बराक के दूत बनारस में तलाशेंगे संभावना
- बनारस से जुड़े अमेरिकी प्रेसिडेंट के करीबी फ्रैंक इस्लाम आएंगे शहर में
- बनारस के डेवलपमेंट में अमेरिका की भूमिका की करेंगे तलाशVARANASI : रिश्तों की नयी इबारत लिख रहे भारत और अमेरिका एक-दूसरे के सहयोग के लिए तत्पर हैं। रिश्ते को और मजबूत करने के लिए अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा ख्म् जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने आ रहे हैं। शाम को भारत व अमेरिका के औद्योगिक घरानों के बीच होने वाले सम्मेलन में दोनों देशों की बड़ी हस्तियों के साथ एक शख्स ऐसा भी होगा जो दोनों देशों के रिश्ते बीच सेतु की तरह काम कर रहा है। उस शख्स का नाम है फ्रैंक इस्लाम। बनारस से ताल्लुक रखने वाले फ्रैंक बराक ओबामा के अमेरिका लौटने के बाद ख्8 जनवरी को बनारस आएंगे। फ्क् जनवरी तक बनारस में अपनी फैमिली के साथ रहेंगे। इस दौरान वह बनारस के डेवलपेंट में अमेरिका की भूमिका की तलाश करेंगे।
करीब ला रहे दोनों देशों कोफ्रैंक इस्लाम को अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का बेहद करीबी माना जाता है। इसकी बड़ी वजह है कि प्रेसिडेंट के चुनाव के दौरान फ्रैंक ने ओबामा का खुलकर सपोर्ट किया था। जिस तरह से वह चुनाव में लगे हुए थे लोग उन्हें ओबामा का साथी के साथ सारथी भी कहने लगे। वह अमेरिकन प्रेसिडेंट के फाइनेंनशियल एडवाइजर हैं। भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूती देने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। वह समय-समय पर इसे दिशा देते रहे हैं। भारत के सपोर्ट के लिए तत्पर अमेरिका की नजर बनारस पर भी है। दुनिया की प्राचीन नगरी में शुमार इस शहर के सांसद नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने के बाद देश-दुनिया का इंटरेस्ट इसमें बढ़ा है। भारत आने के दौरान बराक के बनारस आने की चर्चा भी थी। हालांकि, अब इसकी उम्मीद बेहद कम है। लेकिन उनके दूत के रूप में फ्रैंक इस्लाम यहां जरूर आएंगे। इस शहर को बारीकी से जानने वाले इस शख्स पर बनारस के डेवलपमेंट की पॉसिबिलटी में अमेरिका की भूमिका की तलाश की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी।
काशी से है पुराना जुड़ावमूल रूप से आजमगढ़ के सरायमीर के रहने वाले 70 वर्षीय फ्रैंक इस्लाम का नाम फखरूल इस्लाम है। फ्रैंक नाम इन्हें अमेरिका में मिला। वह क्यूएसएस समूह के संस्थापक और सीईओ थे। इस संस्था का कार्यक्षेत्र पूरे अमेरिका में था। बाद में फ्रैंक ने इसे बेच दिया। वर्ष ख्007 में उन्होंने वित्तीय निवेश समूह फ्रैंक इस्लाम इन्वेस्टमेंट ग्रुप की स्थापना की। इस कम्पनी को कई फेमस अवॉर्ड मिल चुके हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्हें प्रतिष्ठित मार्टिन लूथर किंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने प्रारम्भिक पढ़ाई शिब्ली नेशनल कॉलेज से की। इसके बाद वह पिता के साथ बनारस आ गए। वे फैमिली संग दोषीपुरा एरिया में रहने लगे। उन्होंने यूपी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से डॉक्ट्रेट की उपाधि हासिल करने के बाद वहीं लेक्चरर की नौैकरी भी की। क्9म्9 में अमेरिका से भी उन्हें लेक्चरर का ऑफर मिला। फ्रैंक इस्लाम वहां चले गए। फिर वहीं बस गए। उनके चार भाइयों में हाजी मुशीरूल इस्लाम दोषीपुरा में रहते हैं। फैजुल इस्लाम और डॉ। जियाउल इस्लाम अमेरिका में इंजीनियर हैं। तीन बहनों में एक अलीगढ़, दूसरी बनारस और सबसे छोटी इटली में रहती है।
बनारस को है बड़ी उम्मीदओबामा के दूत के रूप में बनारस आ रहे फ्रैंक से बनारस को काफी एक्सपेक्टेशंस हैं। वह बनारस की रग-रग से वाकिफ हैं व यहां के डेवलपमेंट के लिए अच्छे सुझाव दे सकते हैं। इसके साथ ही बनारस में कमजोर पड़ रहे साड़ी उद्योग को अमेरिका से व्यापार का नया रास्ता भी खुल सकता है। बराक ओबामा की वाइफ मिशेल ओबामा भी बनारस में तैयार होने वाली जकार्ड सिल्क की साडि़यों की दीवानी हैं। कई मौके पर उन्होंने इसे पहना भी है। इसके अलावा लकड़ी के खिलौने के कारोबार को भी हवा दी जा सकती है व पर्यटन की असीम संभावनाओं को भी फ्रैंक तलाश सकते हैं। वह ख्भ् जनवरी को दिल्ली आ रहे हैं। ख्म् और ख्7 जनवरी को बराक ओबामा के साथ मौजूद रहेंगे। उनके लौटने के बाद फ्रैंक ख्8 जनवरी को बनारस के दोषीपुरा स्थित आवास पर आएंगे। यहां अपनी फैमिली के साथ फ्क् जनवरी तक रहने के बाद अमेरिका वापस रवाना हो जाएंगे।