मौसम का उतार-चढ़ाव बांट रहा बीमारियां
वाराणसी (ब्यूरो)। मार्च के मौसम ने ऐसा दर्द दिया कि अस्पतालों में मरीजों की कतार दोगुनी हो गई। कोई खांसते हुए पहुंचा तो कोई बुखार से कराहते हुए। कई मरीज तो ऐसे भी रहे कि लंबी कतार देखकर ही हदस गए कि कब पर्चा बनेगा, कब हमारा नंबर आएगा, कब इलाज शुरू होगा और कब दवा शुरू करेंगे। अस्पताल में मरीजों की लाइन इतनी लंबी थी कि नंबर आते-आते डाक्टरों की ओपीडी खत्म होने का डर सता रहा था। फिर भी हिम्मत कर लाइन में डटे रहे। दोपहर तक ओपीडी में हजारों मरीजों को देखा गया, जबकि आम दिनों में यह आंकड़ा कम ही रहता है। मौसम के उतार-चढ़ाव अब तो बारहों मास बीमारियां बांट रहा है.
हर ओपीडी में मरीजों की भीड़कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल हो या फिर पं। दीनदयाल उपाध्याय। दोनों की ओपीडी मरीजों से भरी रही। खासकर फिजीशियन की ओपीडी में मरीजों की भीड़ देखने लायक रही। हर हाथ में पर्चा लिए ओपीडी के बाहर अपनी पारी का इंतजार करते नजर आए। कई इतना अधिक बीमार रहे कि बाहर लगे चौकी और बेंच पर ही लेट गए थे। कई मरीज तो ऐसे भी देखे गए कि ओपीडी के बाहर बैठने के लिए जगह नहीं मिली तो जमीन पर ही लेट गए थे.
खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या ज्यादा
डाक्टर की ओपीडी में ज्यादातर खांसी और बुखार की मरीजों की संख्या रही। खांसते-खांसते कई लोगों की हालत खराब रही। ऐसे लोगों से अन्य मरीज भी दूरी बनाकर रहे। मरीजों की बीमारी को देखते हुए डाक्टर भी फटाफट उपचार करना शुरू किया। लेकिन, भीड़ इतनी थी कि मरीजों की संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी। डाक्टर भी तब तक देखते रहे जब तक मरीज नहीं कम हुए. सिरदर्द और उल्टी की भी शिकायत अचानक मौसम में आए बदलाव के चलते कई लोगों में सिरदर्द और उल्टी की शिकायत बढ़ गई है। अस्पताल में ऐसे मरीज भी पहुंचे, जिन्हें अचानक ठंड लगने से उल्टी हो रही थी। डाक्टरों का कहना था कि मार्च में इस तरह से मौसम होते नहीं हैं लेकिन अचानक मौसम बदला है। इससे लोग बचकर रहें, क्योंकि इससे खांसी, बुखार और सिरदर्द हो रहा है। जिन मरीजों को ऐसी दिक्कत हो, वह बचकर रहें. गर्मी में प्रमुख बीमारियां टाइफाइड हीट स्ट्रोक सन बर्न स्किन एलर्जी बारिश में प्रमुख बीमारियां डेंगू मलेरिया डायरिया हैजा पीलिया सर्दी में प्रमुख बीमारियां सर्दी, जुकाम जोड़ों का दर्द अस्थमा गले में संक्रमण कतारों से बचने का इंट्रक्शनकबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में पर्चा बनवाने के लिए अजीबो-गरीब सिस्टम बना रखा है। गेन गेट के पास पर्चा काउंटर पर कतारों से बचने का इंट्रक्शन लगा रखे हैं तो दूसरी तरफ नई बिल्डिंग के पास हजारों मरीजों की कतार लगी रही। एक ही अस्पताल में इस तरह की व्यवस्था देख कई मरीज परेशान नजर आए.
अब तो बारहों मास बीमारियों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। बदलते मौसम में बहुत सारी बीमारियां होती हैं। बेमौसम बारिश से वायरल संक्रमण जैसे स्माल पॉक्स, चिकन पॉक्स, वायरल बुखार, हर्पीस का इंफेक्शन, फ्लू होने का खतरा ज्यादा होता है। यह सब अनादि काल से प्राकृतिक आपदा के रूप में आती रहती हैं। चरक संहिता में इसे जनपदोध्वंस कहा गया है. डा। एसएस पांडेय, फिजीशियन मौसम को देखते हुए मरीज बचकर रहें। इस समय खांसी, जुकाम और बुखार की मरीजों में दोगुना इजाफा हुआ है। ओपीडी में इस तरह के मरीज काफी आ रहे हैं। अस्पताल में ऑनलाइन और आफलाइन पर्चा बनाने की व्यवस्था की गई है. डा। एसपी सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, मंडलीय अस्पताल