पीडीडीयू जंक्शन पर पांच साल में बरामद हुए पांच करोड़
वाराणसी (ब्यूरो)। ए श्रेणी के पीडीडीयू जंक्शन की सुरक्षा में तस्कर सेंध लगा रहे हैं। इस कारण यह है कि जंक्शन से ट्रेनों से सिर्फ सोना-चांदी ही नहीं बल्कि नकदी की तस्करी भी लगातार हो रही है, जबकि आनलाइन मनी ट्रांसफार के जमाने में रुपयों की बरामदगी चौंका रही है। काले धन पर भी निगाह टिकी हुई है। अब ऐसा माने जाने लगा है कि जंक्शन सोने, चांदी व शराब तस्करी का महफूज ठिकाना बन चुका है। तस्करों का जाल बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। पांच साल में पांच करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं।
15 दिन बाद रिपोर्टस्टेशन पर बरामद होने वाले रुपयों के बारे में जांच के नाम पर केवल बयान दर्ज किया जाता है। इसके बाद मीडिया के समक्ष आरोपितों को पेश कर छोड़ दिया जाता है। यही वजह है कि आज तक बरामद रुपयों का राजफाश नहीं हो पाया है। बस आयकर की रिपोर्ट पर बरामद रुपयों की जांच टिकी रहती है। जीआरपी का दावा है कि 15 दिनों के बाद रिपोर्ट मिलती है, लेकिन इसके बाद क्या होता है कुछ पता नहीं चलता है.
तस्करों का सेफ जोनरेलवे को भारत की लाइफ लाइन माना जाता है। प्रतिदिन करोड़ों लोग रेलवे से यात्रा करते हैं। हावड़ा-दिल्ली रूट देश के व्यस्ततम रेल रूटों में है। यात्रियों के साथ तस्कर भी ट्रेनों को नकदी और सोने चांदी, कछुआ, नशीले पाउडर आदि की तस्करी करते हैं। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर अब तक चार वर्षों में 70 किलो से अधिक सोना बरामद हो चुका है, वहीं पांच वर्षों में पांच करोड़ रुपये नकदी बरामद हो चुकी है।
मिले थे दो करोड़ नकद 20 जुलाई 2018 को दूरंतो एक्सप्रेस के ए-वन कोच से हावड़ा से दिल्ली ले जाए जा रही दो करोड़ रुपये की नकदी को जीआरपी और आरपीएफ के टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह से बरामद किया। इस दौरान राजस्थान के गंगानगर निवासी व्यक्ति को गिरफ्तार किया। 25 अक्टूबर को राजधानी एक्सप्रेस में 50 लाख दस हजार 840 रुपये बरामद हुए। 25 जनवरी 2020 को जीआरपी व आरपीएफ ने स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो की सीढ़ी से एक करोड़ 18 लाख रुपये नकदी के साथ एक तस्कर को पकड़ा। आरोपित वाराणसी से रुपये भरे दो बैग लेकर हावड़ा के दुर्गापुर जाने की फिराक में था। मिली कई देशों की करेंसी31 जुलाई 2020 का स्थानीय रेलवे स्टेशन परे आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम कटनी मध्य प्रदेश निवासी एक युवक को गिरफ्तार किया। उसके पास से 48.50 लाख भारतीय रुपये के साथ अमेरिका, चीन, नेपाल, थाईलैंड सहित एक दर्जन देशों की लगभग 41.84 लाख रुपये मूल्य की करेंसी बरामद की। वहीं आठ मार्च 2021 को ब्रह्मपुत्र मेल से एक करोड़ रुपये मूल्य के दो-दो हजार के नकली नोट बरामद किए। 15 जून की रात आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीम ने एक व्यक्ति को 38.50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया। लगभग डेढ़ वर्ष बाद फिर से सात दिसंबर 2022 को दो लोगों के पास से 30 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। इसके बाद एक सप्ताह पूर्व जंक्शन से दो लोगों को 28 लाख और पांच फरवरी 2023 को 38.54 लाख नकद बरामद हुए। जीआरपी गिरफ्तारी तो करती है, लेकिन आगे की जांच के लिए आयकर को सौंप देती है। इसके बाद जांच कहां तक पहुंचती है, किसी को पता तक नहीं चल पाता है.
रुपयों से संबंधित कागजात न दिखाने पर गिरफ्तारी की जाती है। इसके बाद आयकर के सुपुर्द कर दिया जाता है। आगे की जांच आयकर करती है। 15 दिनों बाद जांच रिपोर्ट मिलती है. सुरेश कुमार ङ्क्षसह, इंस्पेक्टर, जीआरपी, पीडीडीयू जंक्शन कोतवाली