लब मुस्कुराते रहे और आंखें हुई नम
मुद्दत बाद दोषीपुरा स्थित अपने घर पहुंचे फ्रैंक इस्लाम
अमेरिकन प्रेसिडेंट के करीबी से मिलने को बेताब रहे फैमिली मेम्बर्स और दूर-दराज से आए रिश्तेदार VARANASI : ओ मुन्नी, हाउ आर यू? दिल अजीज भांजी सामने आयी तो उसे गले से लगा लिया। छोटी बहन आरायीश कमर का हाथ पकड़कर अपने करीब ले आए। पूछा, आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई? ये सब कर रहा शख्स अमेरिकन प्रेसिडेंट बराक ओबामा का बेहद करीबी और आर्थिक सलाहकार फ्रैंक इस्लाम था। वो बुधवार को दोषीपुरा स्थित अपने घर पहुंचे थे। वहां का माहौल एकदम उत्सव जैसा था। दूर-दराज से रिलेटिव पहुंचे हुए थे। आसपास के लोगों अच्छी-खासी भीड़ थी। हो भी क्यों नहीं मुद्दत बाद फ्रैंक अपने घर आए थे। हर कोई उनसे मिलने को बेताब था। वह भी खुद हर किसी रुबरू होने को आतुर थे। चल पड़े घर की ओरअमेरिकन प्रेसिडेंट बराक ओबामा के साथ भारत आए फ्रैंक इस्लाम उनके स्वदेश लौटने के बाद दिल्ली से घर आने की तैयारी में जुट गए। उन्हें घर पहुंचने की जल्दी थी। पहले प्रोगाम शाम की फ्लाइट से आने का था लेकिन वक्त मिला तो सुबह की फ्लाइट से चलने का प्रोग्राम बना लिया। आखिर अर्से बाद जो घर आ रहे थे। अपने भाई हाजी मुशीरूल इस्लाम और फैजुल इस्लाम के साथ सुबह साढ़े दस बजे विमान से बनारस के लिए चल दिए। पूर्वाह्न क्क्.फ्0 बजे बाबतपुर हवाई अड्डे पहुंचे। उन्हें रिसीव करने के लिए पहले फैमिली मेम्बर्स और रिलेटिव्स की भीड़ जमा थी। फ्रैंक ने सभी से बारी-बारी से मिले और उनका हालचाल लिया। इसके बाद गाड़ी में सवार होकर नदेसर स्थित होटल के लिए रवाना हो गए। यहां मीडिया की भीड़ उनका इंतजार कर रही थी। तमाम सवालों का जवाब देते हुए अपने कमरे की ओर बढ़ गए।
लगा रहा मिलने वालों का तांताअमेरिका में रहने वाले फ्रैंक इस्लाम वैसे तो होटल में रेस्ट करने की नियत से पहुंचे थे लेकिन यहां भी मिलने वालों का तांता लगा रहा। पुराने दोस्त, बिजनेस से जुड़े लोग, शहर के प्रतिष्ठित लोगों की भीड़ लगी रही। उन्होंने हर किसी को वक्त दिया। यूपी कॉलेज के पुराने दोस्त और प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ बैठे तो पुराने दिन की याद ताजा की। पूछा कैम्पस पहले जैसा है कि या कुछ बदलाव हुआ है। उनका इंटरेस्ट इस बात पर रहा कि वहां अभी कैसी पढ़ाई हो रही है। स्टूडेंट टेक्निकल स्टडी में कितनी रूचि ले रहे हैं। शहर से पूरी तरह से वाकिफ फ्रैंक बीच-बीच में फिलहाल हो रहे बदलाव पर भी चर्चा करते रहे।
हर नजर करती रही इंतजारइधर फ्रैंक इस्लाम लोगों से होटल में मिलते-जुलते रहे उधर उनके दोषीपुरा स्थित घर पर लोग बेसब्री से उनका इंतजार करते रहे। उनकी छोटी बहन आरायीश कमर इटली से बनारस पहुंची थीं। फ्रैंक की इच्छा थी कि इस बार पूरा परिवार साथ रहे। इसके लिए उन्होंने आरायीश को आने का मैसेज दिया था। इतना सुंदर ऑफर वह भला कैसे इग्नोर कर सकती थीं। अकेले ही रोम से रवाना हो गयीं बनारस के लिए। बिजनेस की व्यस्तता की वजह से उनके शौहर अनवर इस्लाम नहीं आ सके। दोषीपुरा में ही रहने वाली बहन और बहनोई नसीम अहमद तो स्वागत की तैयारी की पूरी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पूरे घर में दौड़-दौड़कर देख रहे हैं कि कहीं कोई कमी तो नहीं रह गयी है। जरूरत होने पर हर किसी को हिदायत भी देते रहे। मुम्बई से चचेरे भाई अनवर आए हैं। तो लखनऊ से भी रिश्तेदार पहुंचे हैं। हर किसी को बस फ्रैंक के आने का इंतजार है। लोगों की बेसब्री का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि वक्त गुजारने के लिए लोग आपस में बातें कर रहें तो वह भी फ्रैंक के बारे में हो रही हैं। कोई बचपन की शरारतों के बारे में बता रहा है तो उसके जीवन संघर्ष को बयां कर रहा है।
आंसुओं ने जाहिर किए जज्बात तमाम लोगों से मिलते-जुलते शाम सात बजे फ्रैंक आ ही पहुंचे अपने घर के करीब। इसकी जानकारी होते ही पुरुष सदस्य घर की ओर आने वाली गली पर उनके स्वागत को पहुंच गए। मोहल्ले के ढेरों लोग भी उनके साथ थे। महिलाएं घर के दरवाजे पर खड़ी होकर टकटकी लगाए हुए थीं। अपनी गाड़ी से निकलकर पैदल ही गली से होते फ्रैंक घर की ओर बढ़े। घर के दरवाजे पर पहुंचते ही उनके साथ हर किसी का चेहरा खिल गया। लेकिन अर्से बाद मुलाकात की इस खुशी से आंखें नम हो गयी थीं। फ्रैंक बारी-बारी से हर किसी के पास पहुंचे। सबकी सलामती के बारे में जाना। फिर गेस्ट दूर-दराज से मिलने घर पहुंचे लोगों से मिलने के लिए गेस्ट रूम में जाकर बैठ गए। घर की महिलाएं उनके पसंद का खाना बनाने में जुट गयीं। उन्हें खाना-खाने के बाद होटल जो लौटना था।