बिन लाइसेंस चल रहीं खाने-पीने की 70 परसेंट दुकान
वाराणसी (ब्यूरो)। बिना फूड लाइसेंस के समोसा, चाय, पकौड़ी, पूड़ी की दुकान या फिर चकाचक रेस्टोरेंट चला रहे हैं तो उसे बंद कर दीजिए। पहले जाकर लाइसेंस लीजिए इसके बाद अपना दुकान चलाइए। बिना लाइसेंस दुकान चलाने वालों के खिलाफ फूड विभाग जल्द ही अभियान चलाने वाला है। अभियान के दौरान अगर पकड़े गए तो जुर्माना तो देना होगा। साथ ही दुकान की बदनामी अलग से होगी। इसलिए इससे बचने के लिए फूड विभाग से लाइसेंस जरूर जाकर लीजिए। फूड विभाग ने ऐसे ही लोगों की सहूलियत के लिए जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों को तुरंत लाइसेंस जारी किया जा रहा है.
दो साल में बढ़ीं 30 परसेंट दुकानेंशहर में दो साल के अंदर करीब 30 परसेंट दुकानें बढ़ गई हैैं। रविंद्रपुरी कालोनी में अकेले करीब सौ से अधिक दुकानें चल रही हैं। इनमें रेस्टोरेंट के अलावा सड़क के किनारे चलने वाले चाट, पकौड़ी, आइसक्रीम के दुकानदार शामिल हैं। शाम होते ही रविन्द्रपुरी की दोनों तरफ की सड़कें दुकानों से पट जाती हैं। खाने वालों की भी भीड़ देखने लायक होती है.
अंधरापुल-लहरतारा पुल के नीचे दुकानेंअंधरापुल-लहरतारा के नीचे और सड़क के दोनों साइड में दौ सौ से अधिक दुकानें लगती हैं। इन दुकानों पर चाट, चाय, पकौड़ी के अलावा, चावल, दाल, रोटी, सब्जी और बाटी-चोखा की दुकानें लगती हैं। इन दुकानों पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग खाने के लिए आते हैं। इनमें से 70 परसेंट के पास लाइसेंस ही नहीं है। सड़क के दोनों तरफ जो दुकानें चला रहे हैं, इनमें कई ऐसे हैं जोकि बिना लाइसेंस के ही खाना-पीना बेच रहे हैं.
आसपास के क्षेत्र में तेजी से खुलीं दुकानें शहर ही नहीं आसपास के क्षेत्र में भी तेजी से रेस्टारेंट और खाने-पीने की दुकानें खुली हैं। बाजार से मिले फीडबैक के अनुसार दो साल के अंदर करीब 100 से अधिक खाने-पीने की दुकानें खुली हैं। इनमें से करीब रेस्टोरेंट की संख्या करीब 2 सौ से अधिक बताई जा रही है। इनमें से 70 परसेंट के पास लाइसेंस ही नहीं है, यानि वह बिना लाइसेंस के सामान बेचकर लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसे लोगों की जल्द होगी जांचविभाग के अफसरों की मानें तो बिना लाइसेंस के दुकान चलाने के खिलाफ अभियान चलाकर जांच की जाएगी। अभी कैंप लगाकर जिनके पास लाइसेंस नहीं है उनको तुरंत लाइसेंस दिया जा रहा है। पहली बार विभाग के अधिकारी कैंप में कम्प्यूटर रखकर तुरंत जिनके पास लाइसेंस नहीं उनकी प्रक्रिया पूरी करने के बाद फीस जमा करने के बाद तुरंत लाइसेंस इश्यू किया जा रहा है। अभी तक शहर के पांच स्थानों पर कैंप लगाकर करीब दस हजार से अधिक व्यापारियों का लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके बाद भी अगर लोगों ने लाइसेंस नहीं लिया तो विभाग द्वारा अभियान चलाकर जांच की जाएगी। जांच में पकड़े जाने पर पेनाल्टी लगाया जाएगा.
रेस्टोरेंट संचालक हो या फिर फूड स्ट्रीट के दुकानदार, सभी कैंप में आकर उचित फीस जमाकर लाइसेंस ले सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए ही कैंप लगाया गया है. संजय प्रताप सिंह, फूड अभिहीत अधिकारी रेस्टोरेंट चलाने वाले व दुकानदारों के प्रति विभाग ने काफी अच्छा अभियान चला रखा है। जिनके पास लाइसेंस नहीं है, कैंप लगाकर उनको तुरंत लाइसेंस दिया जा रहा है. अजीत सिंह बग्गा, अध्यक्ष, वाराणसी व्यापार मंडल पहली बार विभाग द्वारा छोटे-छोटे दुकानदारों के लिए कैंप लगाया गया है। ऐसे में जिनके पास लाइसेंस नहीं है वह कैंप में जाकर तुरंत लाइसेंस बनवा लें. गौरव निगम, महामंत्री, न्याय मंच व्यापार मंडल की कई महिला पदाधिकारी फूड का काम करती हैं। जिनके पास लाइसेंस नहीं था उनका कैंप में जाकर लाइसेंस बनवाया गया. चांदनी श्रीवास्तव, अध्यक्ष, पूर्वांचल महिला व्यापार मंडलशहर में अभी भी कई ऐसे रेस्टोरेंट व खाने-पीने की दुकानें जिन्होंने लाइसेंस नहीं लिया है, ऐसे लोगों के लिए काफी अच्छा मौका है.
शालिनी खन्ना, अध्यक्ष, महिला व्यापार मंडल