बच्चों को बीमारियों से बचाएगा फोर्टिफाइड दूध
वाराणसी (ब्यूरो)। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बुखार का प्रकोप थम नहीं रहा है। इस समय बीएचयू समेत सभी सरकारी अस्पतालों में रोजाना 1800 से 2200 मरीज आ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की भीड़ जुट रही है। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे व उम्रदराज लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए फूड एंड सेफ्टी विभाग ने पैकेट बंद दूध बेचने वाली कंपनियों को दूध विटामिन ए व डी से फोर्टिफाइड करने का आदेश दिया है। वायरल बुखार के प्रकोप के दौरान बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए दूध जरूरी पेय है। इसमें कई तत्व होते हैं। गाय का दूध विटामिन ए व डी फोर्टिफाइड हो तो उसकी गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है। यह बच्चों को कई बीमारियों से बचाती है।
प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है दूध
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी खाद्य आयुक्तों और अभिहित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह ऐसी कंपनियों को प्रोत्साहित करें। इसी क्रम में गत दिनों वाराणसी, आजमगढ़ व विध्याचल मंडल की दुग्ध कंपनियों को कार्यशाला में प्रशिक्षित किया गया। विटामिन ए और डी की कमी से हृदय रोग व मांसपेशी संबंधी कई बीमारियां होती हैं। एफएसएसएआई के अनुसार इस कमी को फोर्टिफाइड दूध से पूरा किया जा सकता है। फोर्टिफाइड दूध बच्चों को एनीमिया की कमी से बचाता है, हड्डियां को मजबूती देता है। जिन्हें दूध पीने के बाद किसी भी तरह की दिक्कत होती है, उससे भी निजात दिलाता है। फोर्टिफाइड दूध में मौजूद पोषक तत्व से बच्चों के मानसिक विकास में योगदान मिलता है। ए और डी शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करते हैं.
पांच टन दूध में 100 ग्राम मिश्रण
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि पांच टन दूध में 100 ग्राम मिश्रण मिलाना होता है। विटामिन ए व डी को फोर्टिफाइड करने के लिए मिश्रण को 10 लीटर दूध में मिलाकर स्टेनलेस स्टील के कंटेनर में 45 डिग्री सेंटीग्रेड पर 10 से 15 मिनट तक गर्म किया जाएगा। इसके बाद स्टोर किए गए दूध में अच्छी तरह से 40 मिनट तक मिलाया जाता है.
किस उम्र में कितना पीना चाहिए दूध
जहां तक दूध की मात्रा की बात है तो आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुसार 1 साल से 18 साल तक के किशोरों के लिए न्यूनतम दूध की मात्रा 500 एमएल है। अगर बच्चे को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है तो एक साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को कम से कम 2 से 3 कप दूध रोजाना पीना चाहिए और इसके साथ में अनाज, फल, दालें, सब्जियां आदि भी खिलाई जानी चाहिए.
दूध प्रोटीन और कैल्शियम के साथ कई जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है। इसमें विटामिन बी-12, राइबोफ्लेविन, विटामिन डी, मैग्नीशियम, आयोडीन, खनिज, वसा और फॉस्फोरस पाए जाते हैं। जो बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने और बड़ा करने का काम करते हैं। दूध में मौजूद प्रोटीन लंबाई बढ़ाने में कारगर है.
डा। एसएस पांडेय, चिकित्साधिकारी
दुग्ध कंपनियों के प्रतिनिधि और सभी मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दूध को फोर्टिफाइड करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। कंपनियां जरूरी उपकरण की व्यवस्था कर इसकी शुरुआत करेंगी.
संजय प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त खाद्य, वाराणसी