहा है, मगर करें तो क्या करें। होनी को कौन टाल सकता है।

दस दिन पूर्व नोनहरा थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव निवासी रामजी यादव के घर में पत्नी सोमारी, बेटी अंशु, खुशबू और बेटा विकास थे। मगर एक दिन आई वो काली सुबह। तारीख थी 23 मई, दिन गुरुवार। ये दिन रामजी, बेटा विकास व बेटी खुशबू के लिए कभी भूलने वाला नहीं रहेगा। वे जब तक जिएंगे, तब तक याद रहेगा। इसी दिन काल रूपी फर्राटा पंखा ने हंसते-खेलते परिवार को बर्बाद कर दिया। उन्हें जिंदगीभर रोने के लिए मजबूर कर दिया। मां सोमारी व बेटी अंशु इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़ कर चली गई। घर में अब बस पिता, पुत्र व एक बेटी खुशबू ही रह गई हैं। दिन में लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सूर्य ढलने के साथ ही रात मानों विकास व बेटी खुशबू को काटने के लिए दौडऩे लगती है। पिता भी कुछ देर के लिए हिम्मत छोड़ दे रहे हैं, मगर ग्रामीणों के हौसला बढ़ाने के बाद बेटे को गोद और बेटी को पास सुलाकर अंदर ही अंदर रो रहे हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि बेटा-बेटी को कैसे समझाएं। कैसे बताएं कि जितने कष्ट तुम दोनों को है, उससे कहीं ज्यादा उन्हें है। गौरतलब हो कि गुरुवार को रानीपुर गांव में घर की सफाई के दौरान फर्राटा पंखे में करंट आने से मां-बेटी की मौत हो गई थी.

Posted By: Inextlive