दोपहर में 10 तो शाम को छह सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढऩे लगी गंगा वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़कर 67.34 मीटर पर आ गया

वाराणसी (ब्यूरो)गंगा फिर से उफान पर हैं। वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़कर 67.34 मीटर पर आ गया है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी का लेवल बढ़ रहा है। जल पुलिस ने नाव के संचालन पर रोक लगा दी है। सप्ताह भर स्थिर रहने के बाद गंगा फिर से अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। यही स्थिति रही तो चार दिन में गंगा का पानी खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अस्सी, दशाश्वमेध, सिंधिया, पंचगंगा, गायघाट और राजघाट की पड़ताल की तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। बाढ़ के चलते मणिकर्णिका, सिंधिया, तुलसी घाट समेत सभी घाटों का आपस में संपर्क टूट गया है। पानी में होकर एक से दूसरे घाट जाना पड़ रहा है। पिछले 12 घंटे में 90 सेमी गंगा का जलस्तर बढ़ा है.

बनारस समेत पूरा पूर्वांचल अभी सामान्य बारिश के लिए तरस रहा है। बावजूद इसके गंगा के जलस्तर में छह सेमी प्रति घंटे की बढ़ाव ने उफान का रूप ले लिया है। यमुना का जलस्तर बढऩे की वजह से पानी तेजी से बढ़ रहा है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र चार मीटर की दूरी है। गंगा का जलस्तर बढऩे से फिर सभी घाटों का आपसी संपर्क टूट गया है। मणिकर्णिका घाट के सभी रैम्प पानी में डूब गए हैं। दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट पर पानी आ गया है। नमो घाट के चबूतरे तक गंगा का पानी आ गया है। इससे पर्यटकों को काफी सचेत किया जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, फिलहाल जलस्तर में वृद्धि जारी रहेगी.

पर्यटकों की सुरक्षा के लिए रोकी गई मोटर बोट

गंगा की धारा में काफी रफ्तार देखी जा रही है। इसके चलते जल पुलिस ने मांझी समाज से कहा कि गंगा की तेज धारा में यात्रियों और पर्यटकों को खतरा हो सकता है। उनकी सुरक्षा की दृष्टि से गंगा में मोटर बोट का संचालन तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। यह फैसला अगले आदेश तक जारी रहेगा। तब तक गंगा में विहार प्रतिबंधित किया जाता है। नौका संचालन प्रतिबंधित होने के बाद घाटों पर सारी नावें खड़ी हैं। नौका सवारी न कर पाने से पर्यटकों में काफी मायूसी हो रही है.

एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात

गंगा में बढ़ रहे पानी पर प्रशासन की नजर है। लगातार केंद्रीय जल आयोग से रिपोर्ट ली जा रही है। जल पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा संभावित बाढ़ को देखते हुए एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो दशाश्वमेध और राजघाट पर मौजूद है। एक टीम में करीब 6 जवान हैं, जो हर मदद पहुंचाने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.

Posted By: Inextlive