साजन तिराहा की साइज हो गई छोटी मैदागिन चौराहा बना मजदूरों के सोने का अड्डा लंका और शिवपुर चौराहे का फव्वारा हुआ बंद लहुराबीर चौराहे पर ढककर लगा दिया स्कल्पचर

वाराणसी (ब्यूरो)स्मार्ट सिटी तभी कहलाता है जब शहर की सड़कें, पार्क दुरुस्त हों और चौक-चौराहे और उनमें लगे फव्वारे फुहार छोड़ रहे हों। लेकिन, बनारस में कुछ हद तक पार्क, गलियां तो सही हैं लेकिन फव्वारे चौराहे से हटा दिए गए। इन चौराहों पर लगे फव्वारे के बीच सावन में कांवरिये बैठकर राहत की सांस लेते थे। लेकिन, काशी में ऐसा विकास का खाका खींचा गया कि पांच चौराहे से फव्वारे ही गायब हो गए.

ढककर लगा दिया स्कल्पचर

सिटी के बीच एक मात्रा चौराहा लहुराबीर है जिसमें शानदार फव्वारा लगाया गया था। जी-20 के मेहमानों को खुश करने के लिए नगर निगम ने चौराहे पर लगे फव्वारे को स्कल्पचर से ढक दिया। सावन माह में कांवरिए चौराहे में पहुंचे तो उन्हें फव्वारा ही नहीं दिखा। इसी चौराहे पर बैठकर अपनी थकान मिटाते थे। उन पर फव्वारे की फुहार पड़ती थी तो सारी थकान दूर हो जाती थी। लहुराबीर चौराहे पर कांवरिए तो बैठे है लेकिन उनको फव्वारे की फुहार नहीं मिल पा रहा है.

सिमट गया चौराहा

साजन तिराहे पर बहुत बड़ा फव्वारा लगा हुआ था, लेकिन सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तिराहे को छोटा कर दिया गया। अव वहां सिर्फ पिकेट के जवान को खड़ा होने भर की जगह है। पहले तिराहे पर बने पार्क में कई लोग एक साथ बैठते थे और फुहार का आनंद लेते थे। अब तिराहा की साइज छोटा कर दिया गया है न तो फव्वारा है न हीं फुहार।

मैदागिन चौराहे से गायब हुआ फव्वारा

शहर को सुंदर बनाने के लिए मैदागिन चौराहे पर भी बड़ा फव्वारा लगाया गया था। वहां से फव्वारा को हटा दिया गया है और उसमें बड़ा त्रिशूल गाड़ दिया गया है। चौराहे पर बैठकर लोग गांजा और बीड़ी पीते हैं। रात के समय चौराहे के बीचों बीच सोते भी हैं। नगर निगम इन चौराहों की देखभाल भी नहीं कर पा रहा है। चौराहे पर फिर से फव्वारा लगा दिया जाए तो चौराहा फिर से सुंदर दिखने लगेगा.

साफ-सफाई का अभाव

चौराहों के सुंदरीकरण के नाम पर नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च किए लेकिन मेंटनेंस न होने से कई चौराहों की हालत खराब है। मैदागिन चौराहे को ही देख लीजिए, रात में सोने वाले मजदूर गंदगी फैलाकर सुबह चल देते हैं। इसी तरह शहर के कई चौराहों पर फव्वारा लगाया गया था लेकिन अब एक भी फव्वारा नजर नहीं आता। कचहरी पर फव्वारा को हटाकर स्मारक बना दिया गया। शिवपुर और लंका चौराहे पर भी फव्वारा की फुहार नहीं देखने को मिलती.

स्वच्छता सर्वेक्षण में मिलता फायदा

फव्वारे से शहर की सुंदरता बढ़ती है। स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इसका फायदा निगम को मिलता है। निगम ने शहर को स्मार्ट बनाने के चक्कर में चौराहों से फव्वारे को हटा दिया है। जहां फव्वारे लगे हैं वह बंद पड़े हैं और उनकी साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है। अब इन फव्वारों की साफ-सफाई, लाइट, गार्डनिंग आदि की व्यवस्था की जाएगी। ऐसा कहना है नगर निगम के अधिकारी का.

स्कल्पचर लहुराबीर चौराहे पर लगाया गया है। स्कल्पचर यह दर्शाता है कि यह शहर संगीतज्ञों का भी है। इसलिए फव्वारे को ढककर स्कल्पचर रख दिया गया है। जाम से निजात के लिए कई तिराहे और चौराहे की साइज को छोटा कर दिया गया है.

शिपू गिरी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive